जम्मू-कश्मीर को धरती पर स्वर्ग कहा जाता है, चारों तरफ से खूबसूरत वादियों से घिरा हुआ जम्मू-कश्मीर जिसकी सुंदरता को एक बार देखने के बाद बार-बार निहारने का मन करता है। बर्फीली पहाड़ियों और शांत वातावरण के बीच मैदानी क्षेत्र इंडिया के इस राज्यm को सबसे खास बनाता है। जम्मू -कश्मीेर में एक नहीं बल्कि कई ऐसी जगहें हैं जहां घंटों बैठकर खूबसूरती को निहारा जा सकता है।
जम्मूा-कश्मीैर की कुछ सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है गुरेज घाटी। समुद्रतट से लगभग 8000 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह घाटी श्रीनगर से 125 किमी दूर है। अगर आप जम्मू कश्मीर घूमने जाने का प्लान बना रही हैं तो गुरेज की घाटी को देखे बिना इस राज्य के खूबसूरत सफर में कुछ अधूरा रह जाएगा।
चलिए आपको बताते हैं ऐसा क्या है गुरेज की घाटी में जिस वजह से इसे जम्मू-कश्मीर की सबसे खूबसूरत घाटियों की लिस्ट में से एक माना जाता है।
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मीलिए गुरेज की घाटी के हब्बा खातून से
मशहूर कश्मी री कवि हब्बाा खातून के नाम पर इस जगह का यह नाम रखा या है। ऐसा कहा जाता है कि इस त्रिकोणीय आकार के पर्वत में हब्बा खातून की अपने पति के प्रेम से जुड़ी कई कहानियां आज भी गूंजती हैं। इसके साथ ही ऐसा कहा जाता है कि आज भी आप यहां हब्बाी खातून को अपने पति की तलाश करते हुए देख सकते हैं। यह गुरेज घाटी का प्रमुख आकर्षण है। अगर आप जम्मूे-कश्मीखर में कहीं प्राकृतिक छटाएं बिखरी हुई देखना चाहती हैं तो आपको गुरेज घाटी जरूर जाना चाहिए।
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अगर आप गुरेज की घाटी घूमना चाहती हैं तो इसे घूमने का सही समय मई से अक्टूमबर है। यहां पर आप बाबा दरवाइश और बाबा रजाक और पीर बाबा की दरगाह के भी दर्शन कर सकती हैं। इसके अलावा आप यहां rock climbing, fishing और tracking का मजा भी ले सकती हैं।
मीलिए गुरेज की घाटी के दवार से
गुरेज घाटी का केंद्रीय हिस्साी है दवार जिसमें कुल मिलाकर 15 गांव हैं और ये गांव पूरी गुरेज घाटी में फैले हुए हैं। इसके अलावा यहां पर किशनगंगा नदी भी बहती है। ऊंची-ऊंची पहाडियों से घिरे दवार में चारों ओर किशनगंगा नदी की बहती लहरों की आवाज गूंजती है। इस घाटी में आने वाले टूरिस्ट्स दवार देखने जरूर आते हैं।
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मीलिए गुरेज की घाटी के हरमुख से
हरमुख की तलहटी में गंगाबल झील है जहां से टूरिस्ट्स को कई खूबसूरत नजारे देखने को मिलते हैं। टूरिस्ट्स को यह खूबसूरत जगह बहुत पसंद आती है और एक बार यहां आने के बाद उनका मन कई बार आने का करता है। सिंध और किशनगंगा नदी के बीच में स्थित है हरमुख जोकि हिमालय की श्रृंख्लाआओं का हिस्सा है। यहां आपको बता दें कि यह पहाड़ लगभग 16870 फीट ऊंचा है। हिंदुओं के लिए हरमुख धार्मिक तीर्थस्थसल से कम नहीं है और भगवान शिव का वास होने के कारण इस स्थालन को पवित्र माना जाता है।
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मीलिए गुरेज की घाटी की तुलैल से
तुलैल घाटी दवार से लगभग 42 किमी दूर है और टूरिस्ट्स के लिए वाकई में ये किसी जन्नोत से कम नहीं है। तुलैल घाटी में कुछ गांव भी हैं और यह घाटी fishing के लिए सबसे ज्याेदा मशहूर है। अगर आप ग्रामीण जनजीवन देखना चाहती हैं तो इस घाटी आ सकती हैं। यहां आकर आपको कुछ ऐसे पल बिताने का मौका मिलेगा जो आपको जिंदगीभर याद रहेंगें।
अब आप जब भी जम्मू-कश्मीर का ट्रिप प्लान करें तो गुरेज घाटी को अपनी लिस्ट में जरूर रखें।
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