रामायण का पाठ आप में से बहुत से लोगों के घर में या तो कभी न कभी हुआ होगा या फिर आप के घर के बड़े-बुजुर्ग रामायण का पाठ रोजाना करते होंगे। शास्त्रों में बताया गया है कि रामायण का पाठ करने से पारिवारिक शांति स्थापित होती है, जीवन की कठिनाइयों से बाहर निकलने का मार्ग मिलता है और हर परिस्थिति में अपने कर्तव्यों का पालन करने की सीख मिलती है। यही कारण है कि रामायण पढ़ना ही नहीं बल्कि घर में रामायण रखना भी बहुत शुभ माना जाता है।
जहां एक ओर रामायण का पाठ करने से जीवन को नई दिशा मिलती है तो वहीं, कई लोग ऐसे भी हैं जो रामायण का पाठ नहीं कर पाते हैं फिर चाहे कारण कुछ भी हो। ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि जो लोग रामायण का पाठ नहीं कर पाते हैं वो रामायण में वर्णित सात में से सिर्फ एक काण्ड का पाठ कर लें तो इससे संपूर्ण रामायण का फल मिल जाता है।
रामायण का सबसे शक्तिशाली काण्ड कौन सा है?
रामायण में 24 हजार श्लोक हैं जो 7 काण्डों में बटे हुए हैं। इन्हीं में से एक काण्ड ऐसा है जो न सिर्फ सबसे ज्यादा दिव्य एवं शक्तिशाली माना जाता है बल्कि इस काण्ड को पढ़ने से संपूर्ण रामायण पाठ के बराबर का फल मिलता है। यह काण्ड है 'सुंदर काण्ड'। सुंदर काण्ड का पाठ करना संपूर्ण रामायण पाठ के बराबर माना जाता है।
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सुंदर काण्ड में हनुमान जी के साहस, पराक्रम और सूझबूझ का वर्णन किया गया है यानी कि हनुमान जी का माता सीता की खोज करने हेतु लंका जाना, हनुमान जी द्वारा रावण के पुत्र अक्षय कुमार का वध होना, रावण को भरी सभा में ललकारना, लंका दहन आदि लीलाओं का वर्णन किया गया है। यही कारण है इस काण्ड को दिव्य मानने का।
खुद ऋषि वाल्मीकि जी ने रामायण में इस बात का उल्लेख किया है कि रामायम पाठ का सबसे शक्तिशाली भाग सुंदर काण्ड है और इस एक काण्ड के पाठ से ही संपूर्ण रामायण पाठ का फल प्राप्त किया जा सकता है। सुंदर काण्ड में कुल 526 चौपाइयां, 60 दोहे और 3 श्लोक हैं। सुंदर काण्ड के पाठ से हनुमान जी की असीम कृपा प्राप्त होती है।
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एक पौराणिक कथा के अनुसार, जब महर्षि वाल्मीकि जी ने श्री राम को रामायण ग्रन्थ सौंपा था, तब श्री राम ने हनुमान जी को यह वरदान दिया था कि चूंकि हनुमान जी के बिना श्री राम का जीवन, उनका यह अवतार अधूरा है ठीक इसी प्रकार रामायण भी सुंदर काण्ड के बिना अधूरी ही मानी जाएगी और एक मात्र यह काण्ड संपूर्ण रामायण के बराबर होगा।
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