(Things to remember while offering coconut in river) हिंदू धर्म में पूजा-पाठ में श्रीफल यानी कि नारियल का विशेष महत्व है। देवी-देवताओं के मंदिरों में इसे अर्पित करने का अलग विधान है। कई बार लोग नारियल अर्पित समय कई गलतियां कर देते हैं और बाद में इसके अशुभ परिणाम भी मिलने लग जाते हैं। इसलिए पवित्र नदियों में नारियल अर्पित करने का सही विधि बताया गया है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं कि नारियल को किस विधि से अर्पित करना शुभ माना जाता है।
जानें नदी में श्रीफल चढ़ाने का सही तरीका (right way to fish quince in the river)
ज्योतिषाचार्य के हिसाब से पवित्र स्थालों और नदियों में सबसे पहले पूजन सामग्री अर्पित करनी चाहिए और उसके बाद नारियल चढ़ाना चाहिए। श्रीफल को इस विधि से अर्पित करें, जैसे आप देवी-देवताओं के चरणों में अर्पित कर रहे हैं। साथ ही श्रद्धा भाव में मंत्रों का उच्चारण अवश्य करें। तभी शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है।
श्रीफल अर्पित करने का पुराणों में है वर्णन (offering quince in the Puranas)
पुराणों में जैसे कि नर्मदा पुराण, स्कंद पुराण, ब्रह्म (ब्रह्म मुहूर्त मंत्र) पुराण, नारद पुराण सहित स्मृति पुराण में पवित्र नदी का पूजन और पूजन सामग्री सहित नारियल (नारियल पूजा) अर्पित करने का भी विधान बताया गया है। इसके अनुसार नारियल पवित्र नदी के तट पर दोनों हाथों से बहते पानी में प्रवाहित करना चाहिए।
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नारियल को नदी में ऐसे न फेंके (Do not throw coconut in the river)
पवित्र नदी में नारियल नहीं फेंकना चाहिए। यह अपमानित माना जाता है। अगर हम किसी को कई सामग्री देते हैं, तो दोनों हाथों से देते हैं। उसे कभी फेंककर नहीं देते हैं। उसी प्रकार मन में श्रद्धा और भक्ति भाव रखते हुए दोनों हाथों से नारियल अर्पण करना चाहिए। शास्त्रों में इस विधि से नारियल अर्पित करने का विधान है।
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नारियल अर्पित करने के दौरान मंत्र जाप (Mantra chanting while offering coconut)
पवित्र नदी में श्रीफल अर्पित करने के दौरान इस मंत्र का 21 बार जाप करें।
- ॐ ईं ह्रीं कं ह्रीं ईं ॐ
- ऐं ह्लीं श्रीं क्लीं।
- ॐ महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णुपत्नीं च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात्
- ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं महालक्ष्मी स्वरूपाय एकाक्षि नारिकेलाय सर्वसिद्धि कुरू कुरू स्वाहा॥"
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