(Mahashivratri 2024 parthiv shivling puja) हिंदू धर्म में भगवान शिव की पूजा कई प्रकार से की जाती है। कोई इनकी प्रतिमा स्थापित करता है, तो कोई स्वयं शिवलिंग बनाकर उनकी विधिवत पूजा करता है। वहीं शिवलिंग की पूजा भी कई तरह से की जाती है, कोई पत्थर की शिवलिंग को पूजता है, तो कोई स्फटिक के शिवलिंग की साधना विधिवत रूप से करता है। अब ऐसे में अगर आपकी कोई ऐसी मनोकामना है, जिसे आप पूर्ण करना चाहते हैं, तो शिवलिंग की पूजा करने से मनचाहा वरदान मिल सकता है।
आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं कि महाशिवरात्रि के दिन घर पर पार्थिव शिवलिंग कैसे बनाएं।
घर पर ऐसे बनाएं पार्थिव शिवलिंग (Make Parthiv Shivling at home)
- महाशिवरात्रि के दिन सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त (ब्रह्म मुहूर्त मंत्र) में उठकर स्नान करें और भगवान शिव का ध्यान करें। उसके बाद पीतल के बर्तन को धोकर उसमें पीली मिट्टी को अच्छे से गूंदें।
- पश्चात पीली मिट्टी से शिवलिंग तैयार करें।
- पूजन सामग्री तैयार करें और शिवलिंग की पूजा विधिवत रूप से करना प्रारंभ करें।
- दूध, दही, शक्कर, शहद, घी, गंगाजल और गन्ने के रस से शिवलिंग का अभिषेक करें। इससे पुण्य फल की प्राप्ति हो सकती है और मनोकामना की पूर्ति हो सकती है।
- रुद्राभिषेक करने के बाद भजन-कीर्तन अवश्य करें।
- इस बात का ध्यान रखें कि पार्थिव शिवलिंग एक अंगूठे के बराबर ही बनाएं। इससे बड़ा न बनाएं।
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पार्थिव शिवलिंग की पूजा से हो सकते हैं ये लाभ ( worshiping Parthiv Shivling)
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पार्थिव शिवलिंग की पूजा करना बहुत शुभ और कल्याणकारी माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि पार्थिव शिवलिंग की पूजा करने से व्यक्ति के सभी पाप दूर हो सकते हैं और सभी सुखों की प्राप्ति हो सकती है। खासकर महाशिवरात्रि में पार्थिव पूजा सभी कष्टों को दूर करके धन-धान्य, सुख-सौभाग्य और आरोग्य की कामना को पूरा करने वाली मानी जाती है। पार्थिव शिवलिंग की पूजा करने से अकाल मृत्यु से छुटकारा मिल सकता है।
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पार्थिव शिवलिंग की पूजा करने के नियम (Rules for worshiping Parthiv Shivling)
- पार्थिव शिवलिंग की पूजा में तन और मन की शुद्धता बहुत जरूरी है।
- पार्थिव शिवलिंग शुद्ध पीली मिट्टी से बनानी चाहिए।
- पार्थिव शिवलिंग हमेशा उत्तर दिशा (उत्तर दिशा वास्तु) की ओर मुख करके बनाना चाहिए।
- पार्थिव शिवलिंग लगभग 12 अंगुल से ज्यादा और एक अंगूठे से कम नहीं होना चाहिए।
- पार्थिव शिवलिंग की पूजा हमेशा किसी भी पवित्र नदी के किनारे ही करना चाहिए। इससे सौभाग्य की प्राप्ति हो सकती है।
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