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2nd Day of Navratri​ Puja Vidhi 2025: चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन करें मां ब्रह्मचारिणी की पूजा, जानें विधि, पूजन सामग्री मंत्र और भोग के बारे में सबकुछ

मां ब्रह्मचारिणी सकारात्मक ऊर्जा की प्रतीक मानी जाती हैं। उनकी पूजा से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। अब चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि, पूजन सामग्री, मंत्रों का जाप और भोग के बारे में आइये जानते हैं।
Editorial
Updated:- 2025-03-30, 16:21 IST

हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का अत्यधिक महत्व है। चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधिपूर्वक करने का विशेष महत्व माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जो व्यक्ति मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधिपूर्वक करता है, उसे धन, सुख और समृद्धि से संबंधित कोई भी समस्या नहीं आती। मां ब्रह्मचारिणी ज्ञान की देवी हैं, और उनकी पूजा करने से बुद्धि में वृद्धि होती है तथा विद्या की प्राप्ति होती है।

मां ब्रह्मचारिणी तपस्या की देवी भी मानी जाती हैं। उनकी पूजा से व्यक्ति में तप करने की शक्ति का विकास होता है और साधना में सफलता मिलती है। इसके अलावा, मां ब्रह्मचारिणी मन को शांति प्रदान करने वाली देवी हैं। उनकी पूजा करने से मन में शांति का अनुभव होता है और चित्त एकाग्र होता है। वे इंद्रियों पर नियंत्रण रखने वाली देवी हैं, और उनकी पूजा से व्यक्ति अपनी इंद्रियों पर काबू पा सकता है।

मां ब्रह्मचारिणी सकारात्मक ऊर्जा की प्रतीक मानी जाती हैं। उनकी पूजा से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। अब चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि, पूजन सामग्री, मंत्रों का जाप और भोग के बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से आइये जानते हैं।

मां ब्रह्मचारिणी का स्वरूप

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मां ब्रह्मचारिणी हिन्दू धर्म की नौ दुर्गाओं में से एक हैं। उनका स्वरूप और गुण अत्यंत दिव्य और प्रेरणादायक हैं। मां ब्रह्मचारिणी का रूप बेहद पवित्र और सरल होता है। वे अक्सर सफेद वस्त्रों में सजी होती हैं, जो ब्रह्मचर्य और तप के प्रतीक हैं। उनके हाथों में एक जप माला और एक कमंडल होता है। जप माला साधना और ध्यान का प्रतीक है, जबकि कमंडल तप और संयम का। मां ब्रह्मचारिणी को तप और साधना का प्रतीक माना जाता है। उनकी भक्ति और समर्पण सभी भक्तों के लिए प्रेरणा स्रोत है। वे ज्ञान और विवेक की देवी हैं, जो अपने भक्तों को सही मार्ग दिखाती हैं। मां की भक्ति से भक्तों को मानसिक और आत्मिक शक्ति मिलती है। मां ब्रह्मचारिणी की पूजा से जीवन में स्थिरता, आत्मिक विकास और ज्ञान की प्राप्ति होती है। उनकी आराधना करने से भक्तों को सफलता और समर्पण की भावना मिलती है।

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मां ब्रह्मचारिणी की पूजा के लिए सामग्री क्या है? (Maa Brahmacharini Puja Samagri List)

मां ब्रह्मचारिणी की पूजा के लिए सामग्री के बारे में विस्तार से पढ़ें।

  • मां ब्रह्मचारिणी की प्रतिमा
  • तांबे, पीतल या स्टील का थाल
  • साफ कपड़ा
  • अगरबत्ती या धूप
  • दीपक
  • घी या तेल
  • फूल
  • मिठाई
  • नैवेद्य
  • रोली
  • चंदन
  • अक्षत
  • नारियल
  • जल का लोटा
  • पूजा का थाली

मां ब्रह्मचारिणी की पूजा किस विधि से करनी चाहिए? (Maa Brahmacharini Puja Vidhi)

मां ब्रह्मचारिणी देवी दुर्गा का दूसरा रूप हैं। वे तपस्या और ब्रह्मचर्य का प्रतीक हैं। नवरात्रि के दूसरे दिन इनकी पूजा की जाती है।

  • सबसे पहले पूजा स्थल को गंगाजल या शुद्ध जल से पवित्र करें।
  • मां ब्रह्मचारिणी की मूर्ति या चित्र को एक स्वच्छ स्थान पर स्थापित करें।
  • मूर्ति के सामने आसन बिछाएं और दीपक जलाएं।
  • मां को पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य आदि अर्पित करें।
  • मां को फल, मिठाई आदि का भोग लगाएं।
  • मां ब्रह्मचारिणी की आरती करें।
  • मां ब्रह्मचारिणी को पीले या सफेद रंग के फूल बहुत प्रिय हैं।
  • मन को एकाग्र करके पूजा करें।

मां ब्रह्मचारिणी के किन मंत्रों का जाप करें? (Maa Brahmacharini Puja Mantra)

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मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने के दौरान इन मंत्रों का जाप विशेष रूप से करें।

  • मंत्र जाप करते समय मन को शांत और एकाग्र रखें।
  • मंत्रों का उच्चारण स्पष्ट और शुद्ध होना चाहिए।
  • या देवी सर्वभू‍तेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
  • नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
  • ॐ ऐं ह्रीं क्लीं ब्रह्मचारिण्यै नम:।
  • धवल परिधाना ब्रह्मरूपा पुष्पालंकार भूषिताम्॥
  • परम वंदना पल्लवराधरां कांत कपोला पीन।

मां ब्रह्मचारिणी को क्या भोग लगाएं? (Maa Brahmacharini Bhog)

मां ब्रह्मचारिणी को सेब, नाशपाती, संतरा, अंगूर अर्पित कर सकते हैं। विशेषकर पीले फल जरूर अर्पित करें। इससे मां प्रसन्न होती है।

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मां ब्रह्मचारिणी को कौन से फूल चढ़ाएं?

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सफेद रंग शुद्धता, शांति और तपस्या का प्रतीक है। मां ब्रह्मचारिणी तपस्या और ब्रह्मचर्य का प्रतीक हैं, इसलिए सफेद रंग के फूल उन्हें बेहद प्रिय हैं। पीला रंग ज्ञान, बुद्धि और उल्लास का प्रतीक है। मां ब्रह्मचारिणी ज्ञान और विवेक की देवी हैं, इसलिए पीले रंग के फूल भी उन्हें प्रिय हैं।

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FAQ
मां ब्रह्मचारिणी किसका प्रतीक है?
इनकी उपासना से मनुष्य में तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार, संयम की वृद्धि होती है। जीवन के कठिन संघर्षों में भी उसका मन कर्तव्य-पथ से विचलित नहीं होता। माँ ब्रह्मचारिणी देवी की कृपा से उसे सर्वत्र सिद्धि और विजय की प्राप्ति होती है। दुर्गा पूजा के दूसरे दिन इन्हीं के स्वरूप की उपासना की जाती है।
मां ब्रह्मचारिणी का मंत्र क्या है?
मां ब्रह्मचारिणी का मंत्र 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं ब्रह्मचारिण्यै नम:' है।
मां ब्रह्मचारिणी को क्या भोग लगाना चाहिए?
मां ब्रह्मचारिणी को भोग में चीनी या गुड़ अर्पित करना चाहिए।
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