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क्या है कोरापुट काला जीरा चावल जिसे हाल ही में मिला है GI Tag, जानें इसका पोषण मूल्य और खासियत

कोरापुट जिले के आदिवासी समुदाय के द्वारा इस काला जीरा चावल को 1000 सालों से अधिक संरक्षण में रखा गया है। यह अपनी अच्छी सुगंध, रंग, स्वाद और बनावट के लिए जाना जाता है। <div>&nbsp;</div>
Editorial
Updated:- 2024-01-19, 15:30 IST

पोषण मूल्यों से भरपूर सुगंधित चावल के किस्म कोरापुट काला जीरा राइस को भौगोलिक संकेत यानी जीआई टैग मिला है। यह कोरापुट जिले के आदिवासी समुदाय की धरोहर है, जिसे उन्होंने सालों से सहेज कर रखा है। आदिवासी किसान इस काला जीरा राइस को सालों से उगा रहे हैं। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चावल उत्पादक है, यहां लाख से भी अधिक चावल की किस्में उगाई जाती है। भारत के अधिकांश राज्यों के पास चावल की अलग-अलग बेहतरीन किस्में हैं। अभी तक चावल की 16 किस्मों को जीआई टैग मिल चुका है और अब काला जीरा राइस चावल की 17वीं किस्म है जिसे जीआई टैग मिला है।

काला जीरा राइस की खासियत

koraput kala jeera

काला जीरा राइस ओडिशा के कोरापुट जिले की जयपोर क्षेत्र और आसपास के दूसरे भौगोलिक क्षेत्र की प्रमुख चावल की किस्म है, जहां इस खास चावल को उगाया जाता है। बता दें कि कोरापुट जिले के तोल्ला, पात्रापुट, पुजारीपुट, बालीगुडा और मोहुली में इस चावल की खास किस्म हो उगाया जाता है। मान्यता है कि काला जीरा राइस स्मरण शक्ति को मजबूत बनाती है और शुगर को नियंत्रण में रहती है। इसके अलावा यह हीमोग्लोबिन लेवल को बूस्ट करने में भी सहायक है।

सालों के मेहनत को अब मिला फल

कोरापुट काला जीरा राइस को जीआई टैग मिलने के बाद आदिवासी किसानों में खुशी की अलग ही लहर है। 1000 सालों से अधिक आदिवासी किसानों पीढ़ियों से इस चावल के किस्म को क्षेत्र में उगा रहे हैं और इसे संरक्षण प्रदान कर रहे हैं। उनकी 1000 साल की तपस्या को सरकार ने अब फल दिया है। बता दें कि कोरापुट काला जीरा राइस को चावल का राजकुमार कहा जाता है। यह चावल अन्य चावल की रंगों की तरह सफेद या मटमैली नहीं होती, बल्कि इसका रंग काला होता है। जीरा की तरह दिखने के कारण लोग इसे काला जीरा राइस कहते हैं। अपनी अलग बनावट, रंग, स्वाद और सुगंध के लिए यह चावल उपभोक्ताओं के बीच मशहूर है।

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भारत में इन चावल की किस्मों को मिल चुका है जीआई टैग 

koraput kala jeera rice

  • बासमती चावल पंजाब, हरियाणा, यूपी, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश
  • पलक्कडन मटका चावल, केरल
  • पोक्कली चावल, केरल
  • वायनाड जीरा कासला चावल, केरल
  • वायनाड गंधकसाला चावल, केरल
  • कालानमक चावल, उत्तर प्रदेश
  • कैपड (काइपाद) चावल, केरल
  • अजारा घनसाल चावल, महाराष्ट्र
  • अंबेमोहर चावल, महाराष्ट्र
  • असम का जोहा चावल, असम
  • गोबिंदोभोग चावल, पश्चिम बंगाल
  • तुलाईपंजी चावल, पश्चिम बंगाल
  • कतरनी चावल, बिहार
  • चोकुवा चावल, असम 
  • चक-हाओ चावल, मणिपुर

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Image Credit: Freepik

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