उत्तराखंड के अल्मोड़ा में अनेक ऐसे अद्भुत और प्राचीन मंदिर विराजमान हैं, जिनकी अपनी विशिष्ट मान्यताएं हैं। इन्हीं मंदिरों में से एक पावन धाम है बेतालेश्वर महादेव का, जो अल्मोड़ा शहर से कुछ ही दूरी पर स्थित है। यूं तो इस मंदिर में भक्तों का तांता वर्ष भर लगा रहता है, परंतु वैशाख मास में यहां दर्शन करने का विशेष महत्व माना गया है।
श्रद्धालुओं की ऐसी आस्था है कि जो भी भक्त वैशाख के पवित्र महीने में भगवान भोलेनाथ के इस दरबार में हाजिरी लगाता है, उसकी हर मनोकामना पूर्ण होती है। इसके अतिरिक्त, यह भी मान्यता प्रचलित है कि यहां स्थित पवित्र कुंड में स्नान करने से भगवान भोलेनाथ की असीम कृपा भक्तों पर सदैव बनी रहती है। दंपत्तियों को संतान सुख की प्राप्ति हो, या धन, सुख और संपत्ति की कामना हो, भगवान बेताल नाथ सभी की मनोकामनाएं पूर्ण करने वाले माने जाते हैं। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से इस मंदिर के महत्व के बारे में जानते हैं।
बेतालेश्वर मंदिर का इतिहास
बेतालेश्वर मंदिर के संबंध में कई स्थानीय कथाएं प्रचलित हैं। कुछ लोगों का मानना है कि यह मंदिर सदियों पुराना है और इसका संबंध पांडवों के काल से जोड़ा जाता है। ऐसा कहा जाता है कि वनवास के दौरान पांडवों ने इस क्षेत्र में कुछ समय बिताया था और उन्होंने ही इस स्थान पर शिवलिंग की स्थापना की थी।
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बेतालेश्वर में पूजा-पाठ करने से पूरी होती हैं सभी मनोकामनाएं
बेतालेश्वर मंदिर स्थानीय लोगों के लिए गहरी आस्था का केंद्र है। यहां नियमित रूप से पूजा-अर्चना होती है और विशेष अवसरों पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। श्रावण मास और शिवरात्रि के दौरान मंदिर का महत्व और भी बढ़ जाता है। भक्त यहां अपने स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना लेकर आते हैं, तो कुछ धन-धान्य और समृद्धि की प्रार्थना करते हैं।
विद्यार्थियों के लिए यह विद्या और ज्ञान का केंद्र है, जहां वे सफलता का आशीर्वाद पाने आते हैं। वहीं, प्रेम और पारिवारिक सुख-शांति के लिए भक्त बेतालेश्वर मंदिर में भगवान शिव की पूजा पूरे विधि-विधान के साथ करते हैं। आपको बता दें, वैशाख के पवित्र महीने में भगवान बेताल नाथ के इस पावन मंदिर में आने मात्र से ही भक्तों की सभी मुरादें पूरी हो जाती हैं।
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इस मंदिर के परिसर में स्थित कुंड में यदि कोई भी श्रद्धालु पूरे एक महीने तक श्रद्धापूर्वक स्नान करता है, तो उस पर स्वयं भगवान भोलेनाथ की असीम कृपा बरसती है और उसकी हर मनोकामना सिद्ध हो जाती है। यहां भगवान भोलेनाथ स्वयंभू शिवलिंग के रूप में विराजमान हैं।
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Image Credit- HerZindagi
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