आजकल का लाइफस्टाइल ऐसा हो गया है कि लगभग हर कोई तनाव और एंग्जायटी से घिरा रहता है। काम का प्रेशर, पर्सनल प्रॉब्लम्स या किसी भी तरह की मानसिक थकान, ये सभी तनाव और एंग्जायटी के प्रमुख कारण हैं। अगर आप भी चिंता और एंग्जायटी से परेशान हैं और किसी प्राकृतिक उपाय की तलाश में हैं, तो किचन में मौजूद पीला मसाला सबसे अच्छा समाधान हो सकता है।
जी हां, हम हल्दी के बारे में बात कर रहे हैं। इसे किचन का अहम हिस्सा माना जाता है, यह न केवल खाने का स्वाद बढ़ाती है, बल्कि यह शरीर और ब्रेन के लिए भी फायदेमंद होती है। स्ट्रेस और एंग्जायटी को दूर करने के लिए हल्दी कैसे फायदेमंद होती है और इसका इस्तेमाल कैसे करना है? आइए न्यूट्रिशनिस्ट लवनीत बत्रा से विस्तार में जानें-
एक्सपर्ट की राय
एक्सपर्ट का कहना है, ''हल्दी एक मसाला है, जिसमें कुरकुमिन नामक एक्टिव तत्व होता है। इसे एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के लिए जाना जाता है। यह तत्व ब्रेन से जुड़ी समस्याओं को भी दूर करता है। अगर आप स्ट्रेस और एंग्जायटी से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो डेली डाइट में हल्दी को शामिल करना एक असरदार उपाय हो सकता है।''
हल्दी और मानसिक स्वास्थ्य
आप कुरकुमिन को डाइट में शामिल करके ब्रेन में सूजन को कम कर सकते हैं। यह ऑक्सीडेटिव तनाव से भी बचाता है। ऑक्सीडेटिव तनाव ब्रेन के सेल्स को नुकसान पहुंचाता है, जिससे मानसिक और डिप्रेशन जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। हल्दी के कुरकुमिन तत्व में विशेष गुण होते हैं, जो ब्रेन सेल्स को इन हानिकारक प्रभावों से बचाते हैं और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं।
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हल्दी का असर
हल्दी मानसिक स्वास्थ्य के लिए कई तरीकों से फायदेमंद होती है। सबसे पहले, यह ब्रेन में सूजन को कम करती है, जिससे ब्रेन के कार्य क्षमता में सुधार होता है। स्ट्रेस और एंग्जायटी के दौरान ब्रेन में सूजन बढ़ सकती है, जो मानसिक स्वास्थ्य को बिगाड़ सकती है। इस तरह की सूजन को हल्दी कम कर सकती है, जिससे व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है और वह तनाव से राहत महसूस करता है।
इसके अलावा, हल्दी में पाया जाने वाला alpha-linolenic acid (ALA) एक प्रकार का ओमेगा-3 फैटी एसिड है, जो पौधों में पाया जाता है। यह DHA (Docosahexaenoic Acid) में प्रभावी रूप से परिवर्तित हो सकता है। DHA ब्रेन के कार्य में जरूरी भूमिका निभाता है और इसका सही लेवल मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। हल्दी खाने से DHA का लेवल बढ़ता है, जिससे ब्रेन के सारे काम अच्छी तरह से होते हैं। इससे स्ट्रेस और एंग्जायटी भी छुटकारा मिलता है।
हल्दी को अपनी डाइट में कैसे शामिल करें?
हल्दी का सेवन करने के लिए आप कई तरीके कर सकते हैं। इसका इस्तेमाल बहुत आसान है और इसके स्वाद और स्वास्थ्य लाभों के लिए आपको सिर्फ कुछ बदलाव करने होंगे:
हल्दी वाला दूध
हल्दी को अपनी डाइट में शामिल करने का यह सबसे आसान और असरदार तरीका है। आप एक गिलास गर्म दूध में 2 चुटकी हल्दी डालकर इसे अच्छे से मिलाएं और रात को सोने से पहले पिएं। हल्दी वाला दूध ब्रेन को शांत करता है और नींद में सुधार करता है, जो मानसिक तनाव को कम करता है।
हल्दी की चाय
हल्दी को चाय में मिलाकर पीने से भी स्ट्रेस और एंग्जायटी से राहत मिलती है। आप अदरक, तुलसी और हल्दी को उबालकर चाय बना सकते हैं और रोजाना पी सकते हैं।
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हल्दी का पाउडर
हल्दी का पाउडर अपने खाने में इस्तेमाल करें, जैसे कि करी, चावल या सलाद। यह न केवल खाने का स्वाद बढ़ाता है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी लाभ पहुंचाता है। आप हल्दी को पेस्ट के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं। हल्दी को ताजे पानी में मिलाकर पेस्ट बना लें और इसे अपने खाने में डालें। आप इसे सूप, दाल या सब्जियों में डालकर भी खा सकते हैं।
हल्दी न सिर्फ शरीर के लिए फायदेमंद होती है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाती है। आप हल्दी को डाइट में शामिल करके मानसिक शांति पा सकते हैं और स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं।
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Image Credit: Shutterstock & Freepik
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