Why lord Vishnu resides in ocean of milk ()

भगवान श्रीहरि विष्णु ही क्यों करते हैं क्षीर सागर में निवास?

क्षीर सागर को ब्रह्मांड की उत्पत्ति का स्थान माना जाता है। भगवान विष्णु, सृष्टि के पालनहार के रूप में, इसी सागर पर शेषनाग नामक विशाल सर्प की शय्या पर विश्राम करते हैं। 
Editorial
Updated:- 2024-05-09, 12:10 IST

(why lord vishnu resides in ocean of milk) हिंदू धर्म में क्षीर सागर एक पवित्र स्थान है। यह ब्रह्मांड के केंद्र में है। शास्त्र में इसका वर्णन दूध के विशाल सागर के रूप में किया जाता है। भगवान विष्णु को इस सागर में शेषनाग नामक विशाल सर्प की शय्या पर विश्राम करते हुए दर्शाया गया है। क्षीर सागर को सृष्टि, मोक्ष और शांति का प्रतीक माना जाता है। क्षीर सागर भगवान विष्णु और उनकी शक्ति का प्रतिनिधित्व करती हैं। ऐसा कहा जाता है जिन्होंने भगवान विष्णु की अत्यधिक भक्ति और तपस्या की है, उन्हें क्षीर सागर में प्रवेश करने का वरदान प्राप्त हो सकता है। अब ऐसे में मन में एक सवाल आता है कि भगवान श्रीहरि विष्णु ही क्षीर सागर में क्यों वास करते हैं। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं। 

जानें क्षीर सागर का धार्मिक महत्व 

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पौराणिक कथाओं के अनुसार क्षीर सागर ब्रह्मांड की उत्पत्ति का स्थान है। सृष्टि के पालनहार इसी सागर में शेषनाग की शैय्या पर विश्राम करते हैं। क्षीर सागर को मोक्ष का प्रतीक भी कहा जाता है। भगवान विष्णु का इस सागर में निवास करना दर्शाता है कि वे मोक्ष के दाता हैं और भक्तों को मोक्ष प्राप्ति में सहायता करते हैं। क्षीर सागर शांति और समृद्धि का प्रतीक है। भगवान विष्णु का इस सागर में निवास करना दर्शाता है कि वे सृष्टि में शांति और समृद्धि बनाए रखते हैं।

भगवान विष्णु क्यों करते हैं क्षीर सागर में निवास? 

शास्त्रों के अनुसार क्षीर सागर का संबंध विश्व के विनाश से भी है।  भगवान विष्णु का इस सागर में निवास करना दर्शाता है कि वे प्रलय के बाद सृष्टि का पुनर्निर्माण करते हैं। क्षीर सागर में भगवान विष्णु का विश्राम बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। भगवान विष्णु का शेषनाग पर शयन करना आत्म-ज्ञान का प्रतीक है। शेषनाग अनंत काल का प्रतीक है, और भगवान विष्णु इस पर विश्राम करके यह दर्शाते हैं कि वे काल से परे हैं और सभी ज्ञान के धारक हैं। क्षीर सागर को "दुग्ध सागर" भी कहा जाता है। क्षीर सागर में भगवान विष्णु की पत्नी देवी लक्ष्मी भी उनके साथ निवास करती हैं।

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क्षीर सागर में कौन प्रवेश कर सकता है? 

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क्षीर सागर में वहीं प्रवेश कर सकता है, जिन्होंने भगवान विष्णु की अत्यधिक भक्ति और तपस्या की है। उन्हें ही क्षीर सागर में प्रवेश करने का वरदान प्राप्त मिल सकता है। 

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क्षीर सागर शांति, समृद्धि और मोक्ष का स्थान है। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से। अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।

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