भारत के हिमाचल प्रदेश की गोद में ऐसी कई अद्भुत और अनोखी जगहें मौजूद हैं जहां पर्यटक घूमने के बाद किसी और ही दुनिया में प्रवेश कर जाते हैं। इसलिए इस राज्य में हर दिन हजारों देशी और विदेशी सैलानी घूमने के लिए पहुंचते रहते हैं।
हर बार हम आपको कुछ ऐसी जगहों के बारे में बताने की कोशिश करते रहते हैं जहां जाने के बाद सैलानी का मन तृप्त हो उठता है। इसी क्रम में हम आपको हिमाचल में मौजूद एक ऐसी ही जगह के बारे में बताने जा रहे हैं जहां घूमने के बाद किसी और जगह जाने भूल जाएंगे।
जी हां, हम बात कर रहे हैं हिमालय की गोद में मौजूद 'लोसर' के बारे में। आइए यहां मौजूद कुछ बेहतरीन जगहों के बारे में जानते हैं।
मून लेक (Moon Lake)
लोसर में मौजूद मून लेक एक ऐसी जगह जहां हर सैलानी सबसे पहले घूमने के लिए पहुंचता है। ऊंचे-ऊंचे पहाड़, बर्फ से ढके पहाड़ और बीच में मौजूद यह लेक सैलानियों के लिए किसी जन्नत से कम नहीं है।
नीले रंग का आकाश और नीले रंग का पानी जब एक स्थान इन दोनों को करीब से देखने का मन हो तो इससे बेहतरीन जगह पूरे हिमाचल में मौजूद नहीं है। आपको बता दें कि इस खूबसूरत लेक के आसपास बाइक राइडर्स सबसे अधिक पहुंचते हैं। ऐसे में अगर आप एडवेंचर का शौक रखते हैं तो फिर यह जगह आपके लिए जन्नत से कम नहीं।
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भारत-चीन सीमा (Indo Chinese border)
समुद्र तल से लगभग 4 हज़ार से भी अधिक मीटर की ऊंचाई पर मौजूद भारत-चीन सीमा भी लोसर में घूमने के लिए एक बेहद ही खूबसूरत जगह है। ऊंचे-ऊंचे पहाड़ और बर्फ से ढके पहाड़ों के बीच में मौजूद यह स्थान सर्दियों में बंद हो जाता है।(उत्तराखंड में लें मालदीव का मज़ा)
कहा जाता है कि जिस रास्ते से होकर इस स्थान पर पहुंचा जाता है उन रास्तों में एक से एक अद्भुत दृश्य और दिल धड़का देने वाले नज़ारे देखने को मिलते हैं। हालांकि, आपको बता दें कि बॉर्डर पर घूमने के लिए आपको स्थानीय अधिकारी से अनुमति लेनी होती है।
लोसर गांव (Losar Village)
लोसर में लोसर गांव घूमने का भी एक अलग मज़ा होता है। जी हां, खूबसूरत नज़ारे और हसीन मौसम का दिलदार करना चाहते हैं तो फिर आपको लोसर गांव भी घूमने के लिए ज़रूर पहुंचना चाहिए।
आपको बता दें कि यह स्थान तिब्बती समुदाय के लिए फेमस है। आपको यह भी बता दें कि लोसर और लद्दाख के आसपास मौजूद जगहों पर दिसंबर के महीने में लोसर महोत्सव का भी आयोजन होता होता है।
एडवेंचर एक्टिविटीज का लुत्फ़ उठाएं
जी हां, लोसर एडवेंचर एक्टिविटीज के लिए काफी फेमस है। आपको बता दें कि यह स्थान काजा से लगभग 57 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है। इसलिए कई लोग बाइक के द्वारा यहां घूमने पहुंचते हैं। लोसर में आप ट्रैकिंग या फिर स्नो राइड्स का भी लुत्फ़ उठा सकते हैं।
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लोसर में घूमने का सही समय
लोसर में घूमने का सही समय जुलाई से सितंबर के बीच में बेस्ट माना जाता है। जी हां, सर्दियों के मौसम में भारी बर्फबारी के चलते यहां जाने वाले सभी रास्ते बंद हो जाते हैं। इसके अलवा मानसून में भी सड़क को बंद कर दिया जाता है।(थाईलैंड से भी खूबसूरत है भारत की यह जगह)
लोसर कैसे पहुंचें?
आपको बता दें कि सबसे पास में कुल्लू एयरपोर्ट है। यहां से आप लोकल टैक्सी या कैब लेकर यहां जा सकते हैं। लोसर एयरपोर्ट से लगभग 186 किमी दूर है। धर्मशाला से लगभग 379 किमी और शिमला से लगभग 392 किमी है।
लोसर के सबसे पास में ऊना रेलवे स्टेशन है। यहां से लोसर की दूरी लगभग 392 किमी है। इसके अलावा आप दिल्ली, चंडीगढ़ जैसे शहर से बस से काजा और फिर काजा से लोसर पहुंच सकते हैं।
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