हाल ही में गाजियाबाद में एक ऐसा मामला सामने आया जिसने सभी को सक्ते में डाल दिया। 14 साल के बच्चे की मौत रेबीज से हो गई। मामला कुछ ऐसा है कि बच्चे को करीब 40 दिन पहले कुत्ते ने काट लिया था, लेकिन बच्चे ने घरवालों को इसके बारे में नहीं बताया। उसे डर था कि घर पर डांट पड़ेगी। इसके बाद धीरे-धीरे उसकी हालत बिगड़ने लगी और फिर एक दिन उसे पानी से डर लगने लगा, उसके मुंह से झाग निकलने लगा और वह अजीब सी हरकतें करने लगा।
घर वालों ने जब इसके बारे में पूछा, तब उन्हें पता चला कि लड़के को कुत्ते ने काट लिया था। AIIMS सहित कई बड़े अस्पतालों में उसे इलाज के लिए ले जाया गया, लेकिन रेबीज लाइलाज है और इसलिए बच्चे को कहीं भर्ती नहीं किया गया। बच्चे ने एम्बुलेंस में ही दम तोड़ दिया।
यह इकलौती घटना नहीं है जिसमें किसी जानवर के काटने की वजह से ऐसा कुछ हुआ हो।
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दुनिया भर में रेबीज की वजह से होती हैं 59000 मौतें
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) की रिपोर्ट कुछ आंकड़ों का जिक्र करती है। इसके मुताबिक साल भर में दुनिया भर में 59000 मौतें रेबीज के कारण हो जाती हैं। हालांकि, इसमें से 99% कुत्तों के काटने की वजह से ही होती हैं।
वैसे तो बाकी जानवरों के काटने से होने वाली रेबीज कम ही है, लेकिन ऐसा नहीं है कि यह होती ही नहीं।
क्या रेबीज का कोई इलाज है?
इसका जवाब है नहीं। रेबीज का वायरस अगर किसी के शरीर में एक बार फैल गया, तो उसका कोई इलाज नहीं है। आपके पास एक ही तरीका है कि जब एनिमल बाइट हुआ है, तो डे-जीरो (जिस दिन जानवर ने काटा है) पर आप रेबीज का इंजेक्शन लगवा लें। इससे इन्फेक्शन के शरीर में फैलने की गुंजाइश खत्म हो जाती है। हालांकि, इसका पूरा कोर्स होता है और आपको पांच इंजेक्शन लगवाने पड़ते हैं, लेकिन फिर भी पहले दिन वाला इंजेक्शन सबसे ज्यादा जरूरी होता है। (ब्लड इन्फेक्शन से बचने के तरीके)
किन जानवरों के काटने से फैल सकता है रेबीज?
CDC की रिपोर्ट की मानें तो ऐसे मैमल्स जिनका खून गर्म होता है और उन्हें फर होता है। पेट्स जैसे कुत्ता, बिल्ली को रेबीज आसानी से हो सकता है।
रेबीज की गुंजाइश सबसे ज्यादा कुत्तों में ही होती है हालांकि, उनके अलावा जिन जानवरों को रेबीज हो सकती है वो ये हैं...
मवेशी
गाय और घोड़े जैसे जानवरों में भी रेबीज के कीटाणु पाए जाते हैं। हालांकि, इन्हें रेबीज किसी अन्य रेबीज इन्फेक्टेड जानवर के काटने से होता है। इनका किसी इंसान को रेबीज देने की गुंजाइश काफी कम है, लेकिन ऐसा नहीं है कि ऐसा बिल्कुल नहीं हो सकता। ऐसे मवेशी जिन्हें इन्जेक्शन नहीं दिया गया है उनमें ही रेबीज के कीटाणु पाए जाते हैं।
जंगली जानवर
चमगादड़, लोमड़ी, स्कंक और रैकून जैसे जानवरों से कुत्तों के बाद सबसे ज्यादा रेबीज फैल सकता है।
रोडेंट्स
छोटे पालतू जानवर या वाइल्ड लाइफ जानवरों से भी रेबीज हो सकता है। हालांकि, इनके साथ भी यही दिक्कत है कि इन्हें अगर वाइल्ड लाइफ में मौजूद कोई जानवर काट ले तब ऐसा हो सकता है। हैम्स्टर, गिनी पिग्स, गिलहरी, चूहे आदि से रेबीज फैल सकता है। लागोमोर्फ्स (lagomorphs) जैसे खरगोश आदि से रेबीज फैलने की गुंजाइश ना के बराबर है।
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कैसे पता करें किसी जानवर को रेबीज हो गया है?
सीडीसी की तरफ से एक गाइडलाइन भी बताई गई थी जिसमें समझाया गया कि किन जानवरों से दूर रहना चाहिए।
- ऐसे जानवर जिन्हें कोई बीमारी हो रही हो।
- ऐसे जानवर जिन्हें खाने और पीने में तकलीफ हो रही हो।
- ऐसे जानवर जिनके मुंह से बहुत थूक या सलाइवा निकल रहा हो।
- ऐसे जानवर जो एकदम से हिंसक हो गए हों।
- ऐसे जानवर जो हवा में काटने की कोशिश कर रहे हों।
- ऐसे जानवर जो देखने पर जरूरत से ज्यादा शांत लग रहे हों।
- ऐसे जानवर जिन्हें चलने फिरने में दिक्कत हो रही हो या पैरालिसिस जैसा कुछ हो रहा हो।
- चमगादड़ जो जमीन पर चल रहा हो।
क्या सिर्फ काटने से ही होता है रेबीज?
हां, 99% मामलों में रेबीज किसी जानवर के काटने से ही होता है, लेकिन अगर जानवर के नाखूनों में सलाइवा लगी हुई है और उसने किसी इंसान को खरोच मार दी, तो उससे भी इन्फेक्शन हो सकता है।
जरूरी बात यह है कि अगर कोई भी जानवर आपको काट लेता है, तो तुरंत डॉक्टर के पास जाकर इंजेक्शन लगवाना जरूरी है।
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