सावन में शमी के पत्तों के इन उपायों से दूर हो सकता है शनि की साढ़ेसाती का अशुभ प्रभाव, जानें नियम

हिंदू धर्म में सावन का महीना बेहद शुभ फलदायी माना गया है। अब ऐसे में अगर किसी जातक की कुंडली में शनि की साढ़ेसाती चल रही है तो सावन में शमी के पत्तों के कुछ ऐसे उपाय बताए गए हैं। जिसे करने से उत्तम फलों की प्राप्ति हो सकती है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं।
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ज्योतिष शास्त्र में शमी के पौधे को बहुत ही शुभ माना जाता है. इसे शनिदेव का प्रिय पौधा कहा जाता है और मान्यता है कि इसमें स्वयं शनिदेव का वास होता है. शमी का पौधा घर में लगाने से सुख-समृद्धि आती है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। इसके पत्तों का इस्तेमाल पूजा-पाठ और कई धार्मिक अनुष्ठानों में किया जाता है। खासकर शनि संबंधी दोषों को शांत करने के लिए शमी के पत्तों का प्रयोग बेहद शुभ फलदायी माना जाता है। अब ऐसे में सावन के महीने में शमी के पत्तों के कुछ ऐसे उपाय हैं, जिसे करने से कुंडली में स्थित शनि की साढे़साती और ढैय्या के अशुभ प्रभावों से छुटकारा मिल सकता है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

शिवलिंग पर शमी के पत्ते चढ़ाने से दूर होगा शनिदोष

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सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। तांबे के लोटे में जल भरकर उसमें कुछ शमी के पत्ते डालें. इस जल से शिवलिंग का अभिषेक करें और 'ऊं नमः शिवाय' मंत्र का जाप करें। अभिषेक के बाद कुछ शमी के पत्ते शिवलिंग पर अर्पित करें। इससे शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या का प्रभाव कम होता है और शिवजी की कृपा भी बनी रहती है।

धन वृद्धि के लिए शमी के पत्तों के उपाय

अगर आप आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं या धन लाभ चाहते हैं, तो सावन में शमी के पत्तों का यह उपाय बेहद कारगर है। किसी शुभ मुहूर्त में, खासकर सावन के सोमवार को, शमी के कुछ पत्ते तोड़कर उन्हें लाल कपड़े में लपेट दें। इस पोटली को अपनी तिजोरी या धन रखने वाले स्थान पर रख दें। माना जाता है कि इससे धन का आगमन बढ़ता है और बरकत आती है।

साढ़ेसाती के अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए उपाय

शनिदेव को शमी का पौधा अत्यंत प्रिय है। यदि आपकी कुंडली में शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या या अन्य कोई शनि दोष है, तो सावन में शमी के पत्तों का प्रयोग आपको राहत दिला सकता है। सावन के किसी भी शनिवार को शाम के समय शमी के पौधे के पास सरसों के तेल का दीपक जलाएं और शमी के पत्तों को शनिदेव को अर्पित करें। इससे शनि के प्रकोप में कमी आती है।

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रोगदोष से छुटकारा पाने के लिए शमी के पत्तों के उपाय

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अगर आपके परिवार में कोई सदस्य लंबे समय से बीमार है या आप स्वयं स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं, तो सावन में शमी के पत्तों का यह उपाय लाभकारी हो सकता है। सावन के किसी भी दिन भगवान शिव को शमी के पत्ते अर्पित करें और बीमार व्यक्ति के नाम से महादेव से स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना करें। आप शमी के पत्तों को गंगाजल से धोकर बीमार व्यक्ति के तकिए के नीचे भी रख सकते हैं। इससे रोगी को शांति मिलती है और स्वास्थ्य में सुधार होता है।

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Image Credit- HerZindagi

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FAQ

  • शमी वृक्ष की पूजा कब और कैसे करें?

    शमी की पूजा करने के लिए व्यक्ति को तन और मन से पवित्र होकर सबसे पहले शमी के पौधे पर जल चढ़ाना चाहिए. इसके बाद चंदन, रोली और पुष्प चढ़ाकर अपने शुभता की कामना करना चाहिए. इसके बाद शमी के पौधे की पूजा धूप और दीप से करें और सबसे अंत में शमी की परिक्रमा करें।
  • शिवलिंग पर शमी के पत्ते कैसे चढ़ाएं?

    तांबे के लोटे से जल चढ़ाने के बाद शिवलिंग पर चावल, बिल्वपत्र, सफेद वस्त्र, जनेऊ और मिठाई के साथ ही शमी के पत्ते भी चढ़ाएं। अमंगलानां च शमनीं शमनीं दुष्कृतस्य च। दु:स्वप्रनाशिनीं धन्यां प्रपद्येहं शमीं शुभाम्।। - शमी पत्र चढ़ाने के बाद शिवजी की धूप, दीप और कर्पूर से आरती कर प्रसाद ग्रहण करें।