रोज़मर्रा की थकान के बाद जब आप अपने लिए कुछ निजी पल चाहती हैं तो क्या आपके साथ भी ऐसा होता है कि आपको कई शारीरिक समस्याएं होने लगती हों? अधिकतर उम्र बढ़ने के बाद इस तरह की समस्याएं होती हैं और ऐसे में हम ये नहीं समझ पाते हैं कि हमें क्या हो रहा है। दरअसल, असली समस्या होती है उम्र बढ़ने के बाद जब हमारे शरीर में कई बदलाव समझ आते हैं।
गायनेकोलॉजिकल समस्याओं में पीरियड्स, प्रेग्नेंसी, डिस्चार्ज, सेक्शुअल समस्याएं, प्री-मेनोपॉज, मेनोपॉज आदि बहुत कुछ शामिल होता है। इसमें निजी समस्याएं जैसे सेक्सुअल इशूज भी शामिल होते हैं। आपको शायद इस बात का अंदाज़ा ना हो, लेकिन एक रिपोर्ट मानती है कि लगभग 45% महिलाओं के साथ ये समस्या होती है और उन्हें किसी न किसी तरह के सेक्शुअल फंक्शन से परेशान रहती हैं।
30 की उम्र के बाद हमारे शरीर को कई गायनेकोलॉजिकल समस्याएं सता सकती हैं और उन्हें जानने के लिए हमने नोएडा मदरहुड हॉस्पिटल की सीनियर कंसल्टेंट, ऑब्सटेट्रिशियन और गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर मंजू गुप्ता और डॉक्टर तनवीर औजला से बात की। इस आर्टिकल में डॉक्टर मंजू गुप्ता, डॉक्टर तनवीर औजला के इनपुट्स के साथ अलग-अलग हेल्थ रिसर्च के इनपुट्स लिए गए हैं।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के एक रिसर्च पेपर में ये बात सामने आई थी कई महिलाओं को एक समय के बाद इसमें कमी महसूस होती है। डॉक्टर तन्वीर औजला का मानना है कि इसका एक कारण बढ़ती उम्र हो सकता है। इसके अलावा, हार्मोनल समस्याएं भी इसकी जिम्मेदार हो सकती हैं, इसके अलावा शारीरिक बदलाव, मेनोपॉज, प्रेग्नेंसी की समस्या, इमोशनल बदलाव आदि बहुत कुछ इसका जिम्मेदार हो सकता है।
ऐसे समय में ये बेहतर होगा कि आप अपनी समस्या को समझें, अगर इंटरकोर्स के समय दर्द आदि हो रहा है तो पहले डॉक्टर से बात करें, ल्यूब्रिकेशन आदि यूज करें जो ज्यादा बेहतर होगा।
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जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है वैसे-वैसे हमारा शरीर भी भरने लगता है और ऐसे समय में पीसीओएस जैसी समस्या आम है। कई बार इसके कारण बॉडी हेयर भी बहुत बढ़ जाते हैं और ये एक तरह से परेशानी का इशू बन जाता है। डॉक्टर मंजू कहती हैं कि ऐसे समय में आपको अपनी लाइफस्टाइल पर ध्यान देना चाहिए। अगर लाइफस्टाइल ठीक तरह से नहीं होगी तो पीसीओएस की समस्या बढ़ेगी और इसे काबू करना आसान नहीं होगा।
ये समस्या भी बढ़ती उम्र के साथ बढ़ने लगती है। हालांकि, अब तो ये कम उम्र की लड़कियों को भी हो रही है, लेकिन अगर बात करें यूटीआई की तो इसे लेकर 30 से ज्यादा उम्र वाली महिलाएं परेशान होती हैं। ऐसे समय में कई बार हार्मोनल समस्याएं वेजाइनल ड्राईनेस और खुजली का कारण भी बन सकती हैं।
ऐसे में आपको डॉक्टर से बात करनी चाहिए। अगर वेजाइनल ड्राईनेस या खुजली जैसी कोई समस्या है तो उसके लिए प्रॉपर ट्रीटमेंट जरूरी है।
डॉक्टर मंजू के मुताबिक आपको अपना पूरा चेकअप रेगुलर करवाते रहना चाहिए। कई बार हम अपनी जिंदगी में इतने बिजी हो जाते हैं कि अपने ही शरीर को भूल जाते हैं। छोटी सी गठान, लोअर एब्डोमेन में दर्द, दर्द भरे पीरियड्स आदि के बारे में जानकारी रखना बहुत जरूरी है।
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कई बार आपके शरीर में हो रही परेशानी का एक लक्षण वेजाइनल डिस्चार्ज होता है और इसे लेकर ध्यान देना जरूरी है। निजी समस्याओं को लेकर अगर आप अपने मन में सवाल दबाकर बैठ जाएंगी तो ये आपकी सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकता है। आप इसके बारे में हमें कमेंट बॉक्स में बताएं या पर्सनल मैसेज कर सवाल पूछें और हम उन सवालों के जवाब अपनी स्टोरीज के जरिए एक्सपर्ट वेरिफाइड कंटेंट के रूप में आप तक पहुंचाने की कोशिश करेंगे।
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