पतली धारियां या रेखांए और झुर्रियां आमतौर पर त्वचा की उम्र बढ़ने का पहला विजिबल संकेत होते हैं। त्वचा में ढीलापन वॉल्यूम के लॉस होने का संकेत है। इन कारकों को समझने से हमें उम्र बढ़ने के साथ त्वचा की देखभाल करने में मदद मिलती है, स्किन एजिंग के विजिबल संकेत कम हो जाते हैं और समय से पहले त्वचा की उम्र बढ़ने से रोका जा सकता है।
हमारी त्वचा की एजिंग के कई कारण होते हैं। कुछ चीजें ऐसी हैं, जिसे लेकर हम कुछ नहीं कर सकते हैं, लेकिन अन्य को हम प्रभावित कर सकते हैं। एक चीज जिसे हम नहीं बदल सकते, वह है उम्र बढ़ने की स्वाभाविक प्रक्रिया। इसकी अहम भूमिका होती है। समय के साथ हम सभी को अपने चेहरे पर बारीकरेखाएं दिखती हैं। हमारा चेहरा अपने यौवन को कुछ गंवाता है और यह स्वाभाविक प्रक्रिया है। हम देखते हैं कि हमारी त्वचा पतली और सूखी हो रही है।जब ये परिवर्तन होते हैं तो हमारे जीन बड़े पैमाने पर इसे नियंत्रित करते हैं।
इस प्रकार की उम्र बढ़ने की प्रक्रियाको चिकित्सकीय भाषा में "इन्ट्रिंसिकएजिंग" कहा जाता है। हमारी त्वचा पर असर डालने वाले अन्य प्रकार की एजिंग को हम प्रभावित कर सकते हैं। हमारा पर्यावरण और जीवनशैली हमारी त्वचा को समय से पहले ज्यादा उम्र का बना सकते हैं। इस तरह की एजिंग को चिकित्सकीय भाषा में "एक्स्ट्रिंसिकएजिंग" कहा जाता है। कुछ निवारक कदम उठाकर हम अपनी त्वचा के इस प्रकार की उम्र बढ़ने के प्रभाव को धीमा कर सकते हैं।
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अपोलो अस्पताल के कॉस्मेटिक प्लास्टिक सर्जन एवं एंड्रोलोजिस्ट डॉ अनुप धीर ने बताए समय से पहले त्वचा की ऐजिंग को घटाने के उपाय-
खास उपाय
हर दिन सूरज की किरणों से अपनी त्वचा को बचाएं। चाहेसमुद्र के तट पर दिन बिता रहे हों या फिर रोजमर्रा की भागदौड़ हों,सूरज की किरणों से सुरक्षा जरूरी है। आप छायामें रहकर, कपड़ों से ढ़ककर और ब्रॉड-स्पेक्ट्रम, एसपीएफ 30 (या इससे अधिक) वाले तथा वॉटर रेसिस्टेंट सनस्क्रीन लगाकर अपनी त्वचा की सुरक्षा कर सकते हैं। आपको अपनी पूरी त्वचा, जो कपड़े से ढके नहीं होते हैं, उस पर हर दिन सनस्क्रीन लगानी चाहिए।
संतुलित आहार का सेवन करें
स्वस्थ्य, संतुलित आहार का सेवन करें। कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि ताजा फल और सब्ज़ियां खाने से समय से पहले त्वचा की या को बढ़ावा देने वाले नुकसानदायक कारकों की रोकथाम में मदद मिल सकती है।शोध अध्ययनों के निष्कर्ष यह भी बताते हैं कि ज्यादा चीनी या अन्य रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट युक्त आहार का सेवन करने से उम्र बढ़ने की गति तेज हो सकती है।
व्यायाम करें
