हिंदू धर्म में बसंत पंचमी का दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती को समर्पित है। यह दिन न केवल वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है बल्कि ज्ञान, कला और संगीत का भी प्रतीक है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन मां सरस्वती की विधिवत पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति को शिक्षा के क्षेत्र में अपार सफलता मिल सकती है। माना जाता है कि मां सरस्वती की कृपा से व्यक्ति को बुद्धि, विवेक और ज्ञान प्राप्त होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन को श्रीपंचमी और ज्ञान पंचमी के नाम से भी जाना जाता है। अब ऐसे में इस बसंत पंचमी कब मनाया जाएगा। मां सरस्वती की पूजा का शुभ मुहूर्त कब है और पूजा का महत्व क्या है। इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
बसंत पंचमी कब मनाई जाएगी?
हिंदू धर्म में बसंत पंचमी का विशेष महत्व है। यह दिन विद्या, बुद्धि और संगीत की देवी सरस्वती को समर्पित होता है। इस दिन देवी सरस्वती की पूजा करने से बुद्धि का विकास होता है और ज्ञान की प्राप्ति होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, बसंत पंचमी हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। बता दें, साल 2025 में पंचमी तिथि 2 फरवरी को सुबह 9:14 मिनट पर शुरू होगी और 3 फरवरी को सुबह 6:52 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार, वर्ष 2025 में बसंत पंचमी 2 फरवरी को मनाई जाएगी।
मां सरस्वती की पूजा का शुभ मुहूर्त कब है?
2 फरवरी को मां सरस्वती की कृपा से ज्ञान और बुद्धि की प्राप्ति के लिए पूरे दिन शुभ मुहूर्त है। विशेष रूप से सुबह 7:09 बजे से दोपहर 12:35 बजे तक का समय पूजा के लिए अति उत्तम है।
- सरस्वती पूजा वाले दिन ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 5:24 बजे से 6:16 बजे तक है।
- अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:13 बजे से 12:57 बजे तक रहेगा।
- विजय मुहूर्त - दोपहर 2:24 बजे से 3:07 बजे तक होगा।
- अबूझ मुहूर्त - 2 फरवरी को सरस्वती पूजा के लिए 5 घंटे 26 मिनट का शुभ मुहूर्त है। आप सुबह 7:09 बजे से दोपहर 12:35 बजे के बीच कभी भी पूजा कर सकते हैं। दरअसल, सरस्वती पूजा के लिए पूरा दिन शुभ माना जाता है, इसलिए आप दिन में किसी भी समय पूजा कर सकते हैं।
- सर्वार्थ सिद्धि योग - इस बार सरस्वती पूजा के पावन अवसर पर सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बन रहा है। देवी सरस्वती की कृपा से यह योग सुबह 7:09 बजे से देर रात 12:52 बजे तक रहेगा। इस शुभ मुहूर्त में किए गए सभी शुभ कार्य सफलता के साथ संपन्न होंगे।
- रवि योग - रात 12:52 बजे से शुरू होकर 3 फरवरी को सुबह 7:08 बजे तक रहेगा।
- सिद्ध योग - सुबह 9:14 बजे के बाद शुरू होगा और 3 फरवरी को सुबह 6:06 बजे तक रहेगा।
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मां सरस्वती की पूजा का महत्व क्या है?
पौराणिक कथाओं के अनुसार, सरस्वती पूजा के शुभ दिन ज्ञान की देवी मां शारदा का जन्म हुआ था। इसीलिए इस दिन को सरस्वती जयंती के नाम से भी जाना जाता है। माना जाता है कि इसी पावन दिन मां सरस्वती ने अपने वीणा के मधुर स्वर से संपूर्ण सृष्टि को आवाज दी थी। उनके इस दिव्य कृत्य से ही सभी जीवों को बोलने की शक्ति प्राप्त हुई। सरस्वती पूजा का दिन बच्चों का अक्षर ज्ञान आरंभ करने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। मां सरस्वती की कृपा से विद्या की प्राप्ति होती है।
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Image Credit- HerZindagi
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