(Chhath Puja 2023) लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाई जाती है और इस पूजा में भगवान सूर्य और छठी मैया की पूजा की जाती है। यह पर्व चार दिनों तक मनाया जाता है। इसमें व्रती महिलाएं अपनी संतान की सलामती के लिए और परिवार की खुशहाली के लिए व्रत रखती हैं। इस पर्व में बांस के सूप का विशेष रूप से इस्तेमाल किया जाता है। इसके बिना छठ पूजा की व्रत अधूरा माना जाता है।
आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं कि छठ पूजा में बांस के सूप का क्यों इस्तेमाल किया जाता है।
छठ पूजा में बांस के सूप का महत्व
ऐसी मान्यता है कि जिस भी दांपत्य को संतान सुख की प्राप्ति नहीं होती है, उसे छठ पूजा जरूर करनी चाहिए। छठ पूजा करने से संतान की सेहत अच्छी बनी रहती है और उसे जीवन में हमेशा सफलता की प्राप्ति होती है। छठ पूजा मूल रूप से संतान के लिए ही किया जाता है। ऐसे में छठ पूजा में बांस के बने सूप का इस्तेमाल किया जाता है। यह इस बात का प्रतीक है कि जिस प्रकार बांस तेजी से बढ़ता है, ठीक उसी प्रकार संतान की भी प्रगति होती है। इसलिए छठ पूजा बांस के सूप के बिना अधूरी मानी जाती है।
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जानें क्या है मान्यता ?
छठ पूजा के दौरान सूर्यदेव (सूर्यदेव स्तोत्र) को अर्घ्य देने के समय सूप का इस्तेमाल किया जाता है। इस दौरान व्रती महिलाएं बांस से बने सूप,टोकरी या दउरा में फल आदि रखकर छठ घाट ले जाती हैं और सूर्यदेव (सूर्यदेव मंत्र) की आराधना करती हैं। बांस के बने सूप या टोकरी की मदद से ही छठी मैया को भेंट दी जाती है। मान्यताओं के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि बांस से पूजा करने से धन और संतान सुख दोनों की प्राप्ति होती है।
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छठ पूजा में इन चीजों का होता है इस्तेमाल
छठ पूजा में बांस की टोकरी के साथ-साथ पीतल के सूप के कटोरे का भी उपयोग किया जाता है। बता दें, पूजा के लिए 7 सूप का इस्तेमाल किया जाता है और व्रती महिलाएं छठ पूजा से एक या दो दिन पहले इन्हें स्वयं बनाती हैं या फिर बाजार से खरीदती हैं। इसके अलावा पूजा में पीतल के बर्तन का भी इस्तेमाल किया जाता है। छठ पूजा में पुरुष बांस की टोकरी में फल, ठेकुआ और कई सामग्री रखकर अपने सिर पर रखकर घाट तक लेकर जाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि छठ पूजा के दौरान बांस के सूप के सही तरीके से इस्तेमाल करने से व्यक्ति की सभी मनोकामना पूरी हो सकती है। इसलिए बांस के सूप का अधिक महत्व है।
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Image Credit- Freepik
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