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 Gandhinagar railway station of jaipur has become a second ladies special railway station of india  ()

‘माटुंगा’ के बाद जयपुर के इस रेलवे स्टेशन की भी मालकिन होंगी महिलाएं

Women empowerment के लिए देश में काफी कुछ किया जा रहा है, मगर जयपुर में महिलाओं की सिक्योरिटी को ध्यान में रखते हुए एक पूरे रेलवे स्टेशन को ही बना दिया गया ‘लेडीज स्पेशल’। आइए जानते हैं इस स्टेशन की खूबियां। 
Her Zindagi Editorial
Updated:- 2018-02-21, 19:06 IST

भारत में बढ़ते महिला क्राइम के ग्राफ को कम करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इतना ही नहीं महिलाओं को न केवल सुरक्षित बल्कि सशक्त करना भी देश के लिए प्राथमिकता बन चुका है। इस के लिए बहुत सारे काम किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में जयपुर के गांधीनगर रेलवे स्टेशन को पूरी तरह से महिलाओं के हवाले कर दिया गया है। जाहिर यह सुन कर आपको हैरानी हो रही होगी, मगर यह सच है कि अब से इस रेलवे स्टेशन का सार काम महिलाएं ही संभालेंगी। 

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स्टेशन मास्टर से लेकर प्वॉइंटमैन तक सब होंगी महिलाएं अभी तक आपने यात्रियों की टिकट चेक करने वाली टीटी के रूप में ही महिलाओं को देखा था। मगर इस स्टेशन में आपको हर छोटी बड़ी जिम्मेदारी उठते हुए महिलाएं ही दिखेंगी। स्टेशन में मौजूद टिकट काउंटर पर आपको महिलाएं ही टिकट देती नजर आएंगी। इतनी ही नहीं स्टेशन की टेक्निकल टीम मे भी महिलाओं को ही शामिल किया गया है। टिकट चैकिंग करते हुए भी इस स्टेशन पर आपसे महिलाएं ही सवाल जवाब करेंगी। यहां पर गेटमैन ओर प्वॉइंटमैन के रूप में भी महिलाओं को ही तैनात किया गया है।

 Gandhinagar railway station of jaipur has become a second ladies special railway station of india  ()

महिलाओं की सुरक्षा और स्वच्छता दोनों का है इंतजाम  

यह स्टेशन भले ही महिलाओं द्वारा कंट्रोल किया जा रहा है मगर यहां रोजाना 50 से अधिक ट्रेने रुकती हैं, जिसमें महिला और पुरुष दोनों ही ट्रेवल करते हैं। इसलिए यहां महिलाओं के साथ किसी भी तरह की कोई घटना न घटे इस लिए यहां महिला सुरक्षा कर्मचारियों को तैनात किया गया है, जो हर पल पुरुषों की गतिविधियों पर नजर रखेंगी। इसके साथ इस स्टेशन पर महिलाओं की स्वच्छता का भी पूरा ध्यान रखा गया है। यहां पर एक एनजीओ की मदद से सेनेटरी नैपकिंस की मशीन भी लगाई गई है। इसमें 2 रुपए डाल कर नैपकिंस को इस्तेमाल किया जा सकता है। स्टेशन पर ब्रेस्टफीडिंग मदर्स के लिए फीडिंग रूम्स की व्यवस्था भी की गई है। 

गांधीनगर स्टेशन को ही क्यों चुना गया 

पिंक सिटी का यह स्टेशन जिस जगह मौजूद है वहां पर अधिकतर स्कूल, कॉलेज और कोंचिंग सेंटर्स हैं। इसलिए इस स्टेशन पर ज्यादातर स्टूडेंट्स और महिलाएं ही ट्रैवल करती हैं। इसलिए इसी स्टेशन को महिलाओं के कंट्रोल में दिया गया। इससे एक फायदा यह भी है कि महिला यात्रियों को यहां से अपनी डेस्टीनेशन तक पहुंचने में किसी भी तरह की समस्या भी नहीं होगी क्योंकि स्टेशन के बाहर भी सुरक्षा कर्मचारी के रूप में महिलाओं को ही तैनात किया गया है। 

 Gandhinagar railway station of jaipur has become a second ladies special railway station of india  ()

इस मेट्रो स्टेशन को भी महिलाएं ही करती हैं कंट्रोल

जयपुर का श्याम नगर मेट्रो स्टेशन देश का पहला लेडीज स्पेशल मेट्रो स्टेशन है। यहां सुरक्षा कर्मचारी से लेकर टिकेट काउंटर तक में महिलाएं ही सारा काम करती हैं। हां, पुरुषों की चेकिंग के लिए मेल स्क्यिोरिटी को रखा गया है। 

माटुंगा है पहला लेडीज स्पेशल रेलवे स्टेशन 

माहाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के माटुंगा रेलवे स्टेशन को देश के पहले लेडीज स्पेशल रेलवे स्टेशन होने का गौरव प्राप्त है। यहां 34 महिला कर्मचारियों का स्टाफ है, जिसमें 11 बुकिंग क्लर्क्स, 7 टिकट कलेक्टर्स, 2 चीफ बुकिंग अडवाइजर्स, 5 रेलवे पुलिसकर्मी, 5 पॉइंट पर्सन, 2 अनाउंसर्स और एक स्टेशन मैनेजर शामिल हैं। जुलाई 2017 में इस स्टेशन को 'लेडिज स्पेशल' बनाया गया था है। 

 

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