भारत में मिलने वाली अन्य चीजों के अलावा, दूसरी और जो चीज है जिस पर हमें गर्व है वह है हमारे देश में मिलने वाले पारंपरिक साबुत मसाले। मसाले भोजन के स्वाद को बढ़ाते हैं, साथ ही इनसे हमें कई तरह के दूसरे स्वास्थ्य लाभ भी मिलते हैं। इन मसालों में सबसे मुख्य मसाला है मिर्च, जिसके बिना भारतीय भोजन का स्वाद अधूरा है। सब्जी से लेकर अचार और चटनी तक बिना मिर्च के अधूरी है। बता दें कि भारत में मिर्च की कई किस्में उगाई जाती हैं, जिनमें से कुछ खास को भारत सरकार ने जीआई टैग दिया है। चलिए बिना देर किए जान लेते हैं मिर्च के उन पॉपुलर किस्मों के बारे में...
भूत जोलोकिया
असम की फेमस भूत जोलोकिया दुनिया की सबसे तीखी मिर्च के लिस्ट में शामिल है। इस खास तीखी मिर्च ने भारत में ही बल्कि दुनियाभर में खास लोकप्रिय है, तभी तो साल 2007 में दुनिया की सबसे तीखी मिर्च होने के कारण गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में जगह बनाई थी। गिनीज वर्ल्ड बुक में नाम बनाने के बाद भारत सरकार ने इस मिर्च को साल 2008 में जीआई टैग दिया गया था।
गुंटूर मिर्च
आंध्र प्रदेश की शान गुंटूर मिर्च राज्य के अलावा भारत की भी शान है। गुंटूर मिर्च भारत के कुल निर्यात का लगभग 30 प्रतिशत हिस्सा होता है। इस गुंटूर मिर्च का उपयोग आमतौर पर स्वादिष्ट और मसालेदार व्यंजन के लिए बनाया जाता है।
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खोला मिर्च
गोवा के खोला जिले में उगाई जाने वाली यह मिर्च अपने अनोखे स्वाद, सुगंध और चमकीले रंग के लिए जानी जाती है। खोला मिर्च आमतौर पर आम के अचार से लेकर चटनी और मछली करी बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इस मिर्च के तीखापन अचार, चटनी और सब्जी में अनोखा स्वाद और खुशबू लाता है।
हथेई मिर्च
मणिपुर की शान हथेई मिर्च को आमतौर पर उखरूल जिले में उगाया जाता है। यह मिर्च अपने अनोखे स्वाद, सुगंध और गहरे रंग के लिए मशहूर है। इस मिर्च को भारत सरकार की ओर से साल 2021 में जीआई टैग मिला था। चमकीले रंग का यह मिर्च करीब 8-9 इंच लंबी होती है।
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डल्ले खोरसानी
मोमो चटनी तो सभी को पसंद है, जो खासतौर पर तीखी लाल मिर्च से बनाई जाती है। डल्ले खोसानी दार्जिलिंग में उगाई जाती है और इस मिर्च का उपयोगखासतौर पर अनोखा स्वाद और सुगंध पाने के लिए मोमो चटनी में इस्तेमाल किया जाता है। इस मिर्च को साल 2020 में जीआई टैग मिला था और इसे दार्जिलिंग के अलावा सिक्किम और आस पास के क्षेत्रों में भी उगाया जाता है।
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