हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप, मां महागौरी की पूजा की जाती है। वहीं चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि 5 अप्रैल यानी कि शनिवार को पड़ रही है। आपको बता दें, मां महागौरी का रंग अत्यंत गोरा है और वे शांति व पवित्रता की प्रतीक हैं। वे चार भुजाओं वाली हैं, जिनमें से एक में त्रिशूल, दूसरे में डमरू, तीसरा अभय मुद्रा में और चौथा वरद मुद्रा में है। उनका वाहन बैल है। कई भक्त इस दिन कन्या पूजन करते हैं, जिसमें नौ छोटी कन्याओं को देवी दुर्गा के नौ रूपों के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है और उन्हें भोजन व उपहार दिए जाते हैं। अब ऐसे में चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि के दिन मां महागौरी की पूजा किस विधि से करें, भोग क्या लगाएं। साथ ही किन मंत्रों का जाप करें। इसके बारे में इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
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मां महागौरी को नारियल विशेष रूप से प्रिय है। इसलिए, नारियल या नारियल से बनी मिठाइयां जैसे नारियल बर्फी और नारियल के लड्डू का भोग लगाना शुभ माना जाता है। अष्टमी के दिन मां महागौरी को काले चने का भोग अवश्य लगाना चाहिए। इस दिन दूध से बनी खीर भी मां को भोग के रूप में चढ़ाई जाती है।
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मां महागौरी की पूजा के लिए शुभ रंग गुलाबी माना जाता है। यह रंग प्रेम, स्नेह और सद्भाव का प्रतीक है। हालांकि, मां महागौरी श्वेत वर्ण की देवी हैं और उन्हें सफेद रंग भी प्रिय है। इसलिए, आप सफेद या हल्के रंग के वस्त्र भी पहन सकते हैं।
मां महागौरी, मां दुर्गा के नौ स्वरूपों में से आठवीं हैं और उन्हें शांति, सुंदरता और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि मां महागौरी की पूजा करने से जीवन के सभी कष्ट और परेशानियां दूर हो जाती हैं। मां महागौरी की कृपा से भक्तों के सभी पाप धुल जाते हैं। इनकी पूजा से घर में सुख-शांति, यश, वैभव और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। जिन लोगों के वैवाहिक जीवन में समस्याएं आ रही हैं, उनकी पूजा से वे दूर हो सकती हैं और उन्हें सुखी दांपत्य जीवन का आशीर्वाद मिलता है। कुंवारी कन्याएं मनचाहा वर पाने के लिए इनकी पूजा करती हैं।
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Image Credit- HerZindagi
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