chaitra amavasya 2025 date

Chaitra Amavasya 2025 Date: कब है चैत्र अमावस्या? जानें स्नान-दान से लेकर पूजा का मुहूर्त और महत्व

हिन्दू धर्म में 12 अमावस्या तिथियों का अपना एक विशेष महत्व है और इस दिन पूजा-पाठ, उपाय, स्नान-दान आदि का विशेष लाभ भी है। पंचांग के अनुसार, हिन्दू नव वर्ष 30 मार्च से शुरू हो रहा है और उससे पहले पड़ रही है चैत्र माह की अमावस्या।
Editorial
Updated:- 2025-03-24, 15:46 IST

हिन्दू धर्म में 12 अमावस्या तिथियों का वर्णन मिलता है। इन 12 अमावस्या तिथियों का अपना एक विशेष महत्व है और इस दिन पूजा-पाठ, उपाय, स्नान-दान आदि का विशेष लाभ भी है। पंचांग के अनुसार, हिन्दू नव वर्ष 30 मार्च से शुरू हो रहा है और उससे पहले पड़ रही है चैत्र माह की अमावस्या। ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि आखिर क्या है इस साल चैत्र अमावस्या की तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व।

चैत्र अमावस्या 2025 कब है? (Chaitra Amavasya 2025 Kab Hai?)

kab hai chaitra amavasya 2025

चैत्र अमावस्या की तिथि का आरंभ 28 मार्च, शुक्रवार के दिन शाम 7 बजकर 55 मिनट पर होगा। वहीं, इसका समापन 29 मार्च, शनिवार के दिन शाम 4 बजकर 27 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, इस साल चैत्र अमावस्या 29 मार्च को पड़ रही है।

यह भी पढ़ें: Amavasya 2025 List: साल 2025 में कब-कब है अमावस्या? जानें शुभ मुहूर्त

चैत्र अमावस्या 2025 शुभ मुहूर्त (Chaitra Amavasya 2025 Shubh Muhurat)

chaitra amavasya kab hai 2025

चैत्र अमावस्या यानी कि 29 मार्च के दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 42 मिनट से शुरू होगा और सुबह 5 बजकर 28 मिनट तक रहेगा। ऐसे में इस मुहूर्त में पवित्र नदी में स्नान और दान करना शुभ होगा। इसके अलावा, इस मुहूर्त में पितृ तर्पण करना भी उत्तम है।

चैत्र अमावस्या के दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 1 मिनट पर शुरू होगा और दोपहर 12 बजकर 51 पर समाप्त हो जाएगा। ऐसे में इस मुहूर्त के दौरान पूजा-पाठ करना या फिर मंत्रों का जाप करना श्रेष्ठ है। इस मुहूर्त में हवन करना सबसे ज्यादा फलदायी है।

यह भी पढ़ें: Chaitra Amavasya 2025 Daan: चैत्र अमावस्या के दिन जरूर करें इन 4 चीजों का दान, सभी समस्याएं होंगी दूर

चैत्र अमावस्या 2025 महत्व (Chaitra Amavasya 2025 Mahatva)

chaitra amavasya 2025 kab hai

सनातन धर्म में चैत्र अमावस्या का अत्यधिक धार्मिक महत्व है। मान्यता है कि इस दिन पितरों का श्राद्ध और तर्पण करने से उनकी आत्माओं को मोक्ष की प्राप्ति होती है एवं पितरों की कृपा भी मिलती है। इसे पितृ पक्ष के दौरान किया जाने वाला विशेष दिन माना जाता है।

इस दिन गंगा या अन्य किसी पवित्र नदी में स्नान करने से अशुभ प्रभाव समाप्त होते हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है। साथ ही, इस दिन दान और धार्मिक कर्मों का भी विशेष महत्व है, जो व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि, शांति, संपदा और संपन्नता लाते हैं।

अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं और अपना फीडबैक भी शेयर कर सकते हैं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

image credit: herzindagi 

यह विडियो भी देखें

Herzindagi video

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।

;