गणेश चतुर्थी का शुभारंभ भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि यानी कि 7 सितंबर, दिन शनिवार से होने जा रहा है। 10 दिवसीय चलने वाले इस पर्व के दौरान भक्त गणपति बप्पा की प्रतिमा को घर लाते हैं और उन्हें स्थापित कर पूर्ण श्रद्धा से उनकी आराधना करते हैं। यूं तो आजकल गणपति प्रतिमा बाजारों में उपलब्ध है और ज्यादातर लोग बाजार से ही प्रतिमा खरीदते हैं, लेकिन शास्त्रों में मिट्टी से घर पर ही बनाये गए गणेश जी की पूजा को सबसे अधिक लाभदायक माना गया है। असल में जिस प्रकार पार्थिव शिवलिंग की पूजा होती है ठीक वैसे ही पार्थिव गणेश की पूजा का भी खासा महत्व है। ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि पार्थिव गणेश की पूजा के क्या लाभ मिलते हैं।
क्या है पार्थिव गणेश की पूजा के लाभ?
जब घर में शुद्ध मिट्टी से पार्थिव गणेश बनाए जाते हैं तब उस प्रतिमा को बनाते समय भक्त के मन में जो भक्ति का संचार होता है उसी निष्काम और पवित्र भक्ति से भगवान गणेश जल्दी प्रसन्न होते हैं। इसी कारण से पार्थिव गणेश की पूजा कपो श्रेष्ठ माना गया है।
शास्त्रों में वर्णित है कि पार्थिव गणेश की पूजा करने से न सिर्फ व्यक्ति के जीवन में आने वाले संकटों का नाश होता है बल्कि जन्म-जन्मांतर के विघ्न भी दूर हो जाते हैं।
भगवान श्री गणेश का सानिध्य भक्त के साथ-साथ उसके पूरे परिवार को प्राप्त होता है।
पार्थिव गणेश की पूजा से ग्रह दोष से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा, गणेश जी को बुद्धि का देवता माना जाता है। ऐसे में व्यक्ति को तीव्र बुद्धि का वरदान मिलता है, मन एवं चेतना पर विजय प्राप्त होती है और शुभ कामों में सफलता मिलने लगती है।
आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से यह जान सकते हैं कि आखिर गणेश चतुर्थी के दिन पार्थिव गणेश की पूजा से क्या लाभ मिलते हैं। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
iamge credit: herzindagi
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