उत्तर भारत में ब्रजवासी ही नहीं अन्य भक्त भी अपने घर में लड्डू गोपाल रखते हैं। लोग लड्डू गोपाल को अपने छोटे बालक की तरह रखते हैं। ऐसे में भक्त भाव पूर्वक अपने लाला की कई चीजों और कई रूपों में श्रृंगार करते हैं। बता दें कि लोग महाशिवरात्रि में लड्डू गोपाल को शिव जी बनाते हैं, तो वहीं होली में रंगों से उनका श्रृंगार किया जाता है। मोहिनी एकादशी में भक्त लाला को मोहिनी रूप में तैयार करते हैं, तो जन्माष्टमी में बाल रूप में संवारते हैं। भक्त अपने भाव के अनुकूल कान्हा का श्रृंगार करते हैं। ऐसे में क्या आपको पता है कि कान्हा को सबसे प्रिय कौन सा श्रृंगार है। आज हम आपको लड्डू गोपाल के प्रिय श्रृंगार के बारे में बताएंगे, जिसके बारे में कथावाचक इंद्रेश जी महाराज ने भागवत कथा के दौरान बताया है।
लड्डू गोपाल का प्रिय पत्रावली श्रृंगार (चंदन श्रृंगार) भगवान श्रीकृष्ण की बाल रूप में पूजा का एक विशेष अंग है। यह श्रृंगार चंदन से किया जाता है और भगवान के मुख को सजाया जाता है। आइए, इसके बारे में विस्तार से जानें:
पत्रावली श्रृंगार क्या है?
पत्रावली श्रृंगार का वह रूप है जो लड्डू गोपाल के मुख को चंदन से बिंदी बनाकर सजाया जाता है। वैसे तो लोग लड्डू गोपाल का चंदन से साधारण तिलक किया जाता है, लेकिन पत्रावली श्रृंगार में भक्त कान्हा को तिलक के साथ साथ उनके आंखों के ऊपर से चंदन से बिंदु बनाते हुए गाल तक बनाते हैं। भक्त कान्हा के होंठ के नीचे यानी ठुड्डी और गाल में भी बिंदी से श्रृंगार करते हैं।
पत्रावली श्रृंगार की विशेषताएँ
- प्राकृतिकता और पवित्रता: पत्रावली श्रृंगार में प्रयुक्त सभी सामग्री प्राकृतिक और पवित्र होती हैं, जो भगवान को शीतलता और सादगी प्रदान करती हैं।
- शीतलता: चंदन का उपयोग भगवान को गर्मी में शीतलता प्रदान करने के लिए किया जाता है, इस श्रृंगार से लड्डू गोपाल को शीतलता की प्राप्ति होती है।
- सादगी और सौंदर्य: यह श्रृंगार भगवान के बाल रूप को और भी सुशोभित और प्यारा बनाता है।
- आध्यात्मिक महत्व: पत्रावली श्रृंगार का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व भी है, जिससे भक्त भगवान के प्रति अपने भाव को प्रकट करते हैं।
पत्रावली श्रृंगार का महत्व
पत्रावली श्रृंगार भगवान श्रीकृष्ण के प्रति भक्त के भक्ति और समर्पण का प्रतीक है। यह श्रृंगार न केवल भगवान को शीतलता और सौंदर्य प्रदान करता है, बल्कि भक्तों को भी आध्यात्मिक शांति और संतोष प्रदान करता है। विभिन्न प्रकार के चंदन का उपयोग करके लड्डू गोपाल का यह श्रृंगार किया जाता है, जो कि पूरी तरह से प्रकृति और पर्यावरण के अनुकूल होता है।
लड्डू गोपाल के प्रिय पत्रावली श्रृंगार का आयोजन भक्तों के लिए एक विशेष आनंद और भक्ति का अनुभव होता है। यह श्रृंगार भगवान की सेवा और पूजा का एक महत्वपूर्ण अंग है, जो भक्तों को भगवान के करीब लाता है और उनकी कृपा एवं प्रेम का अनुभव कराता है।
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Image Credit: Herzindagi
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