जमशेदपुर, झारखंड का एक खुबसूरत और सबसे बड़ा शहर, जिसे स्टील सिटी या टाटानगर के नाम से भी जाना जाता है। शांति और सुकून को अपने अंदर समेटे हुए ये शहर लाखों सैलानियों के लिए झारखंड में सबसे पसंदीदा जगहों में से एक है। हरियाली में लिपटे और जमशेदपुर शहर का सुहाना मौसम पूरे वर्ष सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
यहां के सुन्दर बगीचे, पार्क और लेख यहां घूमने के लिए और भी खास बनाते हैं। आज इस लेख में हम आपको इस शहर के उन पर्यटन स्थलों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां एक बार घूमने के बाद आप इन खुबसूरत जगहों पर बार-बार घूमने जाने का प्लान बनाना चाहेंगे। आइए जानते हैं यहां के पर्यटन स्थलों के बारें-
जमशेदपुर का यह पार्क सैलानियों के लिए बेहद ही खास है, क्यूंकि इस पार्क में ऐसे कई मनोरंजन प्रोग्राम होते रहते हैं, जिसे देखने के लिए दूर-दूर से सैलानी आते हैं। शाम के समय में इस पार्क की लाइटिंग प्रोग्राम सबसे आकर्षण का केंद्र है। इस पार्क के अंदर एक चिड़ियाघर भी जहां आप घूमने के लिए जा सकते हैं। कहा जाता है कि इस पार्क को आम जनता के लिए वर्ष 1958 में खोला गया। इस पार्क को जमशेदपुर के 'मुगल गार्डन' के रूप में भी जाना जाता है।
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जमशेदपुर का डिमना लेख जमशेदपुर के सबसे प्रमुख और खुबसूरत पर्यटन स्थलों में से एक है। मुख्य शहर से लगभग 13 किमी की दुरी पर स्थित, लेख के चारों तरफ की प्राकृतिक नज़ारे यक़ीनन आपका मन मोह लेंगे। यह झील सैलानियों के लिए एक खुबसूरत पिकनिक स्पॉट के रूप में बहुत प्रसिद्ध है। अगर आपको झील में बोटिंग करना पसंद है, तो लागत शुल्क देकर आप भी बोटिंग का लुत्फ़ उठा सकते हैं। सैलानी यहां खासकर दोस्तों और अपने पार्टनर के साथ घूमने के लिए आते हैं। (झारखंड का मैथों शहर)
जब एक ही पर्यटन स्थल पर एक खुबसूरत झील, एक खुबसूरत पार्क और एक विशाल वन्यजीव अभयारण्य हो तो घूमने का मज़ा चार गुणा अधिक हो जाता है। झारखंड का जमशेदपुर कुछ इसी तरह की जगह है। अगर आपका लगाव जीव-जंतुओं से है, तो आप दलमा वन्यजीव अभयारण्य घूमने ज़रूर पहुंचे। यह अभयारण्य मुख्य रूप से हाथियों के करना जाना जाता है, हालांकि आपको यहां हजारों किस्म के जानवर भी देखने को मिल जाएंगे। लागत शुल्क देकर आप वन अधिकारी द्वारा गाड़ी भाड़ा करके इसके अंदर घूमने जा सकते हैं।
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शहर के बाहरी इलाके में मौजूद यह गांव बेहद भी खुबसूरत है। अगर आपको आदिवासी कलाकारी से रूबरू होना है, तो आप यहां घूमने के लिए ज़रूर पहुचें। इस गांव के बारे में कहा जाता है कि यहां के लोग पेड़ों की छाल से घर के दीवारों पर ग्रामीण जीवन के दृश्यों को चित्रित करते हैं। यहां के हर घर के दीवारों पर आपको महाकाव्यों, लोककथाओं और ग्रामीण जीवन से प्रेरित चित्रकारी देखने को मिल जाएगी। एक तरह से आदिवासी जीवन यापन का पूरा दृश्य यहां आप देख सकते हैं।
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