Maha Kumbh 2025: प्रयागराज के इस मंदिर में बिना दर्शन के अधूरी मानी जाती है संगम नगरी की तीर्थयात्रा, जानें महत्व

प्रयागराज में जल्द ही महाकुंभ का आरंभ होने जा रहा है। इस दौरान सभी मंदिरों की घाटों पर भक्तों की भीड़ देखने को मिलेगी। अब ऐसे में अगर कोई जातक संगम नगरी आ रहा है, तो नागवासुकी मंदिर में दर्शन जरूर करना चाहिए। इसके बिना तीर्थयात्रा अधूरी मानी जाती है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं। 
maha kumbh 2025 prayagraj nagvasuki temple history and significance

धर्म और आस्था की नगरी प्रयागराज इन दिनों महाकुंभ के रंग में रंगी हुई दिखाई दे रही है। यह महाकुंभ 45 दिनों तक चलेगा और इसकी शुरुआत जनवरी से होने जा रही है। इतना ही नहीं, प्रशासन भी तैयारियों में जोरों-शोरों से लगी हुई है। देश-विदेश से लोग संगम में डुबकी लगाने के लिए आते हैं। भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है। इतना ही नहीं, प्रयागराज में प्रमुख घाटों के साथ-साथ विशेष मंदिरें भी हैं। जहां दर्शन करना बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। अब ऐसे में अगर आप संगम तीर्थ के दर्शन करने जा रहे हैं, तो नागवासुकी मंदिर के दर्शन करना बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके बिना तीर्थयात्रा सफल नहीं मानी जाती है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

नागवासुकी मंदिर में दर्शन करने से पूरी होती है तीर्थयात्रा

TEMPLE

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसा कहा जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान सभी देवताओं और असुरों ने नागवासुकी को सुमेरु पर्वत में लपेटकर उनका प्रयोग रस्सी के तौर पर किया था। वहीं समुद्र मंथन के बाद नागवासुकी पूरी तरह घायल हो गए थे और भगवान विष्णु के कहने पर उन्होंने प्रयागराज में विश्राम किया था। इसलिए इस मंदिर को नागवासुकी मंदिर भी कहा जाता है।

भगवान विष्णु ने दिया था नागवासुकी को वरदान

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जब देवताओं और राक्षसों को समुद्र मंथन के लिए ताकतवर रस्सी की जरूरत थी। तब नागों के राजा नागवासुकी रस्सी बने थे। उन्हें तीन वरदान प्राप्त हैं। जिसमें पहला वरदान यह है कि संगम में स्नान करने के बाद उनके दर्शन करने से भक्तों की तीर्थयात्रा पूरी मानी जाएगी।
दूसरा वरदान यह है कि नागवासुकी के दर्शन करने से व्यक्ति को कालसर्प से दोष से छुटकारा मिल सकता है।
नागवासुकी को तीसरा वरदान यह मिला है कि स्वयं नगर देवता बेदी माधव हर साल इनकी पूजा करने के लिए आते हैं। तभी पूजा सफल मानी जाती है। इसी कारण कुंभ और सावन के महीने में इस मंदिर में भारी भीड़ रहती है।

इसे जरूर पढ़ें - Maha Kumbh Kab Hai 2025: कब से लग रहा है महाकुंभ? जानें क्या हैं शाही स्थान की तिथियां और महत्व

नागवासुकी देवता की पूजा करने का महत्व

Nag temple

नागवासुकी को धन और समृद्धि का देवता भी माना जाता है। उनकी पूजा करने से धन और समृद्धि में वृद्धि होती है। साथ ही अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प दोष है तो इससे मिल सकता है।

इसे जरूर पढ़ें - Maha Kumbh 2025: आखिर महाकुंभ प्रयागराज में ही क्यों लगता है?

अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से। अपने विचार हमें आर्टिकल के ऊपर कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।

Image Credit- HerZindagi

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP