उत्तर प्रदेश के कई शहर अपनी अनोखी ख़ासियत और अनगिनत क़िस्सों की वजह से आज भी काफ़ी मशहूर हैं। मथुरा, लखनऊ, और आगरा के अलावा कई ऐसे शहर हैं जिनका नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज है। उन्हीं में से एक है उत्तर प्रदेश का शहर फ़िरोज़ाबाद, जिसे सुहाग नगरी भी कहा जाता है। मुग़ल काल के समय से बसे हुए इस शहर की चूड़ियां दुनियाभर में मशहूर है। यहां की चूड़ियां देश में ही नहीं विदेशों में भी ख़ूब पसंद की जाती हैं। यही वजह है कि इसे सुहाग की नगरी भी कहा जाता है। बता दें कि फ़िरोज़ाबाद आगरा से 40 किलोमीटर और दिल्ली से लगभग 250 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। चूड़ियों के अलावा यहां ऐसी कई जगह हैं जहां आप घूम सकते हैं। आइए जानते हैं इस शहर के बारे में कुछ खास बातें...
शुरुआत से ही फ़िरोज़ाबाद में चूड़ियों का कारोबार होता था। यहां चूड़ियों का कारोबार 200 साल पुराना है और इससे लोगों का जीवन व्यापन जुड़ा हुआ है। यहां आज भी चूड़ियां पुराने तरीक़े से यानी हाथों से बनाई जाती हैं और उनमें रंग-बिरंगे रंग भरे जाते हैं। चूड़ियों के अलावा यहां कांच का भी काम बड़े स्तर पर किया जाता है। चूड़ियों के अलावा झूमर, लैंप और अन्य कांच से जुड़ी चीजें यहां ख़ूब मिलती है। यही नहीं कांच के ख़ूबसूरत बर्तन आदि की बिक्री यहां खूब होती है। यह सारे प्रोडक्ट्स यहां होलसेल के दामों पर बिकते हैं। वहीं शहर में 400 से अधिक ग्लास वर्क यूनिट हैं। इनमें से अधिकांश छोटे पैमाने पर औद्योगिक इकाइयों के अंतर्गत आते हैं। (ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग)
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चंदवार नगर को फ़िरोज़ाबाद नाम फ़िरोज़ शाह मनसब दार ने सन 1566 में अकबर के शासन काल में दिया था। इससे पहले फ़िरोज़ाबाद का नाम चंदवार नगर था। यमुना के किनारे बसे इस शहर की आबादी काफ़ी घनी है। दरअसल सन 1194 में चंदवार के राजा चन्द्रसेन और मुहम्मद गौरी के बीच लड़ाई हुई थी। इस लड़ाई में राजा चन्द्रसेन की हार हुई, जिसके बाद मुग़लों ने इस शहर का नाम बदलकर फ़िरोज़ाबाद रख दिया था। इतिहासकारों का ऐसा मानना है कि फ़िरोज़ शाह ने भारी संख्या में हिंदुओं का जबरन धर्म परिवर्तिन करवाया था। वहीं समय के साथ कई बार प्रयागराज की तरह इसका भी नाम बदलने की बात कही जा चुकी है। वहीं यहां पर फ़िरोज़ शाह ने अपना क़िला बनवाया था जो आज भी टूरिस्टों के बीच काफ़ी मशहूर है।
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फ़िरोज़ाबाद में कोटला के क़िले के अलावा कई ऐसी ख़ास जगहें हैं जिसे एक्सप्लोर किया जा सकता है। छदामीलाल जैन मंदिर, चंदवार गेट, सूफ़ी साहब मज़ार, और वैष्णों देवी मंदिर आदी शामिल हैं। हालांकि आज भी लोग यहां के मार्केटों को एक्सप्लोर करने के लिए अधिक संख्या में आते हैं। बता दें कि फ़िरोज़ाबाद से एक घंटे की दूरी पर स्थित है आगरा, जहां ताजमहल के अलावा और भी कई ऐसी ऐतिहासिक जगहें हैं जो काफ़ी मशहूर हैं। वहीं अगर आप फ़िरोज़ाबाद जाने की प्लानिंग कर रही हैं तो मई से अक्टूबर के बीच में कभी भी यहाँ जा सकती हैं। हालांकि इन दिनों कोरोना महामारी की वजह से लोगों की भीड़ कम देखने को मिल रही है। ऐसे में अगर आप फ़िरोज़ाबाद जाना चाहती हैं तो समय का ध्यान रखने के अलावा सावधानी भी ज़रूर बरतें। (लाल किला के बारे में ये 9 अनसुनी बातें)
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