Maha Kumbh 2025: महाकुंभ में सबसे बड़ा अखाड़ा कौन सा है? जानें इसका रहस्य

महाकुंभ में साधु-संतों का आना इसकी दिव्यता को और भी बढ़ा देता है। यूं तो महाकुंभ में कई अखाड़े आते हैं, लेकिन आज हम जानेंगे कि सबसे बड़ा अखाड़ा कौन सा है।  
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महाकुंभ 2025 का आरंभ हो चुका है। अलग-अलग अखाड़ों से जुड़े साधु-संत महाकुंभ में पधार चुके हैं। यहां तक कि पौष पूर्णिमा के दिन पहला और मकर संक्रांति के दिन दूसरा शाही स्नान भी साधु-संतों द्वारा किया जा चुका है। मान्यता हैं कि महाकुंभ में साधु-संतों के दर्शन से जीवन को एक नई दिशा मिलती है और सकारात्मकता एवं ज्ञान का व्यक्ति में संचार होता है। व्यक्ति आध्यात्म की ओर बढ़ता है।

ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि महाकुंभ में साधु-संतों का आना इसकी दिव्यता को और भी बढ़ा देता है क्योंकि धर्म और भक्ति के इस महापर्व में अनेकों प्रकार के साधु-संत आते हैं ताकि उनकी सालों से चले आ रहे कठोर तप को पूर्णता प्राप्त हो और वह भगवान के चरणों में लीन हो जाएं। यूं तो महाकुंभ में कई अखाड़े आते हैं, लेकिन आज हम जानेंगे कि सबसे बड़ा अखाड़ा कौन सा है।

महाकुंभ 2025 में सबसे बड़ा अखाड़ा कौन सा है? (Maha Kumbh 2025 Mein Sabse Bada Akhada Kaun Sa Hai?)

महाकुंभ में तीन प्रकार के अखाड़े हैं: शैव अखाड़ा जो भगवान शिव की परंपरा अनुसार चलता है, वैष्णव अखाड़ा जिसमें भगवान विष्णु द्वारा बताये गए मार्ग का अनुसरण किया जाता है और उदासीन अखाड़ा जिसमें साधु-संतों द्वारा भगवान शिव के प्रतीक 'ॐ' की पूजा होती है।

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इन सभी अखाड़ों में शैव संप्रदाय का प्रतिनिधित्व करने वाला श्री पंचदशनाम जूना आखाड़ा सबसे बड़ा है। जूना आखाड़ा उत्तराखंड के कर्णप्रयाग में 1145 में स्थापित किया गया था। इस अखाड़े के साधु-संतों द्वारा भगवान शिव और उनके अंश दत्तात्रेय की पूजा का विधान है।

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यह अखाड़ा नागा साधुओं के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है, और यहां नागा साधुओं की संख्या सबसे अधिक पाई जाती है। इस अखाड़े में लगभग 5 लाख नागा साधु और महामंडलेश्वर संन्यासी शामिल हैं।

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इस अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज हैं और इसके अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरी हैं। जूना अखाड़े की पेशवाई महाराजाओं की शान और वैभव को प्रदर्शित करती है।

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इसमें स्वर्ण रथ और अन्य कई प्रकार के वैभवपूर्ण सामान दिखाई देते हैं। इस अखाड़े की पेशवाई में हाथी भी सम्मिलित होता है, जो इसकी भव्यता को और बढ़ाता है। यह एक प्रकार से शाही अखाड़ा है।

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image credit: herzindagi

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