
नवरात्रि में कन्या पूजन देवी शक्ति यानी कि मां दुर्गा का सम्मान करने का सबसे सरल तरीका है। हिंदू धर्म में, छोटी कन्याओं को मां दुर्गा का साक्षात स्वरूप माना जाता है। कन्या पूजन के दौरान 2 से 10 साल की 9 कन्याओं को भोजन कराया जाता है और उपहार दिए जाते हैं जिससे यह माना जाता है कि आप स्वयं देवी के नौ रूपों को तृप्त कर रहे हैं। यह पूजा इस बात का प्रतीक है कि जीवन में नारी शक्ति या यूं कहें कि स्त्री ऊर्जा कितनी महत्वपूर्ण और पूजनीय है। कन्या पूजन से मां दुर्गा अत्यंत प्रसन्न होती हैं और भक्तों को सुख, समृद्धि और सौभाग्य का आशीर्वाद देती हैं। ऐसे में वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि इस साल शारदीय नवरात्रि के दौरान कन्या पूजन कब होगा और क्या है कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त एवं महत्व।
महानवमी के दिन कन्या पूजन 1 अक्टूबर 2025 को किया जाएगा जिसके लिए दो मुख्य शुभ मुहूर्त उपलब्ध हैं। पहला मुहूर्त ब्रह्म मुहूर्त के साथ शुरू होकर सुबह जल्दी 5 बजकर 01 मिनट से 6 बजकर 14 मिनट तक रहेगा। अगर आप सुबह जल्दी पूजन न कर पाएं, तो दूसरा शुभ मुहूर्त दोपहर में 2 बजकर 09 मिनट से लेकर 2 बजकर 57 मिनट तक रहेगा। आप अपनी सुविधा अनुसार इन दोनों में से किसी भी शुभ मुहूर्त में कन्या पूजन कर सकते हैं।
नवरात्रि में कन्या पूजन का सबसे ज्यादा महत्व अष्टमी और नवमी तिथि को ही माना जाता है। इस दिन कन्याओं को मां दुर्गा का साक्षात स्वरूप मानकर उनकी पूजा की जाती है। दुर्गाष्टमी के दिन कन्या पूजा का सबसे श्रेष्ठ समय सुबह 10 बजकर 41 मिनट से दोपहर 12 बजकर 11 मिनट तक है। इसके अलावा, आप अभिजीत मुहूर्त में कन्या पूजन कर सकते हैं, लेकिन उसके बाद कोई मुहूर्त नहीं बचेगा।

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सबसे पहले 9 कन्याओं को और एक बालक (भैरव बाबा) को अपने घर पर निमंत्रण दें। जब कन्याएं घर आएं, तो उनका फूलों से स्वागत करें और उनके पैरों को साफ पानी से धोएं। इसके बाद, उन्हें एक स्वच्छ आसन पर बैठाएं। कन्याओं के माथे पर रोली और अक्षत का तिलक लगाएं और उनके हाथ में मौली बांधें। इसके बाद, उन्हें हलवा, पूड़ी, और चना का भोजन कराएं। भोजन के बाद, उन्हें दक्षिणा और उपहार भेंट करें। अंत में, कन्याओं के चरण छूकर उनका आशीर्वाद लें और उन्हें सम्मान के साथ विदा करें।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कन्या पूजन के बिना नवरात्रि का व्रत अधूरा माना जाता है। कन्या पूजन करने से सभी नौ दिनों के व्रत का पूरा फल मिलता है। कन्याओं को मां दुर्गा का रूप माना जाता है, इसलिए उनकी पूजा करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और घर में सुख-समृद्धि, धन-संपदा और शांति का आशीर्वाद देती हैं। ऐसा माना जाता है कि कन्या पूजन करने से व्यक्ति के सभी पापों का नाश होता है और उसे जीवन में आने वाली परेशानियों से मुक्ति मिलती है।
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