सप्ताह के अधिकांश दिनों में व्यायाम करें। कुछ अध्ययनों से यह भी पता चलता है कि हल्के-फुल्के एक्सरसाइज़ सर्कुलेशन में सुधार लाते हैं और प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) को मजबूत बनाते हैं। इससे त्वचा ज्यादा जवां और खिली-खिली नज़र आ सकती है।
धूम्रपान न करें
अगर आप धूम्रपान करते हैं तो उसे बंद कर दें। धूम्रपान स्किन की एजिंग को काफी तेजी से बढ़ाता है। इससे त्वचा पर झुर्रियां पड़ जाती हैं और वह मलिन एवं बुझी हुई नज़र आती है।
अल्कोहल का सेवन कम मात्रा में करें
अल्कोहल का सेवन कम मात्रा में करें। अल्कोहल त्वचा को रुखा बनाती है। यह त्वचा को डिहाइड्रेट करती है और समय के साथ त्वचा को नुकसान पहुंचाता है। इससे हम ज्यादा उम्र के दिख सकते हैं।
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कोमलता से अपनी त्वचा की सफाई
कोमलता से अपनी त्वचा की सफाई करें। अपनी त्वचा को रगड़कर साफ करने से आपकी त्वचा को परेशानी हो सकती है। इससे आपकी त्वचा की एजिंग की गति बढ़ सकती है। कोमलता से सफाई करने से प्रदूषण, मेकअप और अन्य तत्वों को हटाने में मदद मिलती है और इससे आपकी त्वचा को परेशानी भी नहीं होती है।
फेशियल मॉस्चराइज़र लगाएं
हर दिन फेशियल मॉस्चराइज़र लगाएं। मॉस्चराइज़र हमारी त्वचा में नमी को बनाए रखता है और त्वचा ज्यादा जवां नज़र आती है। बार-बार एक ही तरह के फेशियल एक्सप्रेशन से बचें। जब आप फेशियल एक्सप्रेशन देते हैं, तो आपकी अंदरुनी मांसपेशियों पर खिंचाव होता है। अगर आप बार-बार कई साल तक उसी मांसपेशी पर दबाव डालते हैं तो ये रेखाएं स्थायी रूप से उभर जाती हैं।
सनग्लास पहनें
सनग्लास (धूप का चश्मा) पहनने से अधखुली आंखों से देखने के कारण चेहरे पर पड़ने वाली धारियां घटने में मदद मिल सकती है।
बोटॉक्स और फिलर्स
बोटॉक्स और फिलर्स दोनों नॉन-सर्जिकल उपचार की विधियां हैं, जो चेहरे का कायाकल्प करने के लिए उपयोग किए जाते हैं और एजिंग के संकेतों को कम करते हैं। हालांकि ये रासायनिक रूप से पूरी तरह अलग हैं, इसलिए उनके काम का तरीका भी अलग है। इनके उपयोग के संकेत अलग-अलग होते हैं और केवल प्रशिक्षित कॉस्मैटिक सर्जन को ही यह पता होता है कि अधिकतम फायदे के लिए इन उत्पादों का उपयोग कब करना चाहिए और इससे क्या जटिलताएं हो सकती हैं। लोग अक्सर पर बोटॉक्स और फिलर्स के बीच भ्रमित हो जाते हैं।दोनों का ही उपयोग बारीक धारियों और झुर्रियों को कम कर चेहरे को स्मूद एवं जवां दिखने के लिए किया जाता है।लेकिन बोटॉक्स चेहरे की छोटीमांसपेशियों को शिथिल कर किया जाता है, जिससे त्वचा पर खिंचावकम होता है। फिलर्स में त्वचा के नीचे के टिश्यू में वॉल्यूम जोड़ा जाता है, जिससे वह त्वचा के टोन को चिकनाई प्रदान करते हैं। दोनों ही उत्कृष्ट विधियां हैं और आपके सर्जन आपसे इस बारे में चर्चा कर यह तय करने में सक्षम होंगे कि आपको कौन सा तरीका ज्यादा लाभ पहुंचाएगा।
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