पुणे से लगभग 100 किलोमीटर दूर एक खूबसूरत शहर मौजूद है, जिसका नाम जुन्नर है। यह शहर बहुत ही खूबसूरत है। साथ ही, इसका पुरातात्विक महत्व भी है। पुरातत्वविद और जुन्नर पर्यटन विकास संगठन के संस्थापक सिद्धार्थ ने बताया कि जुन्नर हजारों साल पुराना शहर है। कभी यहां सातवाहन का शासन साम्राज्य हुआ करता था। उस समय, उनकी राजधानी जुन्नर शहर में थी।
न्नर में भारत की किसी भी शहर से ज्यादा गुफाएं हैं। इंट्रेस्टिंग बात यह है कि ज्यादातर किले पहाड़ों पर हैं, जिन्हें देखने के लिए ट्रैकिंग करना ही एकमात्र तरीका है। इन किले की लिस्ट में शिवनेरी फोर्ट भी आता है, जिसे महाराष्ट्र पर्यटन विभाग की मदद से Herzindagi की टीम ने भी एक्सप्लोर किया।
अगर आप एडवेंचर लवर हैं और आपको ट्रैकिंग करना पसंद है या आप ट्रैकिंग का अनुभव लेना चाहते हैं, तो हम आपसे कहेंगे कि एक बार शिवनेरी फोर्ट जरूर जाएं। पुरातत्वविद और जुन्नर पर्यटन विकास संगठन के संस्थापक सिद्धार्थ ने शिवनेरी फोर्ट की ट्रैकिंग के दौरान बताया कि शिवनेरी के कुल सात गेट हैं।
इस फोर्ट के पहले गेट का नाम गणेश और आखिरी गेट का नाम कुलूप है। पहले गेट से लेकर सातवें गेट की यात्रा के दौरान आपको कई ऐतिहासिक इमारतें देखने का मौका मिलेगा।
इस यात्रा के दौरान पुरातत्वविद और जुन्नर पर्यटन विकास संगठन के संस्थापक सिद्धार्थ ने कहा कि इस किले का निर्माण 1100 ई में किया गया था। महाराष्ट्र के यादव साम्राज्य ने इस किले को 1000 साल पहले बनाया था। हालांकि, शिवनेरी फोर्ट से शिवाजी का भी संबंध रहा है।
इसे जरूर पढ़ें- दिल्ली से उज्जैन की यात्रा करने से पहले इन खास बातों को जान लें
जैसा कि हमने बताया है कि इस किले की चढ़ाई करना आसान नहीं है, लेकिन यकीन मानिए पूरे रास्ते आपको कुछ न कुछ देखने को मिलेगा।
इस किले केअंदर पहुंचकर आपको एक मंदिर मिलेगा, जहां पर जीजाबाई और शिवाजी के बचपन की मूर्तियां देखने को मिलेंगी। यह किला बड़ी-बड़ी चट्टानों से घिरा है, किले के बीचों-बीच एक बड़ा-सा तालाब है जिसे बादामी तालाब के नाम से भी जाना जाता है।
साथ ही, किले में मीठे पानी की दो झीलें भी मौजूद हैं, जिन्हें गंगा-जमुना के नाम से जाना जाता है।
जब हम महा दरवाजे से गणेश दरवाजे की ओर जाते हैं, तो इस दौरान हमें तटबंदी व्यवस्था देखने को मिली। इस व्यवस्था में किले की दीवारों पर चौकोर सुराग बनाए गए हैं, जिसे सैनिक अपने हथियार रखने के लिए इस्तेमाल करते थे।
तटबंदी को दुर्गबंदी या किलाबंदी के नाम से भी जाना जाता है। पहले इस व्यवस्था को दुश्मनों को रोकने और किले की रक्षा करने के लिए अपनाया जाता था।
शिवनेरी किले की ट्रेकिंग के दौरान जब आप पांचवें दरवाजे शिपाई पर पहुंचते हैं, तो यहां से बाएं और जाते हुए एक मंदिर बना हुआ है। इसे देवी शिवाई मंदिर के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर के पीछे की चट्टान में 6-7 गुफाएं बनी हुई हैं। मंदिर में देवी शिवाई की सुन्दर मूर्ति स्थापित है।
इसे जरूर पढ़ें- Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि पर 1 दिन की छुट्टी लेकर पूरे 4 दिन घूमने का प्लान बनाएं
शिवनेरी किले में किसी तरह का कोई प्रवेश शुल्क नहीं लगता है। यह पर्यटन स्थल अपने यहां आने वाले यात्रियों के लिए बिल्कुल फ्री है।
इस किले का इतिहास काफी रोचक रहा है, जिसे आपको भी एक्सप्लोर करना चाहिए। हमें तो बहुत मजा आया, अगर आप चाहें तो इस किले को एक्सप्लोर कर सकते हैं।
अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
Image Credit- (@Freepik)
यह विडियो भी देखें
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।