त्रिशूल के अलावा महादेव के पास हैं ये खास अस्त्र, बहुत कम लोग जानते हैं ये बात

त्रिशूल के बारे में तो आप सभी जानते होंगे कि त्रिशूल प्रकृति के तीन पहलुओं अतीत, वर्तमान और भविष्य से जुड़ा है। 

how much weapon  lord shiva have

भगवान शिव, जिन्हें महादेव के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में सबसे पूजनीय देवताओं में से एक हैं। वह विनाश और परिवर्तन के सर्वोच्च देवता माने जाते हैं।

लेकिन बहुत कम लोग हैं, जो उनके अस्त्रों के बारे में अच्छे जानते हैं। लोगों को लगता है कि भगवान शिव का त्रिशूल ही बस एक अस्त्र है, लेकिन ऐसा नहीं है।

त्रिशूल की व्याख्या तो आप सभी जानते होंगे, यह एक तीनधारी भाला है जिसे अक्सर हिंदू, भगवान शिव के गुणों में से एक के रूप में चित्रित करते हैं।

हिंदू पौराणिक कथाओं में, त्रिशूल सृजन, रखरखाव और विनाश के तीन कार्यों का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसा कहा जाता है कि यह अहंकार को नष्ट करने की दिव्य शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है।

आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

पाशुपतास्त्र (Pashupatastra)

Pashupatastra

यह एक शक्तिशाली हथियार है, जिसे भगवान शिव को अग्नि देव ने दिया था। पाशुपतास्त्र हिंदू पौराणिक कथाओं में वर्णित एक दिव्य हथियार है, जिसे ब्रह्मांड का सबसे शक्तिशाली हथियार भी कहा जाता है। इसका उपयोग कभी भी आसान परिस्थिती में नहीं किया जाता। (भगवान शिव के मंत्र)

क्योंकि यह सृष्टि को नष्ट करने की ताकत रखता है। यह एक ही वार में पूरे ब्रह्मांड को नष्ट करने में सक्षम है। पाशुपतास्त्र को प्राप्त करना बहुत कठिन है। कहा जाता है कि केवल सबसे योग्य व्यक्ति ही इसे प्राप्त करने में सक्षम हैं। महाभारत में केवल अर्जुन और रामायण में केवल ऋषि विश्वामित्र और राम के पास ही पाशुपतास्त्र था।

इसे आप एक तरह से मिसाइल की तरह समझ सकते हैं। जिसे दुश्मन पर दागा गया तो इतना नुकसान होगी, जिसके बारे में आप अनुमान भी नहीं लगा सकते।

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पिनाक या शिव धनुष (Pinaka Shiva Dhanush)

PINAKA SHIV DHANUSH

पिनाक जिसके बारे में आपने रामायण में भी सुना होगा। यह वहीं धनुष है जिसे श्री राम ने माता सीता से विवाह करने के लिए तोड़ दिया था। (शिव जी को क्यों नहीं चढ़ाई जाती है हल्दी)

हिंदू पौराणिक कथाओं में इसके बारे में साफ वर्णन मिलता है कि यह एक दिव्य हथियार है। इसे भगवान शिव का निजी हथियार भी कहा जाता है। यह बड़ी शक्तियों और तेज गति के साथ तीरों की बौछार करने में सक्षम है।

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सुदर्शन चक्र (Sudarshan Chakra)

Sudarshan Chakra

इसे आपने भगवान विष्णु के हाथ में देखा होगा। यह एक घूमता हुआ चक्र है जो भगवान ब्रह्मा द्वारा भगवान विष्णु को दिया गया था। माना जाता है कि इसका निर्माण स्वयं महादेव ने किया था।

लेकिन बाद में यह भगवान विष्णु को दे दिया गया। कहा जाता है कि यह बुराई और अज्ञानता को नष्ट करने में सक्षम है। यह समय की अवधारणा से भी जुड़ा है, क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि यह जन्म और मृत्यु के चक्र को काटने में सक्षम है।

इन सब के अलावा भी भगवान शिव के पास कई सारे अस्त्र है, लेकिन इसका प्रयोग वह समय आने पर ही करते हैं। त्रिशूल उनका एकमात्र ऐसा अस्त्र है, जिसे भगवान शिव हमेशा साथ रखते हैं।

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Image Credit- Insta

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