पूजा के दौरान नारियल चढ़ाना हिंदू रीति-रिवाजों में एक पूजनीय और प्राचीन प्रथा है, जिसका गहरा प्रतीकात्मक महत्व है और यह भक्ति और परमात्मा के प्रति समर्पण का एक तरीका माना जाता है।
यह कार्य एक आध्यात्मिक अर्थ से समृद्ध माना जाता है, जो भक्त की पूर्ण विनम्रता, भक्ति और भगवान के साथ संबंध को दिखाता है। नारियल को संस्कृत में 'श्रीफल' के रूप में जाना जाता है, जिसका अर्थ है माता लक्ष्मी का प्रिय फल।
अगर हम नारियल के स्वरुप की बात करते हैं तो इसका बाहरी कठोर रूप मानव अहंकार और उस भौतिकवादी दुनिया का प्रतीक है जिसमें वास्तव में हम रहते हैं। मंदिर या पूजा-पाठ में नारियल तोड़ने का तात्पर्य होता है अपने मन के अहंकार को तोडना।
वहीं मान्यता यह है कि पूजा-पाठ में यदि कोई वयक्ति सही तरीके से नारियल चढ़ाता है तो उसे शुभ फलों की प्राप्ति होती है और यदि आप इसे नियमों का पालन किए बिना चढ़ाते हैं तो इसके आपके जीवन में लाभ नहीं होते हैं। इसलिए आपके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है पूजा-पाठ में नारियल चढ़ाने के सही तरीके के बारे में जानना। आइए सेलिब्रिटी एस्ट्रोलॉजर प्रदुमन सूरी से जानें इसके बारे में विस्तार से।
ज्योतिषीय के अनुसार ऐसा माना जाता है कि पूजा के दौरान नारियल चढ़ाने से विभिन्न ग्रह दोष दूर होते हैं और यदि किसी की कुंडली में कोई ग्रह कमजोर है तो नारियल चढ़ाने से कमजोर ग्रहों का प्रभाव कम होता है और सकारात्मक ग्रह प्रभाव मजबूत होते हैं।
कुंडली में मौजूद विभिन्न ग्रह जीवन के विभिन्न पहलुओं को नियंत्रित करते हैं और उनकी स्थिति जीवन में उतार-चढ़ाव लाती है। हर ग्रह किसी ऊर्जा को नियंत्रित करता है जैसे मंगल शक्ति, साहस और ऊर्जा से जुड़ा है और शुक्र प्रेम और सौंदर्य का प्रतिनिधित्व करता है। मान्यता है कि पूजा या मंदिर में नारियल चढ़ाने से मंगल ग्रह प्रसन्न होता है। जिससे जीवन में सद्भाव आता है। इसी वजह से यदि आप मंदिर में मंगलवार और शुक्रवार को नारियल चढ़ाते हैं तो इसके बहुत लाभ होते हैं और कई ग्रह दोष भी दूर होते हैं।
इसे जरूर पढ़ें: क्या आप भी नदी में नारियल चढ़ाते समय करते हैं ये गलतियां, जानें सही तरीका
नारियल को हिंदू धर्म में नारायण का प्रतीक माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि नारियल में साक्षात भगवान विष्णु का निवास होता है, जिसकी वजह से इसे माता लक्ष्मी का भी प्रिय फल भी माना जाता है। नारियल किसी भी पूजा-पाठ या मंदिर दर्शन के समय अर्पित किया जाता है और फिर भक्तों के बीच प्रसाद स्वरूप बांटा जाता है।
जब हम प्रसाद के रूप में नारियल ग्रहण करते हैं तो ये श्रीहरि का आशीर्वाद होता है और इससे माता लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं। ज्योतिष की मानें तो पूजा-पाठ और मंदिर में नारियल अर्पित करना भगवान विष्णु को प्रसन्न करने और उनकी कृपा प्राप्त करने का एक तरीका है। नारियल चढ़ाने और इसे ग्रहण करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है, जो जीवन की विभिन्न समस्याओं और बाधाओं को दूर करती है। नारियल की शुद्धता और दिव्यता इसे किसी भी शुभ कार्य का जरूरी हिस्सा बनाती है।
मंदिर या किसी भी पूजा में नारियल चढ़ाने के लिए कुछ विशेष नियमों का पालन करना आवश्यक है ताकि इसका पूर्ण फल प्राप्त हो सके। नारियल को भगवान विष्णु का स्वरूप माना जाता है और इसलिए इसे श्रद्धा और नियमों के साथ चढ़ाना चाहिए।
जब भी आप नारियल चढ़ा रहे हों, उसके साथ माता लक्ष्मी का प्रतीक स्वरूप एक सिक्का अवश्य रखें। यह प्रतीकात्मक रूप से भगवान नारायण और लक्ष्मी का एक साथ सम्मान करने का तरीका है।
ऐसा कहा जाता है कि कभी भी नारायण को अकेला नहीं रखा जाता है और उनकी पूजा भी तभी पूर्ण मानी जाती है जब उनके साथ माता लक्ष्मी भी विराजमान होती हैं। इसलिए यदि आप नारियल को बिना सिक्के के चढ़ाते हैं तो ये स्वीकार्य नहीं माना जाता है और आपको इसका कोई फल भी नहीं मिलता है।
View this post on Instagram
इस प्रकार, मंदिर या किसी भी पूजा में नारियल चढ़ाने के नियमों का पालन करके आप भगवान की विशेष कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
आपकी राय हमारे लिए महत्वपूर्ण है! हमारे इस रीडर सर्वे को भरने के लिए थोड़ा समय जरूर निकालें। इससे हमें आपकी प्राथमिकताओं को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी। यहां क्लिक करें
आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।
Images:Freepik.com
यह विडियो भी देखें
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।