नाग पंचमी का पावन पर्व हर साल श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन नाग देवता की पूजा का विशेष महत्व है। माना जाता है कि नाग पंचमी के दिन भगवान शिव और नागों की पूजा करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिल सकती है या उसके प्रभावों को कम किया जा सकता है। अगर आप भी इस दोष से पीड़ित हैं, तो नाग पंचमी के दिन कुछ खास चीजें शिवलिंग पर अर्पित करके लाभ प्राप्त कर सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाते हैं, तो कालसर्प दोष का निर्माण होता है। यह दोष व्यक्ति के जीवन में कई तरह की परेशानियां ला सकता है। अब ऐसे में अगर आपकी भी कुंडली में कालसर्प दोष है तो इस दिन शिवलिंग पर कुछ ऐसी चीजें हैं, जो चढ़ाने से उत्तम परिणाम मिल सकते हैं। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
काले तिल का संबंध शनि ग्रह से है. ज्योतिष के अनुसार, शनि और राहु का आपस में गहरा संबंध है। राहु और केतु ही कालसर्प दोष का निर्माण करते हैं, और शनि इन छाया ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव को कम करने में सहायता करते हैं. काले तिल चढ़ाने से शनि देव प्रसन्न होते हैं, जिससे राहु और केतु के अशुभ प्रभाव भी शांत होते हैं। कालसर्प दोष पूर्वजों के कर्मों से भी जुड़ा हो सकता है. काले तिल का उपयोग पितरों को श्रद्धांजलि देने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए भी किया जाता है. नाग पंचमी पर यह उपाय करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है, जिससे कालसर्प दोष के प्रभावों को कम करने में भी मदद मिलती है.
ज्योतिष शास्त्र में कालसर्प दोष को एक महत्वपूर्ण दोष माना जाता है, जो व्यक्ति के जीवन में कई प्रकार की बाधाएं उत्पन्न कर सकता है। ऐसी मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन शिवलिंग पर चांदी के नाग-नागिन का जोड़ा चढ़ाने से इस दोष के बुरे प्रभावों को कम किया जा सकता है या उससे मुक्ति मिल सकती है। चांदी को शुद्ध और पवित्र धातु माना जाता है, और इसका उपयोग नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में सहायक होता है। राहु और केतु को छाया ग्रह माना जाता है और इन्हें सर्प के मुख और पूंछ के रूप में दर्शाया जाता है। यदि किसी की कुंडली में राहु और केतु अशुभ स्थिति में हों, तो उनके जीवन में कई परेशानियां आ सकती हैं। नाग पंचमी पर चांदी के नाग-नागिन का जोड़ा चढ़ाने से इन ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव शांत होते हैं और जीवन में सुख-शांति आती है।
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नाग पंचमी का दिन नागों की पूजा के लिए बेहद शुभ माना जाता है. इस दिन दूध, लावा और फूल चढ़ाकर नाग देवता को प्रसन्न किया जाता है। वहीं, शमी के पत्तों का धार्मिक महत्व भी कम नहीं है. शमी के वृक्ष को भगवान शिव और शनिदेव दोनों का प्रिय माना जाता है। मान्यता है कि शमी के पत्ते चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं. शमी के पत्तों को नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और सकारात्मकता लाने वाला भी माना जाता है।
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Image Credit- HerZindagi
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