हममें से कई भक्तजन अपने घर पर लड्डू गोपाल लाते हैं और नियम से उनकी पूजा करते हैं। लड्डू गोपाल को घर पर रखने और उनकी सेवा करने से मन को शांति मिलती है और बाधाओं से दूर रहने में मदद भी मिलती है। हर भक्त जो भी अपने घर में लड्डू गोपाल की सेवा करता है, वह यह भली-भांति जानता है कि ठाकुर जी की सेवा और पूजा कितनी श्रद्धा और नियमों के साथ करनी चाहिए, लेकिन कई बार सेवा करते समय हमारे मन में कई सवाल भी आते हैं जिनका उत्तर हम सभी जानना चाहते हैं। ऐसे ही एक सवाल जो हमारे मन में आता है वह यह होता है कि लड्डू गोपाल को स्नान कराने के बाद बचे हुए जल का क्या करना चाहिए? क्या उस जल को तुलसी में डाला जा सकता है? क्या उसे हम घर के बाहर बगीचे में डाल सकते हैं या फिर इसके कुछ अलग नियम हैं? इस प्रश्न का जवाब एक भक्त ने जब प्रेमानंद जी महाराज से पूछा तो उन्होंने इसके बारे में बहुत ही सहजता से बताते हुए जवाब दिया। आइए आपको बताते हैं उन्होंने क्या कहा इस सवाल के जवाब के बारे में।
लड्डू गोपाल को स्नान कराने के बाद जल का क्या करें?
- प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार, लड्डू गोपाल को स्नान कराने के बाद जो जल बचता है वह केवल जल नहीं, बल्कि उनका चरणामृत होता है, क्योंकि वह श्रीकृष्ण के दिव्य शरीर का स्पर्श कर चुका होता है।
- ऐसे में वो पवित्र जल बन जाता है और यदि आप उस जल को किसी भी स्थान पर प्रवाहित कर रहे हैं तो आपको बहुत ध्यान रखने की जरूरत होती है कि किसी ऐसे ही स्थान पर उस जल को न डालें।
थोड़ा जल आचमन के लिए ग्रहण करें
- सबसे पहले जब आप लड्डू गोपाल को स्नान कराएं, तो उससे निकले हुए जल में से थोड़ा सा जल आचमन के लिए स्वयं ग्रहण करें।
- यह आपको आध्यात्मिक रूप से शुद्ध करता है और आपके भीतर भगवान के प्रति भावनात्मक संबंध को और गहरा करता है।
- यह जल आपके लिए प्रसाद की तरह होता है और आप इसे ग्रहण करते हैं तो आपको मानसिक और शारीरिक शुद्धि मिलती है।
अगर घर में तुलसी का पौधा है तो जल उसमें अर्पित करें
- प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार सबसे उत्तम उपाय यह है कि आप स्नान के जल को तुलसी के पौधे में अर्पित करें।
- तुलसी जी स्वयं भी श्रीहरि को अति प्रिय हैं और ऐसा माना जाता है कि उनके माध्यम से यह चरणामृत फिर से पवित्र हो जाता है।
यदि तुलसी न हो तो एक पात्र में एकत्र करें जल
अगर आपके घर में तुलसी का पौधा नहीं है, तो उस जल को एक 5 या 10 लीटर के पवित्र बर्तन में इकट्ठा कर सकते हैं और जब वह पात्र भर जाए, तब उस जल को किसी पवित्र नदी जैसे गंगा, यमुना या किसी और नदी में प्रवाहित किया जा सकता है।
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जल को ऐसी जगह न डालें जहां लोगों के पैर पड़ें
- आपको कभी भी लड्डू गोपाल को स्नान कराने के बाद बचे हुए जल को ऐसे स्थान पर नहीं डालना चाहिए जहां लोगों का पैर उस पर पड़े।
- आपको भूलकर भी यह जल किसी नाले या गंदे स्थान पर नहीं डालना चाहिए। यदि किसी कारणवश नदी तक जाना संभव नहीं हो, तो आप इसे किसी बड़े वृक्ष जैसे पीपल या बरगद की की जड़ में अर्पित कर सकती हैं, जहां लोग इस पर पैर न रखें।
अगर आप भी नियमित रूप से लड्डू गोपाल को स्नान कराती हैं तो उससे बचे हुए जल को यहां बताए नियमों के अनुसार ही प्रवाहित करना चाहिए। आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
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