भोपाल शहर को झीलों का शहर कहा जाता है, यहां आपको नेचुरल और आर्टिफिशियल झीलें दोनों ही देखने को मिल जाएंगी। लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि ये झीलें जितनी खूबसूरत हैं, उतनी ही रहस्यमयी भी। इन रहस्यों का अंदाजा आप इस बात से ही लगा सकते हैं कि इस शहर की झील में एक महल समाया हुआ है।
पुराने भोपाल में स्थित रानी कमलापति महल का अपना ही गौरवशाली इतिहास है, पहले कभी यहां एक खूबसूरत महल हुआ करता था। सुविधाओं से लैस उस महल में लोग रहा करते थे, फिर एक रोज वह महल डूब गया।
रानी कमलापति महल का निर्माण लगभग 300 साल पहले किया गया था, कहा जाता है कि इस महल का निर्माण निजाम शाह की पत्नी रानी कमलापति द्वारा करवाया गया था, जिस कारण महल का नाम कमलापति महल पड़ा।समय के साथ-साथ महल के कई नाम भी बदले, इस महल को भोजपाल का महल और जहाज महल के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि रात में इस महल का प्रतिबिंब किसी जहाज जैसा नजर आता है।
महल को लखौरी ईंटों और मिट्टी के मेल से बनवाया गया था। लखौरी ईंटें खासतौर पर लाहौर शहर से मंगवाई गई थीं, जिससे इमारत को मजबूत बनाया जा सके जो लंबे समय तक चले। महल के नीचे के हिस्सों को भारी पत्थरों के आधार पर बनाया गया था, ताकि यह झील में कभी धंसे नहीं। महल को झील के किनारे बड़ी खूबसूरती से बनाया गया था, जिसके दोनों तरफ से झीलों का खूबसूरत नजारा देखने मिलता था।
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बताया जाता है कि महल में कभी एक शाही कमरा हुआ करता था जो छोटी झील की तरफ स्थित था। वहां लगातार पानी की टंकी से पानी छोड़ा जाता था, जिससे गर्मी के मौसम में भी बारिश का सुहाना मौसम बना रहे।
शाही कमरे के ऊपर रानी कमलापति का कमरा भी था, जहां रानी अपने परिवार के साथ रहा करती थीं। पर वह कमरा भी पानी के भीतर समाया हुआ है। कहते हैं कि महल के सामने एक बाग भी हुआ करता था, जो पानी में डूबने कारण अब झील में बदल गया है।
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मुगल साम्राज्य के पतन के बाद गिन्नौर में गौंड के राजा निजाम शाह का शासन हुआ करता था। उसकी सात रानियों में कमलापति भी एक थीं। रानी खूबसूरत होने के साथ-साथ बुद्धिमान भी थीं। बताया जाता है कि निजाम शाह को उनके भतीजे चैन शाह ने जहर देकर मार डाला, तब रानी कमलापति को मजबूरन अपने बेटे के साथ भोपाल आना पड़ा, भोपाल आकर रानी ने राजा के मित्र मोहम्मद खान से मदद मांगी। कहा जाता है रानी ने राजा के कातिल को मारने की सुपारी दिलाई और कातिल की हत्या करवा दी। इसके बदले रानी ने मोहम्मद को जितना धन देने की बात कही थी, रानी वह देने में असफल रहीं। जिस कारण रानी को अपनी रियासत का कुछ हिस्सा भी मोहम्मद को देना पड़ा।
कहा जाता है कि मोहम्मद खान की बुरी नजर रानी कमलापति पर थी, वह उसे पाना चाहता था। जिस कारण रानी के बेटे और मोहम्मद खान के बीच युद्ध हुआ। युद्ध में रानी के बेटे नवल शाह की मृत्यु हो गई। कहा जाता है कि यह युद्ध भोपाल (भोपाल में दोस्तों के साथ जाएं घूमने) के पास जिस जगह पर हुआ वह खून से लाल हो गई, जिस कारण इस जगह का नाम लालघाटी पड़ गया।
युद्ध में बेटे की मौत का संदेश पाते ही रानी ने महल की तरफ बांध का सकरा रास्ता खुलवा दिया, जिससे तालाब का पानी महल में आने लगा। माना जाता है कि रानी ने ऐसा इसलिए किया ताकि दुश्मन उनके शरीर को छू भी ना सके। कुछ ही समय में पूरे महल में पानी भर गया, इमारतें डूबने लगीं। रानी ने अपनी सारी दौलत और कीमती सामान सहित पानी में ही समाधि ले ली।
इस महल की बाकि दो मंजिलें अभी भी संरक्षित हैं, जहां सैलानी घूमने आते हैं। आप अगर भोपालजाने का मन बना रहे तो एक बार यह महल देखने जरूर जाएं। आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे लाइक और शेयर करें, साथ ही ऐसी रहस्यमयी जगहों के बारे में जानने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
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