एक समय के बाद सबके बाल सफेद होने लगते हैं। काले या भूरे बालों के बीच 3-4 स्ट्रैंड्स सफेद बालों के दिखने लगते हैं। यह उम्र बढ़ने के संकेतों की ओर इशारा करते हैं। इसे अंग्रेजी में सॉल्ट और पेपर लुक कहा जाता है और कुछ लोग इसे बहुत पसंद भी करते हैं। जैसे-जैसे आपकी उम्र ढलने लगती है। बाल भी अपनी चमक और रंग खोने लगते हैं।
हालांकि, कई लोगों में 20 साल की उम्र में ही सफेद बाल दिखाई देने लगते हैं। इसे अंग्रेजी में प्रीमेच्योर ग्रेइंग कहते हैं। जानी-मानी डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ.आंचल पंथ अपने सोशल मीडिया अकाउंट में इससे जुड़ी जानकारी साझा करती हैं। एक पोस्ट के जरिए वह बताती हैं कि सफेद बाल मेलेनिन की कमी के कारण होते हैं। मेलेनिन एक पिग्मेंट होता है, जो बालों को उसका रंग देता है। यहीं आंखों और त्वचा के रंग के लिए जिम्मेदार होता है।
स्टेम कोशिकाएं जो मेलेनिन बनाती हैं, जब वह खराब होने लगती हैं या क्षतिग्रस्त होती हैं, तो बालों में रंग आना बंद हो जाता है और ऐसे में सफेद बाल दिखाई देते हैं।
अब सवाल है कि बाजार में ऐसे कितने प्रोडक्ट्स और लोशन हैं, जो दावा करते हैं कि वे सफेद बालों को फिर से काला कर सकते हैं। इस बात में कितनी सच्चाई है यह भी डॉ. पंथ ने पोस्ट के जरिए बताई है। अगर आप ऐसे किसी प्रोडक्ट को ले आई हैं, तो उसे लगाने से पहले एक्सपर्ट की राय जरूर जान लें।
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अगर एजिंग और जेनेटिक्स के कारण आपके बाल सफेद हो रहे हैं, तो इसे रिवर्स करना या रोकना संभव नहीं है। वहीं, स्ट्रेस के स्थिति में सफेद हुए बालों के प्रोसेस को एक हेल्दी लाइफस्टाइल और बैलेंस डाइट की मदद से धीमा किया जा सकता है। हालांकि, यह ध्यान रखना जरूरी है कि सफेद हो चुके बाल वापस से काले नहीं हो सकते हैं।
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बालों के सफेद होने का एक अन्य कारण है विटामिन की डेफिशियंसी। आयरन, फोलेट, बायोटिन, विटामिन बी-6, विटामिन बी-12, विटामिन डी और ई जैसे माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की कमी की वजह से हेयर फॉलिकल सफेद होने लगते हैं। ये पिगमेंटेशन को प्रभावित करता है और अगर आप अपने आहार में इन चीजों को शामिल करें, तो काले बाल ग्रो हो सकते हैं।
मेलेनिन का उत्पादन करने वाली कोशिकाओं को मेलानोसाइट्स कहा जाता है। आपके बालों को रंग देने वाले मेलानोसाइट्स बालों के रोम में पाए जाते हैं, जहां से बाल उगते हैं। समय के साथ, मेलानोसाइट्स कम और कम मेलेनिन का उत्पादन करते हैं और अंततः इसका उत्पादन पूरी तरह से बंद कर देते हैं। मेलेनिन की कमी के कारण आपके बाल अपना रंग खोने लगते हैं। ग्रे बालों में मेलेनिन की कमी होने लगती है, जबकि व्हाइट बालों में इसका पूरी तरह से अभाव होता है।
बालों की देखभाल करने का तरीका सबका अलग होता है, लेकिन आपने सुना होगा कुछ लोग बालों को लेकर मिथक भी फैलाते हैं। सफेद बालों के बारे में तो ऐसे कई मिथक हैं, जिनपर बिल्कुल भरोसा नहीं किया जाना चाहिए-
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सफेद बाल होना उम्र बढ़ने की सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा है। अलग-अलग लोगों को अलग-अलग उम्र में इसका अनुभव होता है। कुछ मेडिकल कंडीशन्स और लाइफस्टाइल फैक्टर्स समय से पहले बाल सफेद होने में योगदान कर सकते हैं। अभी तक, ऐसा कोई प्रभावी उपचार नहीं है जो सफेद बालों को रिवर्स कर सके या रोक सके, इसलिए किसी भी ऐसे प्रोडक्ट पर भरोसा करने से बचें।
किसी भी सप्लीमेंट को लेने से पहले अपने डॉक्टर से संपर्क जरूर करें। अगर आपको यह जानकारी पसंद आई, तो इसे लाइक और शेयर करें। ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।
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