फ्रोजन शोल्डर मुख्य रूप से यह कंधे के जोड़ से जुड़ी समस्या है जिसमें मरीज के कंधे में दर्द रहता है और कंधे को ज्यादा हिलाना मुश्किल हो जाता है। आमतौर पर इसका पहला लक्षण तब दिखाई देता है जब मरीज को अपने पीछे की जेब तक हाथ ले जाने में मुश्किल हो या महिलाएं अपनी पीठ में हाथ न ले जा पाएं, अपनी ब्रा न बांध पाएं या पहिए कोई भी ऐसा काम न कर पाएं जिसमें हाथ को पीठ की तरफ ले जाने की जरूरत हो।
महिलाओं को फ्रोजन शोल्डर होने का खतरा ज्यादा होता है और यह बाएं कंधे में ज़्यादा होता है। लेकिन यह गलत धारणा यह है कि कंधे के सभी दर्द फ्रोजन शोल्डर (स्टिफ शोल्डर) होते हैं। कंधे से जुड़ी दूसरी स्ट्रक्चर विकृतियों, जैसे कफ टियर, को इसके दायरे से बाहर रखना ही सही है। आइए डॉ विश्वदीप शर्मा, अतिरिक्त निदेशक – शोल्डर इंजरी एंड स्पोर्ट्स मेडिसिन, फोर्टिस हॉस्पिटल, वसंत कुंज से जानें कि फ्रोज़न शोल्डर की समस्या के लक्षण क्या हैं और इससे कैसे छुटकारा पाया जा सकता है।
फ्रोजन शोल्डर के लक्षण
फ्रोजन शोल्डर के सभी मरीजों को शुरू में कंधे में दर्द होता है जो कंधे के अचानक हिलने पर बढ़ जाता है। धीरे-धीरे उन्हें समझ आता है कि उनके लिए कंधे को हिलाना बहुत मुश्किल हो गया है। शुरुआत में हाथ को पीछे की तरफ ले जाने और बाद में आगे की तरफ हिलाने में भी परेशानी होने लगती है। चूंकि कंधे के दर्द के दूसरे कारण भी होते हैं, इसलिए इस समस्या का पता लगाने के लिए शोल्डर स्पेशलिस्ट के पास जाना जरूरी है।
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फ्रोजन शोल्डर होने पर क्या जांच कराएं
डॉ विश्वदीप शर्मा बताते हैं कि इस समस्या का डायबिटीज, थायराइड (विशेष रूप से हाइपो थायराइड) और कुछ ऑटोइम्यून बीमारियों के साथ संबंध है। लेकिन अगर आपको कभी डायबिटीज़ नहीं रही है तब भी ब्लड में शुगर के स्तर और एचबीए1सी की जांच ज़रूरी है ताकि डायबिटीज की संभावना को खत्म किया जा सके। फ्रोजन शोल्डर से पीड़ित डायबिटीज के मरीजों को ब्लड शुगर पर सख्ती से नियंत्रण करना जरूरी होता है।
फ्रोजन शोल्डर की समस्या कितने दिनों तक रहती है
जांच से फ्रोजन शोल्डर का पता चलने के बाद यह समझना ज़रूरी है कि यह सेल्फ लिमिटिंग डिसऑर्डर है जो कुछ महीनों से लेकर कुछ वर्षों (1 से 2 वर्ष) तक रह सकता है। लेकिन इस समस्या को जल्द से जल्द ठीक करना जरूरी है।
फ्रोजन शोल्डर से कैसे पाएं राहत
बीमारी का पता जल्दी लगाना बहुत महत्वपूर्ण है। समस्या का पता चलने पर शोल्डर स्पेशलिस्ट के पास जाएं क्योंकि दूसरी वजहों के न होने पर फ्रोजन शोल्डर का तेजी से इलाज किया जा सकता है। यह समस्या लंबे समय तक रहती है, इसलिए आपके घरेलू और ऑफिस के काम का नुकसान भी होता है और इस समस्या की वजह से सामान्य जीवन जीने में भी परेशानी होती है।
फिजियोथेरेपी की है मुख्य भूमिका
इस समस्या से राहत पाने के लिए इसके शुरुआती चरण में मरीज़ों को फिजियोथेरेपी लेनी चाहिए। लेकिन यह बात महत्वपूर्ण है कि मरीज़ों को ज़रूरत से ज़्यादा फिजियोथेरेपी के लिए मज़बूर नहीं करना चाहिए क्योंकि इस दौरान अगर किसी वजह से ज़्यादा दर्द होता है तो उससे दर्द बढ़ेगा और कंधा ज़्यादा स्टफ हो जाएगा और समस्या ज्यादा बढ़ भी सकती है।
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स्टेरॉयड से मिल सकती है राहत
स्टेरॉयड को सूजन और दर्द (जोड़ों के अंदर) की जगह पर सीधा असर करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इससे रोग के लक्षणों में तेज़ी से राहत मिलती है और रोग की मोरबिडिटी कम हो जाती है। इसलिए डॉक्टर इस समस्या के लिए कुछ स्टेरॉयड लेने की सलाह देते हैं।
आर्थ्रोस्कोपी की भूमिका
जोड़ों के बहुत ज्यादा स्टफ होने या उसमें बहुत तेज दर्द होने पर, जब इलाज के किसी भी आम तरीके से कोई राहत नहीं मिले, मरीजों को शोल्डर आर्थ्रोस्कोपी की सलाह दी जाती है। यह की होल सर्जरी है, जिसमें कंधे के जोड़ के कैप्सूल को खोला जाता है। इसमें कंधा अगले दिन से ही हिलना शुरू हो जाता है और मरीजों को लगभग तुरंत ही दर्द से राहत मिल जाती है।
उपर्युक्त सभी लक्षणों से आप फ्रोज़न शोल्डर की समस्या का पता लगा सकती हैं और जल्दी ही इसका समाधान ढूढ़कर सही इलाज भी करा सकती हैं। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
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