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माता सरस्वती के हाथों में क्यों होती है वीणा?

बसंत पंचमी का पर्व आने वाला है, यह दिन माता सरस्वती को समर्पित है। इस साल 14 फरवरी को माता सरस्वती की जयंती यानी बसंत पंचमी या सरस्वती पूजा मनाया जाएगा। <div>&nbsp;</div>
Editorial
Updated:- 2024-02-08, 17:31 IST

सरस्वती पूजा या बसंत पंचमी का पर्व हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण है। हर साल यह पर्व माघ मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। माता सरस्वती के हाथ में वीणा तो आप सभी ने देखा होगा, इस वीणा को "ज्ञान वीणा " भी कहा जाता है। माता सरस्वती का यह ज्ञान वीणा अध्यात्म, धर्म और अन्य भौतिक चीजों से संबंधित है। मान्यता है कि जब माता सरस्वती अपने वीणा को बजाती हैं, तो उसमें से निकलने वाली धुन चारों ओर फैले हुए अंधकार को दूर करती है। ऐसे में आप सभी के मन में यह सवाल तो उठा ही होगा कि मां सरस्वती अपने हाथों में वीणा क्यों धारण करती हैं और कोई दूसरा वाद्य यंत्र क्यों नहीं? 

मां सरस्वती के वीणा के बारे में

why maa saraswati holds veena in her hand

मां सरस्वती को जहां विद्या की देवी कहा जाता है, वहीं उन्हें संगीत की देवी भी कहा जाता है। मां सरस्वती के वीणा का नाम "कच्छपि" है। माता सरस्वती के वीणा को लेकर यह मान्यता है कि उसके गर्दन भाग में भगवान शिव, तार में माता पार्वती, पुल में माता लक्ष्मी, सिरे पर भगवान नारायण और अन्य भाग पर माता शारदा का वास है। माता सरस्वती के वीणा को सभी तरह के सुखों का स्रोत माना गया है। मां सरस्वती की वीणा की धुन रचना के मौलिकता को प्रदर्शित करती है, पूरे श्रृष्टी पर प्राण भरने का कार्य करती है। मां सरस्वती की वीणा के तार से निकलने वाली धुन जीवन को दर्शाती है, इसके स्वर स्त्री स्वर से मेल खाते हैं, तो वीणा की कंपन दैवीय ज्ञान को प्रदर्शित करती है। 

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माता सरस्वती के हाथों में वीणा ही क्यों है?

why does saraswati hold a veena

वीणा को लेकर प्राचीन ऋषि मुनि का कहना है कि सभी वाद्य यंत्रों में वीणा सबसे महत्वपूर्ण मानी गई है, इस वीणा का सीधा संबंध सीधे ईश्वर से स्थापित होता है। वीणा को लेकर एक बार ऋषि याज्ञवल्क्य ने कहा था कि जिस मनुष्य को वीणा में महारत हासिल है उसे बिना प्रयास के मोक्ष हासिल हो सकता है। माता सरस्वती वीणा के ऊपरी भाग को अपने बाएं हाथ से पकड़ी हुई हैं और निचले भाग को अपने दाएं हाथ से थामी हुई नजर आती हैं। यह ज्ञान के हर क्षेत्र को निपुणता के साथ उनके नियंत्रण को दर्शाती है। मां सरस्वती के वीणा के अंदर श्रृष्टी के समस्त देवी देवताओं का वास है।

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Image Credit: Freepik

 

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