बंजारन से शादी कर राजा ने उसके नाम कर दिया था निजामों का यह शहर

भारत का छठा सबसे बड़ा शहर, हैदराबाद कई कारणों से फेमस है, मगर शहर का यह नाम एक बंजारन लड़की के नाम पर रखा गया था।  कौन थी यह लड़की ? आइये जानते हैं।   

how hyderabad city got its name ()

निजामों के शहर के नाम से मशहूर हैदराबाद वैसे तो अपने खूबसूरत पैलेसेस और जायकेदार फ़ूड के लिए दुनिया भर में मशहूर है। मगर यह शहर कब और कैसे बसा इस बारे में बहुत काम ही लोगों को पता है। साउथ इंडियन मूवीज का हब कहे जाने वाले इस शहर की सरजमीं में इतिहास की कई कहानियां दफन हैं. इन कहानियों में एक कहानी इस शरह को बसाने वाली भी है। यह एक राजा और बंजारन लड़की की प्रेम कहानी है, जो इस शहर को बसाने का आधार बनी, आज भी लोगों के लिए यह कहानी रहस्य का विषय बनी हुई है।

how hyderabad city got its name ()

कौन था राजा ?

यह कहानी 600 वर्ष पुरानी 14वीं-15वीं शताब्दी की है, जब दक्षिण भारत में गोलकोंडा की कुतुबशाही का दबदबा था। कुतुबशाही वंश के चौथे शासक इब्राहिम कुली कुतुब शाह और उनकी हिन्दू तेलगू बेगम भागीरथी की संतान और कुतुबशाही के अगले शासक एवं 15वीं शताब्दी के मशहूर शायर मोहम्मद कुली कुतुब शाह को बहुत ही कम उम्र में एक हिन्दू बंजारन भागमती से प्रेम हो गया।

how hyderabad city got its name ()

कैसे हुई शुरुआत

गोलकुंडा किले से कुछ दूरी पर मूसी नदी के उस पार बसे छोटे से गाँव छिछलम गाँव की रहने वाली भागमती बेहद खूबसूरत थी। मोहम्मद कुली कुतुब भागमती के प्यार में इस कदर डूब चुके थे की उन्हे परिवारवालों की नाराजगी का भी डर नहीं था। वह छुप कर रोज़ भागमती से मिलने नदी के उस पार उसके गाँव जाते। इतना ही नहीं प्रेम में डूबे शहजादे कुली शाह ने भागमती पर ढेरों शायरियाँ भी लिख डाली थीं। घरवालों के हाथ जब शाह की शायरियाँ लगी और उसमें भागमती का जिक्र दिखा तो वह शाह और भागमती के प्रेम के बीच दीवार बन गए।

मगर अपने प्यार की सच्चाई का परिमाण देने के लिए मोहम्मद कुली कुतुब शाह ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी। एक दिन तेज बारिश की वजह से उफनती मुसी नदी में घोड़े सहित कूद कर भागमती से मिलने पहुँच गाये। बस फिर क्या था भागमती से शहजादे की बेपनाह मोहब्बत को देख पिता इब्राहिम को रिश्ता कबूल करना पड़ा। शादी के बाद भागमती ने इस्लाम धर्म कबूल लिया और उसका नाम बदल कर हैदर महल रखा गया।

पिता के इंतकाल के बाद जब मोहम्मद कुली कुतुब शाह को कुतुबशाही संभालने का मौका मिला तो उसने अपने शासन काल में कई बड़े फैसले लिए। सबसे पहले उसने गोलकुंडा से कुतुबशाही की राजधानी को हटाने का फैसला लिया।

ऐसे पड़ा शहर का नाम हैदराबाद

अपनी बेगम हैदर महल के गाँव छिछलम का नाम बदल कर भाग्यनगर वह पहले ही कर चुका था। इसलिए बादशाह ने गाँव से ही जुड़ा एक नया शहर बसाया और उस का नाम हैदराबाद रखा गया। बाद में इसी शहर को कुतुबशाही की राजधानी बनाया गया।

लगभग 650 वर्गमीटर में फैला यह शहर आज भारत का छठा सबसे बड़ा शहर है। इसके साथ ही मोहम्मद कुली कुतुब शाह ने बेगम हैदर के गाँव के स्थान पर हैदराबाद का आकर्षण कही जाने वाली चार मीनार भी बनवाई। यह मीनार प्लेग की बीमारी के अंत के प्रतीक के तौर पर बनवाई गई थी।

कहा जाता है की शाह अपनी हैदर बेगम से जितना प्रेम करते थे उतना ही उनकी सल्तनत के लोग उससे नफरत। यही वजह रही की 1612 ई। में शाह के इंतकाल के 4 वर्ष बाद जब बेगम हैदर महल की मृत्यु हुई तो उसका मकबरा तक नहीं बनवाया गया। आज जिस बेगम के नाम पर हैदराबाद शहर बसा है उस बेगम की मौजूदगी के निशान केवल मोहम्मद कुली शाह की लिखी शायरियों में ही मिलते हैं।

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP