भारत में एक नहीं बल्कि कई मैंग्रोव फॉरेस्ट हैं जो टूरिस्टों को आकर्षित करते हैं। मैंग्रोव फॉरेस्ट पर्यावरण को सुरक्षित रखने में अहम भूमिका निभाते हैं। यही नहीं मैंग्रोव पेड़-पौधे पर्यावरण का व्यापक तौर पर संरक्षण करते हैं। यह चक्रवात की तीव्रता को कम करने में भी बेहद प्रभावी हैं। दरअसल मैंग्रोव पेड़ और झाड़ियों का एक समूह जो धरती के तटीय क्षेत्रों में कायम हैं। वहीं ये पेड़ धीमी गति से बढ़ने वाले पानी के साथ कम ऑक्सीजन वाली मिट्टी में उगते हैं।
भारत में कई मैंग्रोव फॉरेस्ट हैं जिनकी खूबसूरती आपका मन मोह लेगी। प्रकृति की इन खूबसूरत जगहों का नजारा लेना चाहती हैं तो एक बार यहाँ की ट्रिप जरूर प्लान करें। वहीं मैंग्रोव फॉरेस्ट के बीच से गुजरते हुए बोटिंग कर आप अपनी ट्रिप को और भी यादगार बना सकती हैं। इन मैंग्रोव जगंलों को घूमने के लिए चार्ज भी लगता है, जो पॉकेट फ्रेंडली होता है। वहीं हम इस आर्टिकल में बताएंगे इन मैंग्रोव जंगलों के बारे में...
पिचवारम में मैंग्रोव फॉरेस्ट 1,100 हेक्टेयर से अधिक में फैला हुआ है। यह जंगल तमिलनाडु में चिदंबरम के करीब स्थित है। खास बात है कि पूरा क्षेत्र बेहद खूबसूरत है और बड़ी संख्या में यहां जलीय पक्षी हैं। यहां के मछुवारे ही टूरिस्टों को बोट के जरिए इन खूबसूरत जगहों को घुमाते हैं। वहीं पक्षियों के अलावा यहां कई जंगली जानवर भी मौजूद होते हैं, ऐसे में मछुवारे सुरक्षा का खास ध्यान रखते हैं। गर्मियों में आप पिचवरम मैंग्रोव फॉरेस्ट के बीच से गुज़रते हुए बोटिंग का लुत्फ उठा सकते हैं।
विश्व का सबसे बड़ा मैंग्रोव फॉरेस्ट है सुंदरवन जहां तरह-तरह के विदेशी पक्षी होने के साथ-साथ कई तरह के जंगली जानवर भी हैं। सुंदरवन में 180 से अधिक प्रजातियों के पेड़ और पौधे हैं, जिसकी जानकारी आप ले सकते हैं। सुंदरवन में जाने के लिए टिकट लगता है, जिसके बाद आप यहां के मैंग्रोव फॉरेस्ट का भी नजारा ले सकती हैं। अगर आप नेचर या फिर पेड़ पौधों की तरह-तरह की प्रजातियों को देखने में रुचि रखती हैं तो एक बार यहां जरूर घूमने जाएं। स्थानीय पर्यटक सुंदरवन नेशनल पार्क न्यूनतम शुल्क पर घूमने जा सकते हैं।
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बाराटांग पर्यटकों के बीच लाइम स्टोन की गुफाओं और मैंग्रोव फॉरेस्टों के लिए काफी पॉपुलर है। यह पोर्ट ब्लेयर से सिर्फ 150 किमी दूर स्थित है, यहां की वाइल्ड लाइफ और अलग-अलग पक्षियों को देखने के लिए एक शानदार जगह है। वहीं बाराटांग के मैंग्रोव फॉरेस्ट में आपको कुछ विदेशी पक्षियों की प्रजातियाँ भी देखने को मिल सकती हैं। खास बात है कि इस फॉरेस्ट में ट्रैकिंग, क्रीक सफारी, और आइलैंड कैम्पिंग जैसी कई एक्टिविटी को एन्जॉय किया जा सकता है।
भारत के पूर्वी तट पर स्थित गोदावरी-कृष्णा मैंग्रोव कृष्णा और गोदावरी नदियों के डेल्टा में स्थित है। खास बात है कि यह जंगल ओड़िसा से तमिलनाडु तक फैला हुआ है। अन्य मैंग्रोव जंगलों की तरह यहां भी पेड़-पौधों के अलावा पक्षियों की भी अलग-अलग प्रजातियों को देखा जा सकता है। यही नहीं इन जंगलों में पेड़ों की बनावट और उनकी जड़े टूरिस्टों को काफी आकर्षित करती हैं। इसके अलावा पत्तियों की विशेष प्रकार की बनावट के कारण इन्हें अलग से पहचाना जा सकता है।
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सुंदरवन के बाद भीतरकनिका भारत में दूसरा सबसे बड़ा मैंग्रोव वन है, जो ओड़िसा में स्थित है। भीतरकनिका मैंग्रोव ब्राह्मणी और वैतरणी नदी के दो डेल्टा द्वारा बनाया गया है। यह भारत में सबसे महत्वपूर्ण रामसर आर्द्रभूमि में से एक है। अगर आप शहर की भीड़भाड़ से दूर अपनी फैमिली या फ्रेंड्स के साथ घूमने के लिए शांत और प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर जगह तलाश कर रही हैं तो भितरकनिका मैंग्रोव को जरूर एक्सप्लोर करें।
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