सनातन परंपरा में कुंभ का बहुत महत्व मा जाता है। चार प्रकार का कुंभ मेला लगता है: कुंभ मेला, अर्ध कुंभ मेला, पूर्ण कुंभ मेला, महाकुंभ मेला। जहां एक ओर कुंभ मेला हर तीन साल में आता है तो वहीं, अर्ध कुंभ मेला हर छह साल में हरिद्वार और संगम के तट पर लगता है। इसके अलावा, पूर्ण कुंभ मेला हर 12 साल में आयोजित किया जाता है और महाकुंभ मेला हर 144 साल में प्रयागराज के संगम घाट पर लगता है। हालांकि पूर्ण कुंभ को भी एक प्रकार से महाकुंभ कहा जाता है।
ऐसा इसलिए क्योंकि हर 12 वर्ष में लगने वाले इस कुंभ में शाही स्नान करने के लिए न सिर्फ संत समाज का जमावड़ा लगता है बल्कि नागा साधु जो गुप्त रूप में निवास करते हैं वह भी महाकुंभ में पधारते हैं और इनके द्वारा महाकुंभ में शाही बारात निकाली जाती है। साथ ही, लोगों की भी बारी भीड़ आती है। ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि साल 2025 में कब लगने वाला है महाकुंभ, कौन-कौन सी तिथियों पर होगा शाही स्नान और क्या है इसका महत्व।
महाकुंभ 2025 कब लग रहा है?
हिन्दू पंचांग के अनुसार, महाकुंभ पौष माह की पूर्णिमा से आरंभ होकर महाशिवरात्रि पर समाप्त होगा। यानी कि साल 2025 में महाकुंभ 13 जनवरी, दिन सोमवार से शुरू हो जाएगा और इसका समापन 26 फरवरी, दिन रविवार को होगा। ऐसे में महाकुंभ पूरे 45 दिनों तक चलेगा।
महाकुंभ 2025 में कब-कब होगा शाही स्नान?
तिथि | दिन | शाही स्नान पर्व |
13 जनवरी 2025 | सोमवार | पौष पूर्णिमा स्नान |
14 जनवरी 2025 | मंगलवार | मकर संक्रांति स्नान |
29 जनवरी 2025 | बुधवार | मौनी अमावस्या स्नान |
3 फरवरी 2025 | सोमवार | बसंत पंचमी स्नान |
12 फरवरी 2025 | बुधवार | माघ पूर्णिमा स्नान |
26 फरवरी 2025 | बुधवार | महाशिवरात्रि स्नान |
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महाकुंभ 2025 में क्या है शाही स्नान का महत्व?
महाकुंभ के बारे में बहुत कुछ शास्त्रों में बताया गया है। वहीं, महाकुंभ के दौरान शाही स्नान का महत्व तो मुख्य रूप से वर्णित है। शास्त्रों के अनुसार, शाही स्नान को राजयोगी स्नान के नाम से भी जाना जाता है। महाकुंभ के दौरान शाही स्नान करने से दैवीय ऊर्जाओं और सिद्धियों की प्राप्ति होती है।
इसके अलावा, महाकुंभ के दौरान शाही स्नान करने से मृत्यु के बाद मोक्ष भी मिलता है। ऐसा माना जाता है कि शाही स्नान करने वाले व्यक्ति को साक्षात भगवान शिव के चरणों में जगह मिलती है। शाही स्नान करने से आरोग्य की प्राप्ति होती है। बीमारी से व्यक्ति का हमेशा के लिए पीछा छूट जाता है।
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