Shani Ki Sade Sati: शनि की साढ़ेसाती के साथ जीवन में आएंगी ये चुनौतियां, उपाय जानें और संभलकर रहें ये 3 राशि के जातक

29 मार्च 2025 से मेष, मीन और कुंभ राशि प्रभावित होंगी। जानें शनि पूजा, दान, मंत्र जाप और जीवनशैली में बदलाव के उपाय, जो कठिनाइयों को कम कर सकारात्मकता लाएंगे।
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मार्च 2025 की 29 तारीख ज्‍योतिष शास्‍त्र के आधार पर बहुत ज्‍यादा महत्‍वपूर्ण हो गई है। इस दिन वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण पड़ रहा है। हालांकि, भारत में यह सूर्य ग्रहण प्रभावशील नहीं है, मगर इसी दिन शनि ढाई वर्ष बाद राशि परिवर्तन करेगा और कुंभ से मीन में गोचर करेगा। इस स्थिति में जहां कई राशियों पर से शनि की ढैय्या समाप्‍त हो जाएगा और साढ़ेसाती का दूसरा या अंतिम चरण शुरू हो जाएगा, वहीं कुछ राशियां ऐसी भी होंगी जिन पर साढ़ेसाती का आरंभ होगा। इस विषय पर हमारी बात पंडित सौरभ त्रिपाठी से हुई वह कहते हैं, "बहुत सारे परिर्वतन होने वाले हैं। कुछ राशियों के लिए बहुत ही गंभीर समय की शुरुआत होने वाली है, तो कुछ के ऊपर से शनि की दृष्टि हटने वाली है। मगर आपको बता दें कि शनि न्‍याय के देवता है और कर्म का फल देते हैं। आपके ऊपर उनकी दृष्टि हो न हो, मगर वक्‍त आने पर आपको अच्‍छे और बुरे कर्मों का फल मिलता ही है। यह भी सत्‍य है कि हमेशा शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती खराब नहीं होती है। जैसे कर्म किए हैं फल वैसा ही मिलता है। "

क्‍या होती है शनि की साढ़ेसाती ?

जब शनि आपके जन्‍म की राशि के पहले, दूसरे या 12वें भाव में बैठ जाता है, तब शनि की साढ़ेसती शुरू होती है। आपको बता दें कि नौ ग्रहों में शनि ऐसा ग्रह है, जो सबसे धीमि गति से चलता है। इसलिए अगर आपके कर्मो का अच्‍छा फल मिलना है, तो वह लंबे वक्‍त तक मिलेगा और खराब फल मिलना है, तो साढ़े सात साल तक आपको इसका प्रभाव देखना पड़ेगा। साढ़ेसाती तीन चरणों में होती है, जो ढाई-ढाई साल के होते हैं। इसका सबसे गंभीर प्रभाव देने वाला चरण दूसरा होता है।

शनि का वक्री होना क्‍या होता है ?

शनि का वक्री होना यानि अपनी गति से विपरीत दिशा में की चलना होता है। पंडित जी कहते हैं, "शनि न्‍याय प्रिय ग्रह है। आप अच्‍छा या बुरा जैया करोगे वैसा फल पाओगे। बेशक आपके ऊपर शनि ने टेढ़ी नजर की हो, मगर उसके वक्री होने से परिणाम बदल सकते हैं। आपका समय अच्‍छे का बुरा और बुरे का अच्‍छा हो सकता है। इसलिए अपने कर्मों को सुधारो। "

शनि का मार्गी होना क्‍या होता है?

