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न्यूबॉर्न बेबी की पहले 28 दिन करें स्पेशल केयर, एक्सपर्ट से समझें कैसे

न्यूबॉर्न बेबी को पहले 28 दिन स्पेशल केयर की जरूरत होती है। वरना कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। आइए, यहां एक्सपर्ट से जानते हैं कि पहले 28 दिन बेबी की कैसे केयर की जा सकती है।
Editorial
Updated:- 2024-09-19, 19:22 IST

बेबी के जन्म से पहले ही मां अपने बच्चे के लिए हजारों सपने सजा लेती है। उसके लिए कपड़े, खिलौने और साज-सजावट का सामान खरीदना शुरू कर देती है। लेकिन, बच्चे को जन्म के बाद सबसे ज्यादा स्पेशल केयर की जरूरत होती है। न्यूबॉर्न बेबी बेहद नाजुक होता है, उसकी पहले 28 दिन विशेष देखभाल करनी चाहिए। ऐसे में नई मां कई बार दादी-नानी के नुस्खे तो कई बार इंटरनेट का सहारा लेती है, क्योंकि वह अपने बच्चे की सेहत के साथ कोई समझौता नहीं करना चाहती है।

पहली बार मां बनने वाली महिलाओं के मन में बच्चे की केयर को लेकर कई सवाल होते हैं कि आखिर कब बच्चे को दूध पिलाना है, कब नहलाना है, कितने कपड़े पहनाने हैं या उसका कितनी बार यूरिन-स्टूल पास करना सही है। इन्हीं सब सवालों को लेकर नई मां कंफ्यूज भी हो जाती हैं। यहां हम पहले 28 दिन में न्यूबॉर्न बेबी की कैसे देखभाल करें, इस बारे में कुछ टिप्स बता रहे हैं, जो नई मां के लिए खूब मददगार साबित हो सकते हैं। न्यूबॉर्न बेबी की कैसे देखभाल की जाए, इस बारे में हमने चाइल्ड स्पेशलिस्ट और नियोनेटोलॉजिस्ट डॉक्टर रितिका सिंघल से बात की है। डॉक्टर रितिका सिंघल एमबीबीएस, एमडी, डीएनबी, एमएनएएमएस और पीजीपीएन (बॉस्टन,यूएसए) है ।

  • एक्सपर्ट के मुताबिक, पहले 28 दिन में बच्चा बहुत ही नाजुक होता है। उसकी त्वचा बहुत ही कोमल होती है, उसके इंटरनल ऑर्गन पूरे नहीं बने होते हैं। ऐसे में उनके टेंपरेचर से लेकर दूध पिलाने आदि का पूरा-पूरा ध्यान रखने की जरूरत होती है। एक्सपर्ट ने न्यूबॉर्न बेबी के लिए मां का दूध यानी ब्रेस्ट फीडिंग पर जोर दिया है। मां का दूध बच्चे के लिए कई तरह से फायदेमंद होता है।
  • एक्सपर्ट के मुताबिक, डिलीवरी के बाद पहले हफ्ते में बच्चे को हर दो से तीन घंटे में दूध पिलाना चाहिए, जिससे उनका लेवल कम ना हो जाए। ज्यादातर नॉर्मल बॉर्न बेबी में एक हफ्ते की उम्र तक लीवर डेवलप हो जाता है और शुगर कम होने के चांस भी कम हो जाते हैं। पहले हफ्ते के बाद बेबी को डिमांड फीडिंग किया जाता है यानी चार से पांच घंटे में भी दूध पिलाया जा सकता है। एक्सपर्ट का कहना है कि सोते हुए बच्चे को जबरदस्ती उठाकर दूध पिलाने की जरूरत नहीं होती है।   

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  • एक्सपर्ट के मुताबिक, बच्चे को पर्याप्त दूध जा रहा है, इसका सबसे अच्छा सबूत होता है कि वह दिन में पांच से छह बार यूरिन पास करे। साथ ही, कोशिश करें कि बच्चे को मां का ही दूध पिलाएं, क्योंकि इससे अच्छा कुछ भी नहीं होता है। मां का दूध सबसे ज्यादा हाइजनिक और साफ-सुथरा होता है। अगर किसी वजह से मां का दूध उपलब्ध नहीं है, तो बच्चे को फॉर्मूला मिल्क यानी पाउडर वाला दूध दिया जा सकता है। एक्सपर्ट का कहना है कि यह एक दवा की तरह होता है, इसलिए इसे अपने आप शुरू न करें, डॉक्टर की सलाह के बाद ही बच्चे को दें। गाय का दूध भी कुछ लोग बच्चों को देते हैं, लेकिन यह सेफ नहीं होता है। बच्चे की आंतें कमजोर होने की वजह से आंतों का इंफेक्शन भी हो सकता है।  

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  • एक्सपर्ट के मुताबिक, बच्चे के शरीर का टेंपरेचर मेंटेन रखना चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि बच्चे टॉयलेट अपने कपड़ों या डायपर में करते हैं और जितनी देर में उनके कपड़े बदले जाते हैं उतनी ही देर में उनकी बॉडी का टेंपरेचर कम हो जाता है। बच्चे की बॉडी के टेंपरेचर को मेंटन रखने के लिए जितने कपड़ों की लेयर हमने पहनी होती है, उससे एक ज्यादा उसे पहनना चाहिए। साथ ही, कमरे में अगर AC चला रहे हैं, तो उसका टेंपरेचर 27 से 30 सेंटीग्रेड के बीच ही रखना चाहिए।  
  • एक्सपर्ट के मुताबिक, बच्चे की साफ-सफाई का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी होता है, लेकिन उसे तभी नहलाएं जब उसकी कोर्ड फॉल ऑफ कर जाए। तब तक बच्चे की स्पॉन्जिंग ही करनी चाहिए। स्पॉन्जिंग के लिए वेट वाइप्स या बाजार में मिलने वाले गीले टिश्यू पेपर का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, क्योंकि उनमें अल्कोहल होता है, जिससे बच्चे की नाजुक स्किन पर असर पड़ता है। बच्चे की सफाई के लिए सूती कपड़े को पानी में भिगोकर इस्तेमाल करना चाहिए। न्यूबॉर्न बेबी की साफ-सफाई और नहलाते समय सावधानी बरतनी चाहिए। 

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  • एक्सपर्ट के मुताबिक, बच्चों को टेल्कम पाउडर बिल्कुल नहीं लगाना चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि जब टेल्कम पाउडर लगाया जाता है तो वह हवा में फैल जाता है और जब पंखा बंद होता या हवा रुकती है, तो वह बच्चे की सांस की नली में जा सकता है, जिससे बच्चे को खांसी, बंद नाक की परेशानी हो सकती है। इसी के साथ बच्चे की स्किन पर टेल्कम पाउडर के कण बैठते हैं तो उसकी स्किन पिग्मेंटेशन होनी शुरू हो जाती है। इसलिए, बच्चे के कमरे में भी कोई दूसरा  पाउडर का इस्तेमाल ना करें।

अब आप बच्चे की पहले 28 दिन में केयर कैसे करें यह समझ गई होंगी। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या का हल करने की कोशिश करेंगे। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।

 Image Credit: Freepik

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