मुंबई शहर का नाम जहन में आते ही ऊंची इमारतें और महंगे होटल्स की तस्वीर आंखों में उभर आती है। मगर मुंबई शहर को एक और वजह से भी जाना जाता है और वह है यहां के स्लम ऐरिया। जाहिर है स्लम के नाम से ही आप नाक मुंह सिकोड़ने लगे होंगे। ज्यादातर लोग यही करते हैं। स्लम से लोगों के दिमाग में छोटे छोटे घर, कूड़े का ढेर और गंदगी की ही पिक्चकर बनती है। मगर इन स्लम्स के बारे में जानने और इन्हें देखने का क्रेज भी लोगों में खूब होता है। खासतौर पर बाहर से पहली बार मुंबई शहर घूमने आए लोगों और विदेशियों में स्लम्स की लाइफ के बारे में जानने और वहां के लोगों की दिनचर्या को नजदीक से देखने का अलग ही एक्साइटमेंट होता है।
लोगों के इस एक्साइटमेंट के चलते ही अब इन स्लम्स में रहने वाले लोग भी चाहते हैं कि बाहर से लोग आएं और उनके साथ रुक कर उनके बारे में जाने और स्लम में रहने का एक्सपीरियंस लें। मुंबई कई स्लम्स में इसकी शुरुआत भी हो चुकी है। सांताक्रूज के गोलीबार ऐरिया के स्लम में एक ऐसा ही परिवार है जिसने स्लम टूरिज्मर को बढ़ावा देने के लिए अपने घर में ही टूरिस्ट्स के लिए होम स्टे बना रखा है।
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परिवार के मुखिया रवि टोनिया संसी हैं। उनके घर पर 16 सदस्य हैं। इतने बड़े परिवार के साथ रवि 12’6 फिट के घर में रहते हैं। इसी घर में रवि ने एक होम स्टे भी बना रखा है। हैरानी की बात तो यह है कि इतनी छोटी सी जगह पर बने इस होम स्टे में प्रावेसी का खास ख्याल रखा गया है। इसे एक छोटे से कमरे का शेप दिया गया है जिसमें बेड, फ्लैट टीवी और ऐयर कंडीशनर लगा हुआ है। टूरिस्ट के लिए एक अलग बाथरूम का भी इंतजाम किया गया है।
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अपने छोटे से घर पर होम स्टे खोलने का आइडिया रवि का खुद का नहीं था बल्कि यह आइडिया उन्हें नीदरलैंड के डेविड बिजिल ने दिया था। डेविड मुंबई में एक एनजीओ चलाते हैं। रवि डेविड के एनजिओ में ही काम करता है। स्लम का एक्सपीरियंस करने के लिए डेविड एक बार रवि के घर पर ही रुके थे और तब ही उन्हें यह आइडिया आया कि क्यों न विदेशों से आने वाले लोग, जो स्लम टूरिजम में इंट्रेस्टिड होते हैं उनके लिए स्लम में ही होम स्टे की व्यवस्था की जाए। इस आइडिया के तहत ही उन्होंटने रवि के घर को चुना और होम स्टे तैयार करवाया।
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स्लम टूरिज्मा और होम स्टेन से न केवल टूरिस्ट्स को स्लम की लाइफस्टाइल का रियल एक्सपीरियंस होता है बल्कि अपने घर पर होम स्टे देने वाले को भी फिनैंशियली फायदा होता है। मुंबई में बने बड़े बड़े होटल्स में एक दिन रहने के लिए जहां टूरिस्ट को 5000 रुपय से लेकर 7000 रुपय तक की कीमत चुकानी पड़ती है वहीं स्लनम में बने होम स्टेल में रहने के लिए 2000 रुपय तक की कीमत देनी पड़ती है।
मुंबई के घाटकोपर इलाके में बना असल्फा स्लम ऐरिया भी विदेशी टूरिस्ट्स के लिए एक अट्रैक्शन प्वाइंट है। इस स्लम ऐरिया की खूबी यह है कि यह मुंबई के अन्य स्लम्स से काफी हटकर है। यहां आपको कूड़ा देखने को नहीं मिलेगा और यहां बने घर भी काफी खूबसूरत हैं। यहां के घर अलग अलग रंगों में रंगे हुए हैं और यहां की दीवारों पर तरह तरह की कलाकृतियां बनी हुई हैं। यह कलाकृतियां इतनी खूबसूरत हैं कि लोगों को खूब अट्रैक्ट करती हैं। विदेशी टूरिस्ट तो खासतौर पर यहां पिक्चर्स क्लिक कराने आते हैं। कलरफुल और खूबसूरत दिखने की वजह से इस स्लम की तुलना इटली के पोजीतानो नाम के गांव से की जाती है।
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