शनि सीधी चाल चल रहा है, तो समझ जाओ की शनि मार्गी हो रहा है। यह शुभ परिणाम देने वाली स्थिति होती है। आपके बिगड़ते काम बनने लगते हैं। सबसे अच्‍छी बात है कि आपको अपनी जीवनशैली में ही इसका अच्‍छा परिणाम दिखने लगेगा।

बच कर रहें ये 3 राशि के जातक

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इस वक्‍त मेष पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो रही है और कुंभ पर आखिरी चरण में है। वहीं मीन राशि के जातकों के सबसे कठिन वक्‍त शुरू होने वाला है, क्‍योंकि इस राशि पर साढ़ेसाति का दूसरा चरण शुरू होने जा रहा है। पंडित जी हमें राशि के अनुसार बताते हैं कि किसी क्‍या उपाय करना चाहिए ताकि यह समय आसानी से बीत जाए।

मेष

मेष राशि के जातकों के लिए यह समय चुनौति भर भी हो सकता है। आपको जीवन में नए उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं। इन सब के कारण आपका मानसिक तनाव भी बढ़ सकता है। साढ़ेसाती के दुष्‍प्रभाव से बचने के लिए आपको निम्‍नलिखित उपाय जरूर करने चाहिए-

  • हर शनिवार को शनिदेव को तिल का तेल अर्पित करें।
  • पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
  • किसी जरूरत मंद को काले तिल और उड़द दाल का दान करें।
  • शनिवार को काले या गहरे नीले रंग के कपड़े पहनें।
  • अनावश्‍यक खर्चों को रोक दें। धन को निवेश करने के सही तरीके जानें।
  • अपनी सेहत के साथ कोई खिलवाड़ न करें। अगर कोई रोग है या महसूस हो रहा है, तो उसका उपचार करवाएं।
  • आपको व्‍यायाम और ध्‍यान जरूर करना चाहिए।

मीन

मीन राशि के जातकों को ढाई वर्ष बहुत संभल कर रहने की जरूरत है। यह साढ़े साती का दूसरा चरण है और इस चरण में आपको बहुत सारी कठिनाइयों से गुजरना पड़ सकता है। आपके करियर, संबंधों, सेहत के लिए यह बहुत ही चुनौतीपूर्ण समय होगा। अगर आप शनि की कृपा चाहते हैं, तो आपको नीचे दिए गए उपायों पर गौर करना चाहिए।

  • रोजाना खुद से 108 बार महामृत्‍युंजय मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से आपकी सेहत ठीक बनी रहेगी। साथ ही मानसिक रूप से आपको शंति मिलेगी।
  • हर शनिवार को शनि चालीसा का पाठ करें। इसके साथ ही शनिदेव पर काले तिल और तिल का तेल अर्पित करें।
  • अपनी समर्थ अनुसार गरीबों को दान करें।
  • काली गाय या कुत्‍ता मिले तो उसे रोटी जरूर खिलाएं।
  • अपने पार्टनर से रिश्‍तों को मधुर बनान का प्रयास करें।
  • जितना हो एक्टिव रहें और मेहनत करें। शनिदेव को मेहनती लोगों से बहुत प्रेम है।

कुंभ

कुंभ राशि के जातकों को अब अपने कर्मों का फल मिलने का वक्‍त आ गया है। आपके जीवन में अब तनाव कम और स्थिरता आ सकती है। लेकिन ऐसा नहीं है कि कठिनाइयां कम हो जाएंगी। जो बुरे कर्म किए हैं, उनके फल से आपको कोई नहीं बचा सकता है। ऐसे में निम्‍नलिखित उपाय करने से थोड़ी राहत आप पा सकते हैं।

  • आपको हर शनिवार को किसी जरूरतमंद को काला तिल और सरसों का तेल दान करना चाहिए।
  • पीपल के पेड़ की जड़ में जल अर्पित करें। हो सके तो दिया भी जलाएं।
  • कोई जरूरतमंद हो तो आपको उसकी मदद करनी चाहिए।
  • किसी के लिए बुरा बोलने और करने से बचना चाहिए।
  • आपने अधूरे कार्यों को पूरा करें और अच्‍दे कर्म करें।

उम्‍मीद है कि यह जानकारी आपको बहुत पसंद आई होगी। इस जानकारी के आधार पर दिए हुए उपाय आपके लिए उपयोगी हो सकते हैं और आपको इससे बड़ा फायदा मिल सकता है।

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