इस नदी का है महाभारत से गहरा नाता, पांडवों ने किया था यहां रक्त स्नान

महाभारत काल से जुड़ी ऐसी कई जगहें हैं जो आज भी मौजूद हैं और अपने भीतर एक रहस्य समेटे हुए हैं। इसके अलावा, कई कुंड भी हैं जो महाभारत काल में पांडवों द्वारा बनाए गये थे और आज भी उन कुंडों को चमत्कारी माना जाता है।  

Relation of betwa river with mahabharat wikipedia

महाभारत काल से जुड़ी ऐसी कई जगहें हैं जो आज भी मौजूद हैं और अपने भीतर एक रहस्य समेटे हुए हैं। इसके अलावा, कई कुंड भी हैं जो महाभारत काल में पांडवों द्वारा बनाए गये थे और आज भी उन कुंडों को चमत्कारी माना जाता है। ठीक ऐसे ही एक नदी भी हैं जिसका ताल्लुख महाभारत से है। ऐसा माना जाता है कि इस नदी में पांडवों ने महाभारत युद्ध के बाद रक्त स्नान किया था। ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं इस नदी के बारे में विस्तार से।

महाभारत काल की नदी का नाम क्या है?

What is the origin of Betwa River

मध्य प्रदेश की मुख्य नदियों में से एक है बेतवा नदी। यह नदी उत्तर भारत में मध्य प्रदेश के होशंगाबाद के उत्तर से निकलती है। इस नदी का बहाव मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कुछ राज्यों में है। यह नदी 300 मील तक अकेले बहती है और फिर हमीरपुर के पूर्व में जाकर यमुना में मिल जाती है।

बेतवा नदी का संस्कृत में नाम वेत्रावती है। इसके अलावा, इस नदी का समबन्ध महाभारत काल से भी है। महाभारत ग्रंथ में भी इस नदी का वर्णन मिलता है। महाभारत में वर्णित है कि युद्ध के दौरान जब पांडव अपने शिविर में लौटते थे तब वह बेतवा नदी में ही स्नान करते थे। सिर्फ पांडव ही नहीं बल्कि पूरी पांडव सेना भी उसी नदी में स्नान करती थी। रोजाना स्नान करने के दैरान इस नदी का जल रक्त से भर जाता था और इसका रंग भी गहरा लाल हो जाता था।

Why is Betwa known as the lifeline of Bundelkhand

चूंकि नदी का काम होता है बहना, ऐसे में एक बार ऋषि दुर्वासा बेतवा नदी के किनारे किसी अन्य शहर में तपस्या में लीन थे कि तभी बेतवा नदी का जल स्तर बढ़ा। नदी का जल पूरी तरह से पांडवों और पांडव सेना के स्नान के कारण लाल हो रखा था और तभी नदी के जल ने ऋषि दुर्वासा को स्पर्श कर लिया।

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इसके बाद ऋषि दुर्वासा ने अशुद्ध हो जाने के कारण और अपनी तपस्या में विघ्न पढने के कारण बेतवा नदी को अपूजनीय होने का श्राप दिया। इसी वजह से बेतवा नदी को आज तक भी पूजा नहीं जाता है।

आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से यह जान सकते हैं कि आखिर वह कौन सी नदी है जिसका समबन्ध महाभारत काल और पांडवों से बताया गया है और क्या है इस नदी का महत्व। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

image credit: herzindagi

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