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केरल के कुमारकोम जाएं तो इन धार्मिक स्थलों का भी जरूर करें दौरा

केरल के कुमारकोम को इसकी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। लेकिन यहां पर आपको आध्यात्मिक शांति भी मिलती है। यहां पर कई धार्मिक स्थल हैं, जिनका आपको दौरा अवश्य करना चाहिए। 
Editorial
Updated:- 2023-05-16, 16:00 IST

जब भी केरल की बात होती है तो लोग वहां के बीचेस और बैकवाटर की ही बात करते हैं। केरल के कुमारकोम को भी लोग इसके बैकवाटर के लिए ही जानते हैं। यह केरल के कोट्टायम शहर के पास स्थित एक पॉपुलर ट्रेवल डेस्टिनेशन है। यहां पर आने वाले वाले पर्यटक वेम्बनाड झील को अवश्य देखते हैं। इतना ही नहीं, कुमारकोम वाइल्ड लाइफ सैन्चुरी से लेकर आइलैंड ड्रिफ्टवुड म्यूजियम तक यहां पर देखने के लिए बहुत कुछ है।

हालांकि, यहां पर देखने के लिए सिर्फ इतना ही पर्याप्त नहीं है। अगर आप आध्यात्मिक प्रवृत्ति के इंसान हैं तो भी यह जगह आपको निराश नहीं करेगी। दरअसल, यहां पर कई प्रसिद्ध मंदिर है, जो आपको आध्यात्मिक शांति का अनुभव करवाते हैं। इसलिए आपको यहां का भी दौरा अवश्य करना चाहिए। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कुमारकोम में मौजूद कुछ आध्यात्मिक जगहों के बारे में बता रहे हैं-

श्री धर्म शास्त्र मंदिर और सुब्रह्मण्य मंदिर (Sri Dharma Shastha Temple & Subrahmanya Temple)

इस मंदिर की गिनती कुमारकोम के सबसे पुराने मंदिर में होती है और इनकी एक कॉमन कंपाउंड वॉल है। आपको शायद पता ना हो, लेकिन इस जगह का नाम कुमारकोम इस मंदिर के कारण ही पड़ा है। दरअसल, कुमारकोम का अर्थ है “भगवान सुब्रह्मण्य का घर“। इस मंदिर में एक ही पत्थर से बना मंडप है। थिप्पूयम इस मंदिर में होने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह मलयालम महीने मकरम यानी फरवरी में होता है।

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श्री कुमार मंगलम मंदिर (Sri Kumara Mangalam Temple)

श्री नारायण गुरु ने हिंदू धर्म में जाति व्यवस्था के खिलाफ लड़ाई लड़ी और कुमारकोम में भगवान सुब्रह्मण्य की मूर्ति स्थापित की। जिसके बाद भगवान सुब्रह्मण्य श्री कुमार मंगलम मंदिर के देवता बन गए। कुमारकोम में लोगों के बीच इन मंदिर की बहुत अधिक मान्यता है। कुंभम के मलयालम महीने अर्थात् मार्च के महीने में यहां पर एक विशेष उत्सव आयोजित किया जाता है। जिसमें शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में लोग आते हैं।

थेक्कुमकारा श्री अर्धनारीश्वर मंदिर (Thekkumkara Sri Ardhanariswara Temple)

इस मंदिर में भगवान शिव और देवी पार्वती एक साथ प्रकट हुए थे। इसलिए यहां पर उनके अर्धनारीश्वर रूप को पूजा जाता है। यहां का मुख्य त्यौहार मीनाभरनी है जो आमतौर पर मार्च या अप्रैल के महीने में होता है। इस त्यौहार के साथ कई कल्चरल रिचुअल्स जुड़े हुए हैं। इस त्योहार को यहां पर लोग बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं।

जुमा मस्जिद (Juma Masjid)

कोट्टायम में मीनाचिल नदी के तट पर थझाथंगडी में जुमा मस्जिद एक बेहद ही प्राचीन मस्जिद है। ऐसा माना जाता है कि यह मस्जिद 1000 साल पुराना है। यह भारत के सबसे पुराने मस्जिदों में से एक है। इस मस्जिद में एक स्क्वेयर इनर कोर्टयॉर्ड, एक नक्काशीदार लकड़ी की छत, सुंदर जालीदार खिड़कियां हैं जो इसे एक मंदिर या राजा के महल जैसा बनाती हैं। यहां केवल पुरुषों को जाने की अनुमति है।

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पुथियाकावु देवी मंदिर (Puthiyakavu Devi Temple)

पुथियाकावु देवी मंदिर की देवी भद्रकाली हैं। यहां के अनुष्ठानों में से एक तीयाट्टू है जिसमें देवी भद्रकाली की राक्षस को मारने के बाद लौटने की कहानी का वर्णन है। इस मंदिर का मुख्य त्यौहार मीनम के महीने में आठ दिनों तक चलने वाला त्यौहार है।

तो अब आप जब भी कुमारकोम जाएं तो इन जगहों पर अवश्य जाएं। साथ ही अपने एक्सपीरियंस भी हमारे साथ शेयर करें।

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Image Credit- sreekumaramangalamtemple, gulfnews

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