What is the significance of Sangam Prayagraj

अगर आप भी लाती हैं संगम से गंगाजल, जाने-अनजाने हो सकती हैं पाप की भागीदार

महाकुंभ 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी तक आयोजित किया जा रहा है। इस मौके पर दूर-दराज से लोग स्नान के लिए संगम जा रहे हैं। अगर आप भी यहां स्नान और दर्शन के लिए जा रही हैं, तो बता दें कि तीन नदियों के समागम स्थान से गंगाजल न लेकर आएं। चलिए जानते हैं ऐसा क्यों -
Editorial
Updated:- 2025-02-01, 20:25 IST

Kumbh Mela Sangam: इस वर्ष महाकुंभ का आयोजन 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी तक किया जा रहा है। ऐसे में महाकुंभ स्नान के लिए न केवल लोग दूर-दराज गांव शहर से बल्कि विदेश से भी आ रहे हैं। मान्यता है कि इससे व्यक्ति के सारे पाप धुल जाते हैं और उसे पुण्य मिलता है। ऐसे में स्नान के लिए कई बार लोग नदी के किनारे बने घाट तो वहीं कुछ लोग तीन नदियों के मिलने वाले स्थान यानी संगम में जाकर स्नान करते और गंगाजल लाते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि संगम से जल नहीं लाना चाहिए। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसा क्यों है। आइए जानते हैं इस बारे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से कि संगम से क्यों नहीं लाना चाहिए गंगाजल।

लोग घर क्यों लाते हैं गंगाजल?

why we should not bring gangajal from sangam

12 पूर्ण कुंभ के बाद महाकुंभ का आयोजन किया जाता है। यह पर्व इस वर्ष प्रयागराज में आयोजित किया जा रहा है। इस आयोजन में शामिल होने के लिए देश-विदेश से करोड़ों की संख्या में लोग संगम की रेती पर आ रहे हैं। संगम तीन नदियों गंगा यमुना और सरस्वती का समागम स्थल है। ऐसे में लोग यहां स्नान करने के साथ गंगाजल लेकर आते हैं। हिंदू धर्म में गंगाजल को बेहद ही पवित्र माना जाता है। इसका उपयोग पूजा, तर्पण, हवन और श्राद्ध जैसे धार्मिक कार्यों में किया जाता है। गंगा को मां और जीवनदायिनी का दर्जा दिया गया है। जल के छिड़काव मात्र से पूरा घर पवित्र हो जाता है।

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संगम से क्यों नहीं लाना चाहिए गंगाजल?

 maha kumbh prayagraj

पूजा-पाठ में गंगाजल यानी मां गंगा नदी के जल का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में गंगा नदी से जल लाने के लिए कहा जाता है। लेकिन अगर आप संगम जहां पर तीनों नदियां मिलती हैं वहां से जल लाती हैं, तो इसका अर्थ यह है कि आप यमुना गंगा सरस्वती का जल अपने घर ला रही हैं। ऐसे में अगर आप गंगाजल संगम से ला रही हैं, तो ऐसा बिल्कुल भी न करें। अगर आप वहां से जल लाना चाह रही हैं, तो आगे घाट से जल लेकर लाएं। इसके लिए वहां पर मौजूद किसी जानकर से गंगा नदी के बारे में पूछे।

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