What is the most important line in Bhagavad Gita

भगवतगीता में इन 6 कामों को माना गया है महापाप?

भगवत गीता में व्यक्ति को जीवन में क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए, इसके बारे में विस्तार से बताया गया है। ठीक ऐसे ही भगवत गीता में पाप और पुण्य से जुड़ी बातें भी वर्णित हैं।  
Editorial
Updated:- 2023-12-15, 15:08 IST

Bhagavad Gita Lessons: हिन्दू धर्म में कई ऐसे ग्रंथ हैं जो व्यक्ति को जीवन से जुड़ी कठिनाइयों से लड़ना सिखाते हैं, उनसे बाहर निकलना सिखाते हैं और कई परेशानियों का उपाय सुझाते हैं। ऐसा ही पवित्र ग्रंथ है भगवत गीता जिसमें मौजूद श्री कृष्ण के उपदेश जीवन से जुड़े कई महत्वपूर्ण विषयों पर आधारित हैं। 

भगवत गीता में व्यक्ति को जीवन में क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए, इसके बारे में विस्तार से बताया गया है। ठीक ऐसे ही भगवत गीता में पाप और पुण्य से जुड़ी बातें भी वर्णित हैं। ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि भगवात गीता में किन कामों को करना महापाप के समान माना गया है। 

कौन से कामों को करने से लगता है पाप? 

हिंसा है महापाप: अगर कोई व्यक्ति किसी के साथ हिंसा का मार्ग अपनाता है, उसे शारीरिक रूप से नुकसान पहुंचाता है, किसी की हत्या करता है तो भगवत गीता में इसे महापाप माना गया है। 

What is biggest crime according to Bhagavad Gita

चोरी है महापाप: चोरी करना भी महापाप है। हालांकि चोरी का अर्थ सिर्फ धन (धन लाभ के उपाय) चुराना नहीं है। अगर आप किसी की सफलता, उसकी प्रतिष्ठा छल से चुराते हैं तो यह भी महापाप माना गया है। 

यह भी पढ़ें: Bhagavad Gita: भगवद गीता के पाठ से मिलेंगे आपको ये अनूठे लाभ

वासना है महापाप: किसी भी स्त्री या पुरुष की मर्जी के बिना उसे अपनी वासना का शिकार बनाना भी महापाप में गिना जाता है। वासना के चलते किसी की मर्यादा भंग करना अनुचित है।  

लालच है महापाप: अगर आप किसी भी वस्तु का ज्यादा लालच करते हैं फिर चाहे वह धन हो, खाने-पीने की चीज हो या पहने-ओढ़ने की कोई वस्तु हो आदि इसे भी महापाप कहा गया है। 

यह भी पढ़ें: Bhagavad Gita: भगवत गीता पढ़ने के दौरान आप भी तो नहीं करते इन नियमों में चूक

ईर्ष्या है महापाप: ईर्ष्या करना भी महापाप में समिल्लित है। ऐसा इसलिए क्योंकि ईर्ष्या करना एक सामान्य भाव लगता है लेकिन व्यक्ति इसके चलते कई अनुचित मार्गों को चुनता है। 

What is punishment according to Bhagwat Geeta

अहंकार है महापाप: अहंकार में चूर व्यक्ति सही-गलत का निर्णय नहीं कर पाता है और अन्य 6 पापों में से कोई न कोई पाप कर बैठता है। इसलिए अहंकार करना सबसे बड़ा पाप माना गया है। 

 

आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से यह जान सकते हैं कि आखिर वो कौन से 7 काम हैं जिन्हें भगवत गीता में महापाप बताया गया है और क्या है इसके पीछे का कारण। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

image credit: shutterstock     

यह विडियो भी देखें

Herzindagi video

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।

;