friday on 13th why is it considered unlucky

क्या सच में अशुभ माना जाता है 13 तारीख को पड़ने वाला शुक्रवार? जानें इसके पीछे का रहस्य

अक्सर आपमें में से कई लोग ऐसे होंगे। जिन्हें नंबर 13 का नाम सुनते ही एक अलग सी अनुभूति होती है। इसे अंक को बेहद अशुभ माना जाता है। इतना ही नहीं अगर 13 तारीख के साथ-साथ शुक्रवार का दिन पड़े तो उसे किसी अनहोनी से कम नहीं माना जाता है। अब ऐसे में आइए इस लेख में जानते हैं कि आखिर 13 तारीख शुक्रवार का दिन इतना अशुभ क्यों माना गया है और साथ ही 13 तारीख को होने वाली घटनाओं के बारे में भी जानेंगे। 
Editorial
Updated:- 2025-06-13, 11:14 IST

अंकशास्त्र में अंक 13 को लेकर लोगों में काफी भ्रम है। जहां एक तरफ इसे अशुभ माना जाता है, वहीं कई ज्योतिषी इसे बेहद शुभ मानते हैं. आज हम इसी बात पर गौर करेंगे कि क्या सच में अंक 13 अशुभ है और क्यों कई बड़ी इमारतों में 13वां फ्लोर नहीं होता है। अंक 13 का इस्तेमाल अक्सर आध्यात्मिक और तांत्रिक क्रियाओं में होता है, जो शायद इसके अशुभ माने जाने का एक कारण हो सकता है। आपको बता दें, दुनियाभर में सभी लोग ही इस 13 अंक को अशुभ मानते हैं। ज्योतिष के अनुसार, 13 अंक में राहु की ऊर्जा मानी जाती है। वहीं अगर 13 तारीख को शुक्रवार पड़ रहा है तो यह इसे अपशकुन माना गया है। आइए इस लेख में विस्तार से 13 नंबर के साथ-साथ शुक्रवार के दिन के बारे में जानते हैं। साथ ही 13 तारीख को हुई घटनाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं।

13 तारीख और शुक्रवार का दिन क्यों है इतना अपशकुन?

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जब 13 तारीख और शुक्रवार का दिन एक साथ पड़ते हैं, तो इन दोनों की नकारात्मक ऊर्जाओं का एक मेल माना जाता है, जिससे इसे और भी अधिक अपशकुन माना जाता है। बाइबिल के अनुसार, 'द लास्ट सपर' में 13 लोग शामिल थे, जिनमें से 13वें व्यक्ति ने यीशु को धोखा दिया था, जिसके बाद यीशु को सूली पर चढ़ाया गया। इस घटना के कारण 13 को अशुभ माना जाने लगा। एक नॉर्स मिथक के अनुसार, वालहेला में 12 देवता रात्रिभोज के लिए इकट्ठा हुए थे। जिसमें लोकी, जिन्हें आमंत्रित नहीं किया गया था। वे 13वें अतिथि के रूप में वहां पहुंचे और उन्होंने ऐसी घटनाओं को अंजाम दिया जिसके कारण बाल्डर जो खुशी और प्रकाश के देवता माने जाते थे। उनकी मृत्यु हो गई। इस घटना के बाद 13 को अशुभ माना जाता है। आपको बता दें 13 नंबर को असंतुलित और अपूर्ण कहा जाता है , इसलिए इस दिन कोई भी शुभ नहीं करना चाहिए। इससे व्यक्ति को अशुभ परिणाम नहीं मिलते हैं।

ज्योतिष शास्त्र में 13 नंबर का है राहु से संबंध

अंक ज्योतिष के अनुसार, जब 1 और 3 को जोड़ा जाता है 1+3 = 4, तो इसका योग 4 आता है। अंक 4 का संबंध ज्योतिष में राहु ग्रह से है। इसलिए, जिन लोगों का जन्म किसी भी महीने की 4, 13, 22 या 31 तारीख को होता है, उनका मूलांक 4 होता है और उन पर राहु का प्रभाव माना जाता है। 13 नंबर को आकस्मिकता और अचानक होने वाली घटनाओं से जोड़ा जाता है। राहु को भी ज्योतिष में अचानक होने वाले बदलाव और भ्रम का कारक माना जाता है।

13 तारीख को हुई घटनाएं

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आज 13 जून 2025 है, और यह शुक्रवार है, इसलिए इस दिन से जुड़ी घटनाओं को डेथ फ्राइडे के नाम से जाना जाता है।

  • फ्रांस के राजा फिलिप चतुर्थ ने 13 अक्टूबर 1307 को नाइट्स टेम्पलर के सैकड़ों सदस्यों को गिरफ्तार करने का आदेश दिया था। उन्हें यातनाएं दी गईं और कई को मार दिया गया। यह घटना 'फ्राइडे द 13थ' के अशुभ होने के पीछे की एक प्रमुख कहानियों में से एक है।
  • ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया में 13 जनवरी 1939 को बड़े पैमाने पर जंगल में आग लगी थी, जिसमें 71 लोगों की मौत हुई और हजारों इमारतें जलकर राख हो गईं। इसे 'ब्लैक फ्राइडे' के नाम से जाना जाता है।
  • 13 नवंबर 1970 को अब बांग्लादेश में आए भोला चक्रवात ने लगभग 5 लाख लोगों की जान ले ली, जिससे यह इतिहास की सबसे घातक आपदाओं में से एक बन गई। इसलिए इस नंबर को अशुभ माना गया है।
  • 13 अक्टूबर 1972 को उरुग्वेयन वायु सेना की उड़ान 571 एंडीज पर्वत श्रृंखला में दुर्घटनाग्रस्त हो गई। बचे हुए लोगों को महीनों तक बर्फीले पहाड़ों में रहना पड़ा।
  • 13 जनवरी 2012 को इटली के गिग्लियो द्वीप के तट पर कोस्टा कॉनकॉर्डिया नामक क्रूज शिप एक चट्टान से टकराकर डूब गया। इस घटना में 32 लोग मारे गए थे।
  • प्रसिद्ध रैपर टुपैक शकूर की 13 सितंबर 1996 को लास वेगास में एक ड्राइव-बाय शूटिंग में हत्या कर दी गई थी। इसलिए इस नंबर को अपशकुन माना जाता है।

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हिंदू धर्म में 13 तारीख का है पिंडदान और श्राद्ध से संबंध

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ऐसी मान्यता है कि मृतक की आत्मा मृत्यु के बाद 12 दिनों तक अलग-अलग योनियों को पार करती हुई पितृलोक पहुंचती है। 13वें दिन यह यात्रा पूर्ण होती है और आत्मा मुक्त हो जाती है। इसलिए, मृतक व्यक्ति की 13वीं होती है। जिसमें उसकी आत्मा की शांति के लिए मृत्युभोज कराया जाता है। 13वें दिन विशेष रूप से पिंड दान और श्राद्ध किया जाता है। इसलिए इसे अशुभ माना गया है।

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Image Credit- HerZindagi

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