भगवद गीता और श्री मद्भागवत में क्या है अंतर?

क्या आप ये जानते हैं कि श्रीमद भागवत क्या है और भगवद गीता क्या है। क्या आपको यह पता है कि ये दो ग्रन्थ हैं या एक ही ग्रन्थ के दो नाम हैं।  
what bhagavada gita teaches us

आप में से बहुत लोग घर पर भगवद गीता का पाठ करते होंगे या श्रीमद भागवत पढ़ते होंगे, लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि ये दो ग्रन्थ हैं या एक ही ग्रन्थ के दो नाम हैं। क्या आपको इनके बीच का अंतर पता है, क्या आप ये जानते हैं कि श्रीमद भागवत क्या है और भगवद गीता क्या है। अगर नहीं तो हम आपको ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर इस विषय में विस्तार से बताएंगे।

क्या है भगवद गीता?

bhagavada gita mein kya likha hai

भगवद गीता महाभारत महाकाव्य ग्रंथ का ही एक भाग है, जिसमें 700 श्लोक और 18 अध्याय हैं।

भगवद गीता में श्री कृष्ण ने अर्जुन को उपदेश दिया था और जीवन के सार से अवगत कराया था।

गीता में श्री कृष्ण ने जीवन की हर उस परिस्थिति का उल्लेख किया है जिसका सामना मनुष्य करता ही है।

यह भी पढ़ें:घर की तिजोरी में भगवद गीता रखने से क्या होता है?

इसी वजह से मानते हैं कि भगवद गीता का पाठ कने से हर समस्या का हल मिल जाता है।

भगवद गीता में व्यक्ति के कर्म से जुड़ी कई महत्वपूर्ण सीख लिखी हैं जिनका अनुसरण करना चाहिए।

भगवद गीता में वेदों का सार माना गया है। आत्मा, परमात्मा और जीवन का आधार माना गया है।

भगवद गीता को पढ़ने से व्यक्ति जीवन के ज्ञान से साक्षात्कार करता है और कर्म बद्ध होकर आगे बढ़ता है।

क्या है श्रीमद भागवत?

shrimad bhagwat mein kya likha hai

वहीं, अगर बात श्रीमद भागवत की करें तो इसमें 18,000 श्लोक, 335 अध्याय हैं और 12 स्कंध हैं।

श्रीमद भागवात ग्रन्थ नहीं है, इसका पूरा नाम श्रीमद भागवत पुराण है, जिसमें कृष्ण लीलाओं का वर्णन है।

श्रीमद भागवत पुराण में श्री कृष्ण द्वारा द्वापरयुग में रची गईं सभी लीलाओं का उल्लेख मिलता है।

श्रीमद भागवत में हर एक स्थान और उस समय के बारे में बताया गया है जहां श्री कृष्ण ने चमत्कार किये थे।

यह भी पढ़ें:Ladkiyon ke Naam inspired from Bhagwat Geeta: श्रीमद्भागवत गीता के श्लोक पर रखें अपनी लाडली का नाम, सितारे जैसा चमकेगा आपकी बेटी का भाग्य

श्रीमद भागवत आध्यात्म को बढ़ावा देना का काम करती है और व्यक्ति में भक्ति की ऊर्जा जगाती है।

श्रीमद भागवाद पुराण को पढ़ने से श्री कृष्ण का साक्षात अनुभव तक होता है अगर श्रद्धा एवं भक्ति में निष्ठा हो।

श्रीमद भागवत पढ़ने से व्यक्ति कृष्ण लीलाओं में खोकर मात्र एक सकल भक्ति के मार्ग पर चल पड़ता है।

अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं और अपना फीडबैक भी शेयर कर सकते हैं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

image credit: herzindagi

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP