जम्मू कश्मीर में ऐसे कई छोटे-छोटे गांव हैं, जिससे लोग अंजान है। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में पहला टूरिस्ट विलेज 'पंचारी' का शुभारंभ किया गया है। जम्मू कश्मीर के डिविजनल कमिश्नर राघव लंगर ने पंचारी का शुभारंभसंकरी देवता मैदान में किया। डिविजनल कमिश्नर राघव लंगर के अनुसार, यह जम्मू कश्मीर पर्यटन गांव ग्रामीण अर्थव्यवस्था और सामुदायिक उद्यमिता को मजबूत करने के उद्देश्य से एक पहल है। प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर पंचारीगांव हॉलिडे डेस्टिनेशन के तौर पर यात्रियों के बीच काफी पॉपुलर है।
यहां आने वाले लोगों को होमस्टे की सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके साथ ही, टूरिस्टों के जरिए यहां के स्थानीय लोगों की आय भी बढ़ेगी। वहीं स्थानीय लोगों के अनुसार, यात्री अक्सर छुट्टियों में ऐसी जगह की तलाश करते हैं, जो प्राकृतिक नजारों से भरपूर हो, साथ ही, उन्हें घर का भी अहसास कराती हो। इन दोनों चीजों के लिए पंचारीगांव उपयुक्त है।
यहां आने वाले लोगों को होमस्टे की सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके साथ ही, टूरिस्टों के जरिए यहां के स्थानीय लोगों की आय भी बढ़ेगी। वहीं स्थानीय लोगों के अनुसार, यात्री अक्सर छुट्टियों में ऐसी जगह की तलाश करते हैं, जो प्राकृतिक नजारों से भरपूर हो, साथ ही, उन्हें घर का भी अहसास कराती हो। इन दोनों चीजों के लिए पंचारीगांव उपयुक्त है।
गांवों की रूप रेखा बदला जाएगा

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सितंबर 2021 में मिशन यूथ के तहत जम्मू कश्मीर टूरिस्ट विलेज नेटवर्क का शुभारंभ किया था। इस पहल का उद्देश्य केंद्र शासित प्रदेश के 75 गांवों को बदलना है, जो अपनी ऐतिहासिक प्रासंगिकता, प्राकृतिक खूबसूरती और सांस्कृतिक महत्व के लिए जाने जाते हैं। बता दें कि जम्मू कश्मीर में घूमने की कई जगहें हैं। प्राकृतिक नजारों से भरपूर होने के साथ-साथ यहां एडवेंचर के लिए भी कई जगहें हैं। यही नहीं पूरे देश में सबसे ज्यादा पर्यटक जम्मू कश्मीर में आते हैं। गर्मियों में यहां लाखों-हजारों लोग घूमने के लिए आते हैं। जुलाई और अगस्त की बात करें तो यहां काफी भीड़ देखने को मिलती है।
हिल स्टेशन है पंचारी
उधमपुर का गांव पंचारी एक हिल स्टेशन हैं, जहां यात्रियों का आना-जाना लगा रहता है। उधमपुर से पंचारी पहुंचने के लिए यात्रियों को लगभग डेढ़ घंटे का रास्ता तय करना होगा। यहां आसपास घूमने के लिए कई जगहें हैं, जिसमें मंदिर से लेकर कई हरे-भरे पहाड़ शामिल हैं। गर्मियों के सीजन में लोग यहां अधिक आते हैं। इसके अलावा यहां रहने के लिए लोगों जो घर उपलब्ध कराए जाते हैं वह ज्यादातर लकड़ियों से बने होते हैं। अगर मनाली या फिर उत्तराखंड से अलग अनुभव लेना चाहती हैं तो पंचारी घूमने का प्लान बनाएं। पहाड़ों के ऊपर लड़कियों के बने इन घरों को देखने के बाद यात्रियों का मन अक्सर गर्मियों की छुट्टी में यहां आने करता है।
कैसे पहुंच सकती हैं पंचारी

पंचारी गांव पहुंचने के लिए यात्री हवाई-जहाज और ट्रेन दोनों की सुविधाएं ले सकते हैं। पंचारी गांव सड़क मार्ग द्वारा जम्मू-कश्मीर और भारत के अन्य स्थानों से NH 44 द्वारा जुड़ा हुआ है। ट्रेन से आने वाले यात्रियों के लिए दो श्री माता वैष्णो देवी कटरा या फिर उधमपुर रेलवे स्टेशन हैं। पंचारी गांव से श्री माता वैष्णों देवी कटरा रेलवे स्टेशन 57 किलोमीटर दूर है, जबकि उधमपुर 40 किलोमीटर है। वहीं रेलवे स्टेशन 95 किलोमीटर दूर है। पंचारी गांव पहुंचने के लिए कैब या फिर स्थानीय गाड़ी दोनों की मदद ली जा सकती है।
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