मानसून का मौसम आते ही मन प्रफुल्लित हो जाता है। इस सुहाने मौसम में कहीं ना कहीं घूमकर आने का मन करता है। यूं तो मानसून में आपको घर से बाहर निकलने ही खुशी का अहसास होता होगा, लेकिन अगर आप वीकेंड पर कहीं बाहर जाने का प्लॉन कर रही हैं तो ऐसे में चिकमगलूर जाना यकीनन अच्छा विचार हो सकता है। इसे कर्नाटक में घूमने की सबसे बेहतरीन जगहों में से एक माना जाता है और यह बैंगलूर से करीबन 200 किमी की दूरी पर स्थित है।
बाबाबूदान की पहाड़ियों से घिरे चिकमगलूर में यूं तो आप पूरे साल घूमने जा सकते हैं। लेकिन मानसून में यहां घूमने का अपना एक अलग ही आनंद है। दरअसल, मानसून के बाद यहां पर मौजूद झरनों व हिल स्टेशन की सुंदरता बस देखते ही बनती है। हालांकि, यहां का वातावरण पूरे साल ही सुहाना रहता है। चिकमगलूर एक ऐसी जगह है, जहां पर आप कई धार्मिक स्थलों से लेकर प्राकृतिक सुंदरता जैसे पहाड़ व झरनों का आनंद उठा सकते हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको चिकमगलूर में घूमने की कुछ बेहतरीन जगहों के बारे में बता रहे हैं-
मुस्लिम संत बाबा बुदान के नाम पर, यह चोटी चंद्र द्रोण रेंज में एक और बेहद प्रसिद्ध स्थान है और सांप्रदायिक सद्भाव का एक आदर्श उदाहरण है। यहां पर बाबा बुदन गिरी की दरगाह है। यह हिंदुओं और मुसलमानों दोनों के लिए एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है और अक्सर यात्रियों द्वारा यहां आते रहते हैं। इस प्रसिद्ध पर्वत श्रृंखला को दत्तागिरी हिल रेंज के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि यहां के मंदिर को हिंदू भगवान गुरु दत्तात्रेय से जुड़ा माना जाता है। आप यहां पर मंदिर के दर्शन करने के अलावा ट्रेकिंग, कैंपिंग और हाइकिंग का लुत्फ भी उठा सकते हैं।
भद्रा नदी के तट पर स्थित, होर्नाडु अन्नपूर्णेश्वरी मंदिर चिकमगलूर में सबसे प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों में से एक है, जो भोजन की देवी अन्नपूर्णी को समर्पित है। अगर आप उन लोगों में से है, जिन्हें शांतिपूर्ण वातावरण अच्छा लगता है और उससे आपके मन को शांति मिलती है, तो आपको एक बार इस मंदिर में दर्शन अवश्य करने चाहिए। यहां पर आप बिना किसी विघ्न के घंटों ध्यान भी कर सकते हैं।
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केम्मनगुंडी पहाड़ियों के बीच 168 मीटर लंबा, हेब्बे फॉल्स चिकमगलूर में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है। इस झरने का पानी एकदम सफेद नजर आता है और इस स्थान की खूबसूरती बस देखते ही बनती है। हालांकि, इस झरने तक पहुंचना थोड़ा कठिन हो सकता है। इस झरने को लेकर यह भी मान्यता है कि इस पानी में औषधीय जड़ी-बूटियां हैं, इसलिए यहां घूमने आने वाले सैलानी एक बार इस झरने में डुबकी लगाना अवश्य पसंद करते हैं।
490 वर्ग किलोमीटर से अधिक के विशाल क्षेत्र को कवर करते हुए, यह भद्रा वाइल्डलाइफ सैन्चुरी कर्नाटक के चिकमगलूर शहर से 38 किमी पश्चिम में शिमोगा और चिकमगलूर जिलों में फैली हुई है। अगर आप यहां पर है, तो आप पक्षियों की 250 से अधिक प्रजातियों को देख सकते हैं। चूंकि यह एक टाइगर रिजर्व है, इसलिए यहां 30 बाघ और 20 तेंदुए हैं जिन्हें डोड्डाहडलू और चंदनहदलु में देखा जा सकता है। इसके अलावा, भद्रा जलाशय में बोटिंग सफारी की सुविधा भी मौजूद है।
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पहाड़ों के बीच स्थित कुद्रेमुख नेशनल पार्क अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। वर्ष 1987 में इसे एक नेशनल पार्क का दर्जा दिया गया। 600 किलोमीटर वर्ग क्षेत्र राज्य में सबसे अच्छी तरह से संरक्षित नेशनल पार्क में से एक है। कुद्रेमुख नेशनल पार्क की नेचुरल ब्यूटी बस देखते ही बनती है। यहां पर हरी-भरी घास के मैदानों से लेकर सुरम्य ट्रेकिंग मार्गों तक काफी कुछ है। यह क्षेत्र पौधों और जानवरों की कई लुप्तप्राय और स्थानीय प्रजातियों का निवास स्थान भी है।
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Image Credit- chikmagalurtourism, freepik
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